तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के खिलाफ हिंसा की फेक न्यूज फैलाने के आरोपित चर्चित यूट्यूबर 130 दिनों के बाद बिहार पहुँचे, जहाँ उन्हें बेतिया के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें स्टेट बैंक के ब्रांच मैनेजर की शिकायत पर दर्ज मामले में यहाँ पेश किया गया है। इसके साथ ही उन्हें अभी तमिलनाडु वापस भी नहीं भेजा जाएगा, क्योंकि कोर्ट ने उन्हें पटना भेजने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि पटना-बेतिया की पेशी के बाद मनीष को कहीं ले जाने की कार्रवाई न की जाए। अभी उसे यहीं पर पुलिस की अभिरक्षा में रखा जाए।
पटना के बाद फिर से बेतिया लाया जाएगा मनीष
मनीष कश्यप के खिलाफ अकेले बेतिया में ही 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें से पाँच में उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। इनमें से कुछ मामलों की पेशी आज थी। इन मामलों में बैंक के मैनेजर के अलावा बीजेपी विधायक से भी रंगदारी माँगने का मामला चल रहा है। इसीलिए कोर्ट ने कहा है कि मनीष को अभी बेतिया में ही रखा जाए। इसके बाद पटना में कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस वापस उसे बेतिया ही ले जाएगी। तमिलनाडु में चल रहे मामलों में उसकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराई जाएगी।
मनीष के समर्थकों ने की रिहाई की मांग
इससे पहले, सुबह बेतिया में मनीष कश्यप का जोरदार स्वागत किया। रेलवे स्टेशन से लेकर कोर्ट तक पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी। इस दौरान समर्थकों ने मनीष कश्यप के ऊपर फूल बरसा कर उनका स्वागत किया। तमिलनाडु की पुलिस सप्तक्रांति एक्सप्रेस से मनीष कश्यप को लेकर बिहार पहुँची। स्टेशन पर उनका स्वागत करने के लिए समर्थकों की बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई। मनीष कश्यप को मदुरै स्थित जेल में बंद कर के रखा गया है।
एसपी ऑफिस में नहीं, कोर्ट परिसर में हुई माँ-भाई से मुलाकात
बेतिया में जैसे ही मनीष कश्यप को लेकर तमिलनाडु पुलिस पहुँची, ‘मनीष कश्यप ज़िंदाबाद’ और ‘मनीष कश्यप को रिहा करो’ के नारों से इलाका गूँज उठा। उन्हें एसपी ऑफिस में ले जाकर रखा गया, फिर कोर्ट में पेश किया गया। एसपी ऑफिस के बाहर भी यूट्यूबर की एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ बेताब दिखी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसपी ऑफिस में मनीष की माँ और भाई पहुंचे थे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद तीनों की मुलाकात कोर्ट परिसर में हुई, जहाँ मनीष को देखकर उनकी माँ की आँखों से आँसू बहने लगे।
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तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर फर्जी वीडियो बनाने का आरोप
बता दें कि मनीष कश्यप पर आरोप है कि उसने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले से संबंधित एक गलत वीडियो प्रसारित किया था, जिसकी वजह से तमिलनाडु से लेकर बिहार तक भगदड़ की स्थिति बन गई थी। इस मामले में उन पर एनएसए भी दर्ज किया गया है। उन्होंने हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों को एक जगह चलाने और खुद को बिहार भेजने की माँग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं थी। अब स्थानीय कोर्ट के आदेश के दम पर वो बेतिया की जेल में ही रहेगा।