Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाज'हमें नहीं है ज़रूरत': मणिपुर को मदद के नाम पर यूरोपियन यूनियन का मिशनरी...

‘हमें नहीं है ज़रूरत’: मणिपुर को मदद के नाम पर यूरोपियन यूनियन का मिशनरी एजेंडा, राज्य सरकार ने पैसे ठुकराते हुए कहा – हम चला रहे राहत कार्य

ईयू ने जिस चर्च के एनजीओ के माध्यम से ये राहत राशि भेजी थी, वो काफी विवादों में घिरी रही है। मणिपुर हिंसा में ईसाईयों के संगठनों का भी कनेक्शन निकल रहा है।

मणिपुर में मई माह के शुरुआत में आई भारी बारिश की वजह से मची तबाही से निपटने के लिए सरकार लगातार सक्रिय है। इस बीच, यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने मणिपुर के लोगों की मदद के लिए ढाई लाख यूरो देने की घोषणा की थी, लेकिन उसे मणिपुर सरकार ने ठुकरा दिया है। ईयू ने जो ढाई लाख यूरो भेजे हैं, वो राशि भारतीय करेंसी में करीब सवा 2 करोड़ रुपए के बराबर बैठती है। मणिपुर सरकार ने कहा कि हमने प्रभावितों की मदद के लिए 30 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है और लोगों तक राहत पहुँच रही है। ऐसे में हमें बाहरी मदद की जरूरत नहीं है।

बता दें कि ईयू ने 29 मई 2024 को घोषणा की थी कि वो मणिपुर के आपड़ा प्रभावितों की मदद के लिए 2.5 लाख यूरो भेज रही है। इससे 1500 परिवारों की मदद की जाएगी।

खास बात ये है कि ये मदद ईयू जिस एनजीओ की सहायता से पहुँचा रहा है, वो सेवेंथ डे एवेंटिट चर्च द्वारा ऑपरेट होता है। ऐसे में मणिपुर में चर्च के पैसों से खास समुदाय को पैसे देने की योजना बन रही थी, लेकिन मणिपुर सरकार ने इसे गलत बताया है और कहा कि हम समान भाव से अपने सभी नागरिकों का ख्याल रख रहे हैं। मणिपुर सरकार ने यूरोपीय यूनियन पर गलत जानकारियाँ फैलाने का भी आरोप लगाया है।

मणिपुर सरकार ने इस मामले में प्रेस रिलीज भी जारी की है। मणिपुर सरकार ने कहा, ‘हाल ही के दिनों में राज्य में जो तूफान आया था, उसे लेकर बचाव कार्य से जुड़े जो भी खर्चे हो रहे हैं, उसे नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और राज्य डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की ओर से पूरा किया जा रहा है। तूफान से जुड़े राहत कार्य संबंधित डिप्टी कमिश्नर, सुरक्षा बलों और सार्वजनिक स्वयंसेवकों के माध्यम से संचालित किए जा रहे हैं।’

सरकारी नोटिफिकेशन में ये भी साफ किया गया है कि राहत बचाव का कार्य किसी भी गैर सरकारी संगठन या नागरिक समाज संगठन को नहीं सौंपा गया है। इसके अलावा मणिपुर सरकार ने तूफान से प्रभावित राज्य के जिलों के डिप्टी कमिश्नर को 30 करोड़ रुपये पहले ही मँजूर कर दिए हैं।

बता दें कि मणिपुर में हिंसा के समय ईयू ने इस मुद्दे पर अपने संसद में बहस कराई थी। इसका भारत सरकार ने तीखा विरोध किया था। वहीं, ईयू ने जिस चर्च के एनजीओ के माध्यम से ये राहत राशि भेजी थी, वो काफी विवादों में घिरी रही है। वहीं, मणिपुर हिंसा में ईसाईयों के संगठनों का भी कनेक्शन निकल रहा है।

मूल रूप से ये खबर अंग्रेजी भाषा में लिखी गई है। मूल खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

एस-400 ‘सुदर्शन’ का दिखा दम: दुश्मनों के हमलावर ‘पैकेज’ का 80% हिस्सा किया साफ, IAF हुई और भी ताकतवर

भारतीय वायुसेना ने अपने एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली का नाम पौराणिक संदर्भ में 'सुदर्शन' रखा है।

पुलिस ने की सिर्फ पूछताछ, गिरफ्तार नहीं: हज पर मुस्लिम महिलाओं के यौन शोषण की आवाज उठाने वाले दीपक शर्मा पर कट्टर इस्लामी फैला...

दीपक शर्मा कहते हैं कि उन्होंने हज पर महिलाओं के साथ होते व्यवहार पर जो ट्वीट किया, वो तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने पुलिस को भी यही बताया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -