नौकरी के नाम पर खाड़ी देशों में भेजी गई 9 लड़कियों ने स्वदेश वापस आ कर 28 सितंबर 2024 को राज्यसभा सांसद बलवीर सिंह सींचेवाल से मुलाकात की। इन सभी को वापस लाने में बलवीर सिंह ने काफी मदद की थी। इस दौरान उन्होंने बताया कि खाड़ी देशों में उनको शारीरिक और मानसिक यातना के दौर से गुजरना पड़ा था। इस मुलाकात के बाद यह तथ्य प्रकाश में आया कि पंजाब और उसके आसपास एक रैकेट काफी एक्टिव है जो लड़कियों को विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर खाड़ी देशों में भेज रहा है।
ओमान, ईराक, सीरिया जैसे देशों से वापस लौटी इन महिलाओं ने बताया कि उनको वहाँ अमानवीय यातनाएँ दी जाती हैं। इन यातनाओं में 20 से 22 घंटों तक काम करवाना, ठीक से खाना-पीना न देना, वापस जाने की माँग पर मारपीट करना और तहखाने में रखना जैसी प्रताड़ना शामिल हैं। इन महिलाओं पर पुरुषों की मालिश और निकाह का दबाव जैसे अनैतिक कामों का दबाव दिया जाता था। लड़कियों को दलदल में धकेल पर उन्हें भेजने वाले दलाल भी मुँह फेर लेते हैं।
आइए जानते हैं कि यह रैकेट कैसे काम करता है किस तरह से भोली-भाली लड़कियाँ इनके चंगुल में फँस जाती हैं।
बरनाला की महिला फँसी ओमान में
दलालों के इस रैकेट की शिकारों में एक महिला पंजाब के बरनाला की भी है। तलाकशुदा व 1 बच्चे की माँ इस महिला के परिजनों ने कर्ज ले कर उसे ओमान भेजा था। महिला अपने बच्चे को मायके में छोड़ कर गई थी। वहाँ जाने के कुछ ही समय बाद महिला के साथ प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया था। ओमान में महिला से पैसों की उगाही शुरू कर दी गई। उगाही के लिए ओमान में उसे चोरी के झूठे केस में फँसाने की धमकी भी मिल रही थी।
अक्टूबर 2024 में पीड़िता ने एक रिकॉर्डिंग भेज कर बताया था कि ओमान में हर दिन उसकी पिटाई होती है। कई बार तो पूरे हफ्ते परिजनों से बात भी नहीं करने दी जाती थी। पीड़िता ने खुद को आत्महत्या के लिए मजबूर बताते हुए भारत सरकार से भी मदद की गुहार लगाई थी। महिला की माँ ने बताया कि उनकी बेटी को ओमान भेजने में एक रिश्तेदार ने मध्यस्थता निभाई थी।
दुबई में मनदीप कौर पर फर्जी केस
सितंबर 2024 में भारत दुबई से मनदीप कौर भारत लौटी थीं। वह 5 वर्षों से दुबई में रहती थी। मनदीप कौर मूलतः पंजाब के बरनाला की हैं। उनको दुबई में ड्रग्स के फर्जी केस में फँसा कर प्रताड़ित किया गया। मनदीप कौर के पास पैसे भी खत्म हो गए थे। आख़िरकार राजनैतिक प्रयासों से मनदीप कौर को वापस भारत लाया गया।
ओमान में गीता की बुरी तरह से पिटाई
मनदीप कौर के ही साथ ओमान से गीता को भी नवंबर 2024 में ओमान से भारत लाया गया था। घर की खराब आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए गीता एजेंटों के चक्कर में आ गईं। उनको ओमान भेज दिया गया था। ओमान में गीता को बंधक बना लिया गया। यहाँ गीता की कई बार पिटाई हुई। उनसे लगातर काम करवाया जाता था। गीता को ठीक से खाना-पीना भी नहीं मिलता था।
बताया जॉर्डन, भेज दिया सीरिया
पंजाब के मोगा की रहने वाली एक 32 वर्षीया महिला को जॉर्डन में नौकरी का झाँसा दे कर एजेंटों ने सीरिया भिजवा दिया था। महिला को टूरिस्ट वीजा पर भेजा गया था। एजेंटों ने महिला को अच्छा खाना और बढ़िया सैलरी का झूठा वादा किया था। पीड़िता ने बताया कि एक बहुत बड़े परिवार के लिए उनसे सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक उनसे काम करवाया जाता था। महज एक समय खाना दिया जाता था। जब महिला ने एजेंट से अपनी वापसी की गुहार लगाई तो उस से 2 लाख रुपयों की डिमांड की गई।
2021 में दुबई से वापस आई थीं 8 लड़कियाँ
जनवरी 2021 में दुबई में फँसी 8 लड़कियों को भारत लाया गया था। ये लड़कियाँ पंजाब के अलग-अलग हिस्सों की हैं। इन सभी को अच्छी सैलरी का लालच दे कर एजेंट अपने साथ खाड़ी देश ले गए थे। बाद में सभी को मारा-पीटा जाने लगा। ये सभी लड़कियाँ हिन्दू और सिख धर्म से हैं जो कि नवाँशहर, जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, होशियारपुर, कपूरथला और मुक्तसर साहिब की रहने वाली हैं। वापसी के बाद इन लड़कियों ने बताया था कि वहाँ अभी भी भारत के तमाम प्रदेशों की 200 लड़कियाँ फँसी हुई हैं।
शेख ने कराया काम और किया शारीरिक शोषण
अक्टूबर 2022 में पंजाब के मुक्तसर साहिब की एक महिला के ओमान में फँसे होने की जानकारी मिली थी। तब महिला ने अपना वीडियो बना कर खुद को वहाँ से निकालने की गुहार लगाई थी। लगभग 31 वर्षीया इस महिला का आरोप था कि उसे एक शेख के घर काम पर रखा गया है। शेख दिन-रात न सिर्फ जानवरों की तरह उस से काम करवाता था बल्कि अक्सर महिला का यौन शोषण भी करता था।
रात में मालिश का दबाव
जालंधर निवासिनी 35 वर्षीया महिला ने सांसद संत बलवीर सिंह से आपबीती बताई। उसे एक एजेंट ने ओमान के मस्कट भेज दिया था। इस पीड़िता को श्रीलंका और नेपाल सहित कई अन्य देशों की लड़कियों के साथ एक कमरे में बंद कर दिया गया था। यहाँ से पीड़िता को एक परिवार में भेजा गया जिसमें 50 से अधिक सदस्य थे। ये परिवार ऊँट तक खाता था। यही खाना पीड़िता को भी खाने का दबाव बनाया जाता था। हालाँकि महिला इस से इंकार कर देती थी और चावल के साथ नमक खा कर गुजारा कर रही थी।
महिला को हरदम CCTV की नजर में रखा जाता था। जब पीड़िता ने यहाँ काम करने से मना कर दिया तब उसे एजेंट ने अपने ऑफिस में बंधक बना लिया। इस ऑफिस के बॉस ने पीड़िता सहित अन्य लड़कियों पर रात में अपनी मालिश करने का दबाव बनाया। जब पीड़िता ने ऑफिस की एक अन्य महिला स्टा से मदद माँगी तो उसे मालिश करवाने वाले व्यक्ति से निकाह करने की नसीहत दी गई।
ऊपर के कुछ उदाहरण तो महज एक बानगी भर हैं। ऐसी तमाम पीड़िताएँ भी हैं जो अभी खाड़ी देशों में प्रताड़ना झेल रहीं हैं। आइए जानते हैं कि ये महिलाएँ एजेंटों के चक्कर में पड़ कर खाड़ी देशों में कैसे पहुँच जाती हैं।
गरीब और जरूरतमंद महिलाएँ टारगेट पर
मानव तस्करी की तरह संचालित इस नेटवर्क को चलाने वाले एजेंट खासतौर पर गरीब महिलाओं को अपना टारगेट बनाते हैं। इनके निशाने पर कक्षा 10 और 12 पास महिलाएँ ज्यादातर होती हैं। गरीब और अनपढ़ महिलाओं की तलाश में दलालों का नेटवर्क ग्रामीण इलाकों में ज्यादा सक्रिय रहता है। ये लोग न सिर्फ जरूरतमंद महिलाओं बल्कि कैरियर बनाने की इच्छा रखने वाली लड़कियों को भी विदेश में अच्छी नौकरी और वेतन के साथ लक्जरी लाइफ के सपने दिखाते हैं।
पंजाब पुलिस के NRI विंग के ADG प्रवीण कुमार जागरण से बताते हैं कि एजेंटों के चक्कर में आने के बाद महिलाओं के विदेश जाने की जानकारी उन तक नहीं पहुँच पाती। इसी वजह से पुलिस यह तस्दीक नहीं कर पाती कि एजेंट जिस महिला से जो वादा कर के विदेश भेज रहे हैं वो सही है या महज झाँसा। हालाँकि जब इन महिलाओं के विदेश में किसी दिकक्त में फँस जाने की सूचना पुलिस को मिलती है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।
विदेश भेजने के नाम पर उगाही
गाँव और शहरों में फैले एजेंट जब किसी महिला को अच्छी नौकरी व बेहतर जिंदगी का भरोसा दे कर अपने झाँसे में ले लेते हैं, तब उनसे उगाही का दौर शुरू हो जाता है। शुरुआती तौर पर पासपोर्ट, वीजा, हवाई जहाज का खर्च आदि बता कर इस महिलाओं से 60 से 70 हजार रुपए ऐंठ लिए जाते हैं। पहले से गरीब महिलाएँ ये पैसे अक्सर अपनी जमीन और गहने आदि बेच कर भरती हैं। उन्हें यह उम्मीद होती है कि विदेश में मिलने वाले अच्छे पैसों से वो जल्द ही अपना कर्ज उतार लेंगी।
सांसद बलवीर सिंह सींचेवाल के मुताबिक जिन कागजी प्रक्रियाओं की लगत अधिकतम 5 हजार है उसे ये एजेंट 60 से 70 हजार रुपये का बता कर कई गुना ज्यादा पैसे ऐंठ रहे हैं। अब तक पीड़िताओं के बयानों के आधार पर पता चला है कि एजेंट उन्हें शॉपिंग मॉल, ब्यूटी पॉर्लर और ऑफिसों में काम दिलाने का झाँसा देते हैं। घरेलू काम भी कई बार बहुत बड़े घरानों के लिए बताया जाता है।
विदेशी पैसों की चकाचौंध से आकर्षण
पंजाब के अलग-अलग शहरों व गाँवों के तमाम लोग विदेशों में बसे हुए हैं। इसमें से अधिकतर कनाडा में शिफ्ट हुए हैं। कईयों ने विदेशों में अपने कारोबार आदि जमा लिए हैं। इस से उनके पूरे परिवार की जीवन शैली में काफी बदलाव आया है। यह बदलाव महंगी गाड़ियों, ऊँची कोठियों आदि के तौर पर दिखाई देता है। यही बदलाव बाकी लोगों को भी विदेश में जा कर पैसे कमाने की दिशा में आगे बढ़ा देता है। एक अनुमान के मुताबिक खाड़ी देशों में फँसी 10 में से महज 3 महिलाएँ ही सही सलामत अपने घरों को वापस लौट पाती हैं।
विदेश में दूतावास ही सहारा
जालंधर में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने जागरण को बताया कि वीडियो में फँसी उन्ही लड़कियों की सूचना पुलिस तक आ पाती है जो दूतावास से सम्पर्क करती हैं। दूतावास इन मामलों को आधिकारिक तौर पर भारत में भेजता है जिसके बाद स्थानीय प्रशासन सक्रिय होता है। यहाँ ध्यान रखने योग्य यह है कि जागरूकता की कमी और कई अन्य कारणों से दूसरे देशों में फँसी लड़कियाँ दूतावास तक अपनी शिकायत नहीं पहुँचा पाती हैं। उनकी मदद में विलम्ब इसी वजह से होता है।
पंजाब पुलिस के पास कोई ऐसा डाटा नहीं है जो विदेश में फँसी लड़कियों के सटीक आँकड़े दे सके। हालाँकि विदेश में फंसे लोगों के लिए भारत सरकार ने आधिकारिक ई मेल भी जारी किया है। विदेश में इस तरह की किसी भी मुसीबत में फँसे व्यक्ति के बारे में [email protected] पर मेल कर के मदद माँगी जा सकती है। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 110041119051100 पर भी कॉल कर के सहायता माँगी जा सकती है।
पंजाब सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री बलजीत कौर ने मानव तस्करी के बढ़ते इन मामलों का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा है विदेश में फँसी उन लड़कियों की जानकारी जुटाई जा रही है जो पंजाब से गई हैं। बलजीत कौर ने आगे बताया कि सरकार युवाओं को जागरूक करने के साथ इस मामले में जल्द ही नई पॉलिसी लाने जा रही है। उन परिजनों से भी सम्पर्क करने का प्रयास किया जा रहा है जिनके घर की महिलाएँ विदेश में हैं।
पिछले 2 वर्षों में वापस लौटीं 100 से अधिक महिलाएँ
एक आँकड़े के अनुसार पिछले 2 वर्षों में खाड़ी देशों से लगभग 104 महिलाएँ पंजाब वापस लौटी हैं। इसमें सबसे अधिक संख्या जालंधर से है। यहाँ से 23 महिलाएँ वापस लौट कर आई हैं। दूसरे और तीसरे नंबर पर कपूरथला और फ़िरोज़पुर है। यहाँ से क्रमशः 19 और 14 महिलाएँ लौट कर स्वदेश आई हैं। पंजाब के ही तरनतारन से 10 व मोगा से 8 महिलाएँ वापस लौटी हैं। लुधियाना, अमृतसर, गुरदासपुर और बरनाला से 2-2 महिलाएँ खाड़ी देशों से पंजाब वापस आई हैं।
इसी के साथ धरमकोट, फरीदकोट, रूपनगर, फजिल्का, नवाँशहर और मुक्तसर साहिब से एक-एक महिला वापस लौट कर पंजाब आई है। इन तमाम महिलाओं को सीरिया, ईराक, ओमान और दुबई आदि जगहों पर भेजी गईं थीं। इन सभी ने कहीं न कही खुद को प्रताड़ना का शिकार बताया। इन महिलाओं ने अभी खाड़ी देशों में कई अन्य लड़कियों के फँसे होने का दावा किया है।