सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल के दौरान गाजियाबाद में 51 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण किए गए आला हजरत हज हाउस की जाँच के आदेश दिए है। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल नंदी ने हज हाउस के निर्माण में जरूरत से ज्यादा खर्च हुए धनराशि का पता चलने के बाद एसआईटी को जाँच के आदेश दिए है।
राज्य सरकार ने 31 अगस्त को यूपी पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी को जारी किए आदेश में कहा कि विशेष जाँच दल (एसआईटी) को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट जमा करनी है।
गृह विभाग के अनुसार, यूपी राज्य हज समिति के सचिव और कार्यकारी अधिकारी राहुल गुप्ता ने 11 जून को एक विज्ञप्ति में योगी सरकार को हज हाउस के निर्माण में हुई गड़बड़ी के बारे में सचेत किया था। उन्होंने लिखा था कि निर्माण पर भारी धनराशि खर्च करने के बावजूद, कमियों को सुधारने और आम जनता के लिए प्रतिष्ठान को तैयार करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि एग्जेक्युटिंग एजेंसी, कंस्ट्रक्शन एंड डिज़ाइन सर्विसेज (C& DS) ने अब तक निर्माण के दौरान हुए खर्च का कोई विवरण नहीं दिया है।
गौरतलब है गाजियाबाद में यह हज हाउस सपा के कार्यकाल के दौरान बनाया गया था। उस वक्त सपा मुखिया अखिलेश यादव को तमाम तरह के मामलों से घिरे थे। वहीं चोरी और जालसाजी जैसे कई मामलों में आरोपित सपा नेता आज़म खान उनके मंत्रिमंडल का हिस्सा थे। सऊदी अरब के मक्का की तीर्थयात्रा पर जाने वाले मुस्लिमों को सहायता देने के लिए 51 करोड़ रुपए की लागत से आला हजरत हज हाउस का निर्माण किया गया था।
4.3 एकड़ के क्षेत्र में फैले इस परिसर में 47 डोरमेट्री हॉल और 36 वीआईपी कमरे शामिल हैं। हज हाउस में 1,886 व्यक्ति बैठ सकते हैं। इस हज हाउस का उद्घाटन यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राज्य के पूर्व अल्पसंख्यक मंत्री आज़म खान ने 4 सितंबर 2016 को किया था। इसे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट न होने के कारण फरवरी 2018 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सील कर दिया था।
वहीं योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना वायरस को मद्देनजर रखते हुए गाजियाबाद के अर्थला में बने आलीशन आला हजरत हज हाउस को 500 बेड के आइसोलेशन सेंटर में बदलने की घोषणा की थी। ताकि इसमें कोरोना वायरस से संक्रमित या ग्रसित मरीजों को रखा जा सके।