JNU में छात्रों का प्रदर्शन अराजकता के स्तर पर पहुँच गया है जिससे न सिर्फ प्रशासन बल्कि आम जनता भी तंग आ चुकी है। सोशल मीडिया पर पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ से कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं। इसी बीच रहमान मलिक ने HRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर JNU के स्थान्तरण की ही माँग रख दी है। अपने पत्र में उन्होंने उन्होंने इसके कई कारण बताए हैं।
रहमान मलिक लिखते हैं, “मान्यवर मैं आपका ध्यान ऐसे विषय के तरफ केंद्रित करना चाहता हूँ जो देश में शैक्षणिक स्तर और देश की राजधानी दिल्ली के सुनहरे भविष्य के लिए हितकारी होगा। देश की राजधानी में 1019.32 एकड़ में बनी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पढाई कर रहे देश के छात्र और छात्राओं को के लिए अलग से दिल्ली एनसीआर में भूमि अधिग्रहण कर यूनिवर्सिटी बनाई जाए जहाँ एकांत व खुला स्वच्छ वातावरण हों।
@DrRPNishank letter sent to you for betterment of students of #JNU.#JNU must be transferred out of Delhi. Climate condition and social atmosphere in Delhi creates distraction for students and researcher.
— Raman Malik (@ramanmalik) November 21, 2019
Please Re-establish it in #Mewat region in Haryana #shiftJNUtoMEWAT pic.twitter.com/oCi0Jbbylv
राजधानी दिल्ली में JNU के छात्र एकाग्रता से पढाई नहीं कर पाते। दिल्ली बहुत भीड़ भाड़ वाला इलाका है जहाँ छात्रों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दिल्ली का वातावरण भी अच्छा नहीं है उन्हें कच्ची आयु में दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है। देखने में आया है कि कुछ छात्र 40-45 की उम्र में भी अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाते। यह चिंताजनक है। पूरा पत्र आप नीचे पढ़ सकते हैं।
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हॉस्टल मैन्युअल अपडेट किए जाने को लेकर विवाद चल रहा है। इस यूनिवर्सिटी में सबसे ज्यादा छात्र आर्ट्स, सोशल स्टडीज, लैंग्वेज कोर्स और इंटरनेशनल स्टडीज पढ़ते हैं। जेएनयू में लगभग 8,000 छात्र हैं। इनमें से आधे से ज्यादा आर्ट्स, लैंगवेज, लिटरेचर और सोशल साइंस के हैं। 57% छात्र इन्हीं चार विषयों की पढ़ाई करते हैं। बाकी बचे छात्रों में से 15% इंटरनेशनल स्टडीज में हैं। कुल छात्रों में से 55% एमफिल और पीएचडी कर रहे हैं। जो सालों तक वहीं पड़े रहकर राजनीतिक गतिविधियाँ चला रहे हैं।