उत्तर प्रदेश शासन ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन वापस लेने का फैसला किया है। सरकार की तरफ से आज़म खान पर लीज की शर्तों का पालन नहीं करने का आरोप लगा है। मंगलवार (31 अक्टूबर 2023) को कैबिनेट की मीटिंग में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। अब इस जमीन को बेहद कम दाम पर उद्योग लगाने के लिए ग्राम समाज को देने को तैयारी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस निर्णय की आलोचना की है।
रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने मीडिया को बताया कि यह मामला साल 1990 का है। तब रामपुर में BSA ऑफिस के पास 4,000 बच्चों वाला एक राजकीय मुर्तजा स्कूल हुआ करता था। आज़म खान ने नियमों के खिलाफ जाते हुए स्कूल को खाली करवा कर इसकी पूरी जमीन जौहर ट्रस्ट के नाम करवा दी थी। सपा की दोबारा सरकार बनने पर आज़म ने इस जमीन की लीज अपने निजी रामपुर पब्लिक स्कूल के नाम पर ट्रांसफर करवा ली थी।
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— Akash Saxena, MLA, Rampur (@AkashSaxenaBJP) October 31, 2023
योगी सरकार ने जौहर ट्रस्ट से वापस ली जमीन,
कैबिनेट ने फैसले पर भी लगाई मुहर..
शिक्षा विभाग की 41181 वर्गफुट जमीन जौहर ट्रस्ट को 100 रुपए सालाना किराये पर नियमों का उल्लंघन करते हुए 30 साल के लिये लीज पर दी गयी थी।#BreakingNews #bjp #akashsaxena… pic.twitter.com/6o2XNMM6iK
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे हेरा-फेरी माना है। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सवाल किया कि 100 करोड़ रुपए की जमीन आजम खान को महज 100 रुपए के सालाना लीज पर कैसे दे दी गई। इसके साथ ही उन्होंने इस कदम को पिछली सरकार द्वारा सभी नियमों को ताक पर रखते हुए 4,000 बच्चों का भविष्य खराब करने वाला बताया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग अब जौहर ट्रस्ट से जमीन और भवन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस जमीन को ग्राम समाज को सौंपते हुए अब यहाँ उद्योग धंधे लगाने की घोषणा हुई है। योगी कैबिनेट में लिए गए इस फैसले को जेल में बंद आज़म खान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। आकाश सक्सेना ने भरोसा दिया है कि किसी भी बच्चे की पढ़ाई या करियर पर बुरा असर नहीं पड़ने दिया जाएगा। यह कार्रवाई सक्सेना की शिकायत पर ही हुई है।
वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने UP सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि आज़म खान को मुस्लिम होने के नाते परेशान किया जा रहा है। उन्होंने ऐसे कदमों को एक गलत परम्परा भी बताया। अखिलेश ने अपने सम्बोधन में आज़म खान के नाम में साहब और आदरणीय भी जोड़ा।