दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का आतंकी यासीन मलिक इन दिनों भूख हड़ताल पर गया हुआ है। उसकी शिकायत है कि उसके ऊपर जो मामले विचाराधीन चल रहे हैं उनकी सही से जाँच नहीं हो रही।
जानकारी के मुताबिक, यासीन मलिक ने बीते शुक्रवार (22 जुलाई 2022) को हड़ताल चालू की थी, जिसकी जानकारी होने पर जेल के वरिष्ठ अधिकारी भी उससे मिलने पहुँचे और भूख हड़ताल खत्म करने को कहा। हालाँकि यासीन ने इससे इनकार कर दिया।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक ने कल सुबह भूख हड़ताल किया। यासीन मलिक ने आरोप लगाया है कि उनके मामले की ठीक से जांच नहीं हो रही है: जेल अधिकारी
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2022
यासीन मलिक की माँग
इससे पहले जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक ने 13 जुलाई 2022 सीबीआई कोर्ट से कहा था कि वह पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े केस में सामने पेश होकर गवाहों से खुद बहस करना चाहता है। जेकेएलएफ अध्यक्ष ने कहा था कि अगर उसे ये अनुमति नहीं दी गई तो वह हड़ताल करेगा।
उसने अपनी हड़ताल को शुरू करने से पहले समय सीमा दी थी। उसने कहा था कि वह 22 जुलाई तक सरकार के जवाब का इंतजार कर रहा है। अगर उसे अनुमति नहीं मिली तो वह अनिश्चितकाल काल तक अपनी हड़ताल करेगा।
रुबैया सईद ने की यासीन मलिक नाम की पुष्टि
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का 8 दिसंबर 1989 को जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) ने अपहरण कर लिया था। उस समय जेकेएलएफ का नेतृत्व यासीन मलिक कर रहा था। जेकेएलएफ ने अपने पाँच सदस्यों को जेल से रिहा कराने की माँग को लेकर बंदूक की नोक पर रूबैया का अपहरण कर लिया था। उस समय 23 वर्षीया रुबैया उस समय लाल डेड मेमोरियल महिला अस्पताल में बतौर मेडिकल इंटर्न कार्यरत थीं।
साल 1989 के अपहरण के मामले में महबूबा मुफ्ती की बहन रूबैया सईद ने कोर्ट में अपहरणकर्ताओं की पहचान की है, जिसमें यासीन मलिक भी शामिल है।https://t.co/ZsCelZpPbu
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 16, 2022
अब इसी मामले की सुनवाई में 15 जुलाई 2022 को सामने आया कि जम्मू-कश्मीर की टाडा अदालत में रुबैया सईद ने खुद 4 उन लोगों की पहचान कर ली है जिन्होंने उनका अपहरण किया था। इन अपहरणकर्ताओं में एक यासीन मलिक भी था। सुनवाई में भाग लेने वाले वकीलों ने पुष्टि की थी कि सईद ने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान उन्होंने सीबीआई द्वारा जाँच के दौरान उन्हें उपलब्ध कराई गई तस्वीरों के आधार पर सभी की पहचान की।
25 को मिली थी यासीन मलिक को सजा
गौरतलब है कि यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का आरोपित भी है। कुछ समय पहले उसे टेरर फंडिग केस में दोषी ठहराए जाने के बाद 25 मई सजा मुकर्रर की गई थी। यासीन मलिक को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13 और 15 के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 17, 18, 20, 38 और 39 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 17, 18, 20, 38 और 39 के तहत अपराधों का दोषी ठहराया गया था। NIA कोर्ट ने तमाम धाराओं के तहत टेरर फंडिंग केस में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।