Sunday, November 17, 2024
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Zomato में चीनी निवेश से उबले कर्मचारी: कइयों ने छोड़ी नौकरी, ग्राहकों से कहा- बहिष्कार करिए

प्रदर्शनकारियों ने कहा, "चीनी कंपनियाँ यहाँ मुनाफा कमाती हैं और उनका देश हमारी सेना पर हमला करता है। वे हमारी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। ऐसा नहीं होने दे सकते।" एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम भूखे मरने को तैयार हैं, पर हम किसी भी ऐसी कंपनी में काम नहीं करेंगे, जिसमें चीन ने निवेश किया हो।"

जोमैटो (Zomato) में चीनी निवेश की बात सामने आने के बाद कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों ने शनिवार को कोलकाता में कंपनी की आधिकारिक ड्रेस जलाकर अपने गुस्से का इजहार किया।

रिपोर्टों के अनुसार विरोध-प्रदर्शन कोलकाता के बेहाला में हुआ। प्रदर्शनकारियों में से कुछ ने बताया कि उन्होंने जोमैटो की अपनी नौकरी छोड़ दी है। इनलोगों ने ग्राहकों से भी फूड डिलिवरी कंपनी के बहिष्कार की अपील की है।

भारत-चीन के हालिया तनाव के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक बलिदान हो गए थे। चीन की सेना ने धोखे से वार किया था। इसमें उसके भी 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। लेकिन, इस घटना के बाद से देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मॉंग ने जोर पकड़ रखा है।

जोमैटो में चीनी निवेश के विरोध में हुए प्रदर्शन में एक दर्जन डिलीवरी कर्मियों ने हिस्सा लिया। दक्षिण कोलकाता के बेहाला पुलिस स्टेशन के बाहर कंपनी के यूनिफार्म को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने हाथ में तिरंगा लेकर “चीनी एजेंट, जोमैटो भारत छोड़ो’ जैसे नारे लगाए।

चीन की कंपनी अलीबाबा से जुडे एंट फाइनेंशियल ने 2018 में जोमैटो में 210 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश कर उसकी 14.7 प्रतिशत हिस्सेदारी (शेयर) हासिल कर ली थी। जोमैटो ने हाल ही में एंट फाइनेंशियल से 150 मिलियन डॉलर की राशि फिर से जुटाई थी।

प्रदर्शनकारियों ने कहा, “चीनी कंपनियाँ यहाँ मुनाफा कमाती हैं और उनका देश हमारी सेना पर हमला करता है। वे हमारी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। ऐसा नहीं होने दे सकते।” एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम भूखे मरने को तैयार हैं, पर हम किसी भी ऐसी कंपनी में काम नहीं करेंगे, जिसमें चीन ने निवेश किया हो।”

विरोध-प्रदर्शन में शामिल दीपांकर कांजीलाल ने कहा, “जोमैटो अपने व्यवसाय को चलाने के लिए चीनी कंपनी अलीबाबा के साथ मिल गई है। आज हमने जोमैटो को छोड़ दिया है और हमें उम्मीद है कि कस्टमर भी इस कंपनी का बहिष्कार करेंगे।”

जोमैटो के एक अन्य डिलिवरी एजेंट ने कहा, “चीनी हमारे पैसे का इस्तेमाल करके हमारे ही सैनिकों पर हमला कर रही हैं! अगर हमारे सैनिक सुरक्षित नहीं हैं, तो हम कैसे सुरक्षित रह सकते हैं? इसलिए हम जोमैटो का बहिष्कार करेंगे। हम में से 50-60 लोगों ने आज जोमैटो ऐप को अनइंस्टॉल कर दिया है।”

कोविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के चलते जोमैटो ने मई में कम से कम 520 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था, क्योंकि महामारी के कारण उनके बिज़नेस को भारी घाटा पहुँचा था।

उल्लेखनीय हैं कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई और संघर्ष हुआ, जिसमें भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए जबकि चीन के 43 से अधिक जवानों के हताहत होने की सूचना सामने आई थी। चीन ने अभी तक अपने सैनिकों की मौत का आँकड़ा नहीं बताया है। और सीमा पर संघर्ष के लिए भारत को ही दोषी ठहरा रहा है। लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

बता दें चीनी सेना ने पहले से ही अपने पास लाठी-डंडे, रॉड, हॉकी स्टिक, बेसबॉल क्लब, ड्रैगन पंच, पाइप, पत्थर, कीलें, बूट की नोक जमा कर रखा था। इनका ही इस्तेमाल उन्होंने हिंसा के दौरान किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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