मणिपुर में मई माह के शुरुआत में आई भारी बारिश की वजह से मची तबाही से निपटने के लिए सरकार लगातार सक्रिय है। इस बीच, यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने मणिपुर के लोगों की मदद के लिए ढाई लाख यूरो देने की घोषणा की थी, लेकिन उसे मणिपुर सरकार ने ठुकरा दिया है। ईयू ने जो ढाई लाख यूरो भेजे हैं, वो राशि भारतीय करेंसी में करीब सवा 2 करोड़ रुपए के बराबर बैठती है। मणिपुर सरकार ने कहा कि हमने प्रभावितों की मदद के लिए 30 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है और लोगों तक राहत पहुँच रही है। ऐसे में हमें बाहरी मदद की जरूरत नहीं है।
बता दें कि ईयू ने 29 मई 2024 को घोषणा की थी कि वो मणिपुर के आपड़ा प्रभावितों की मदद के लिए 2.5 लाख यूरो भेज रही है। इससे 1500 परिवारों की मदद की जाएगी।
खास बात ये है कि ये मदद ईयू जिस एनजीओ की सहायता से पहुँचा रहा है, वो सेवेंथ डे एवेंटिट चर्च द्वारा ऑपरेट होता है। ऐसे में मणिपुर में चर्च के पैसों से खास समुदाय को पैसे देने की योजना बन रही थी, लेकिन मणिपुर सरकार ने इसे गलत बताया है और कहा कि हम समान भाव से अपने सभी नागरिकों का ख्याल रख रहे हैं। मणिपुर सरकार ने यूरोपीय यूनियन पर गलत जानकारियाँ फैलाने का भी आरोप लगाया है।
मणिपुर सरकार ने इस मामले में प्रेस रिलीज भी जारी की है। मणिपुर सरकार ने कहा, ‘हाल ही के दिनों में राज्य में जो तूफान आया था, उसे लेकर बचाव कार्य से जुड़े जो भी खर्चे हो रहे हैं, उसे नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और राज्य डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की ओर से पूरा किया जा रहा है। तूफान से जुड़े राहत कार्य संबंधित डिप्टी कमिश्नर, सुरक्षा बलों और सार्वजनिक स्वयंसेवकों के माध्यम से संचालित किए जा रहे हैं।’
सरकारी नोटिफिकेशन में ये भी साफ किया गया है कि राहत बचाव का कार्य किसी भी गैर सरकारी संगठन या नागरिक समाज संगठन को नहीं सौंपा गया है। इसके अलावा मणिपुर सरकार ने तूफान से प्रभावित राज्य के जिलों के डिप्टी कमिश्नर को 30 करोड़ रुपये पहले ही मँजूर कर दिए हैं।
🚨#Manipur government says "no NGO or civil society organisation have been entrusted to carry out relief work… all financial requirements in connection with the recent storm are being met from the available National Disaster Response Fund…" EU is spreading Fake News .. shame… https://t.co/t6YSA4zsvw pic.twitter.com/jZvuGT51vy
— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) May 30, 2024
बता दें कि मणिपुर में हिंसा के समय ईयू ने इस मुद्दे पर अपने संसद में बहस कराई थी। इसका भारत सरकार ने तीखा विरोध किया था। वहीं, ईयू ने जिस चर्च के एनजीओ के माध्यम से ये राहत राशि भेजी थी, वो काफी विवादों में घिरी रही है। वहीं, मणिपुर हिंसा में ईसाईयों के संगठनों का भी कनेक्शन निकल रहा है।
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