Thursday, November 21, 2024
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संन्यासी सीएम योगी आदित्यनाथ: जिसने यूपी की बदली तस्वीर, बनाई 7वीं से दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, जन्मदिन पर जानिए कैसे तोड़ा अपशकुन की भ्रांतियाँ​

योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को संजीवनी दी है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 32 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया और अयोध्या को विश्व की सुंदरतम नगरी बनाने की दिशा में अनेकों कदम उठाए गए। यहाँ कई धार्मिक आयोजन शुरू किए गए, जिसने विश्व पटल पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।

उत्तराखंड के एक गाँव में 5 जून 1972 को पैदा हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 26 वर्ष की उम्र में की थी। आज वे अपने 26 वर्ष के राजनीतिक जीवन को पूरा करते हुए एक प्रेरणादायक यात्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में प्रदेश ने विकास के नये आयाम स्थापित किए हैं।

योगी आदित्यनाथ के संघर्षों और समर्पण की कहानी आज हर किसी के लिए एक मिसाल है। गोरक्षपीठाधीश्वर और गोरखपुर से पाँच बार सांसद रह चुके योगी आदित्यनाथ पिछले 7 वर्षों में मुख्यमंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। आज उनके जन्मदिन पर मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश में किए गए उनके कार्यों का हम संक्षिप्त विश्लेषण करेंगे।

सात वर्षों की अद्वितीय नेतृत्व गाथा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सात वर्षों के कार्यकाल में विकास की एक नई परिभाषा गढ़ी है। यह कोई साधारण उपलब्धि नहीं है कि एक संन्यासी, जो पहले कभी किसी मंत्री पद पर नहीं रहा, देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बनता है और विकास के नए आयाम स्थापित करता है। उनके जन्मदिन पर उनकी महान उपलब्धियों का स्मरण कर उनके नेतृत्व की प्रशंसा करते हैं।

एक संन्यासी का नेतृत्व

योगी आदित्यनाथ एक संन्यासी राजनेता हैं, जिन्होंने अपने संन्यास और राजनीति के बीच संतुलन स्थापित किया। पाँच बार सांसद रह चुके योगी आदित्यनाथ ने कभी मंत्री पद नहीं लिया, लेकिन जब मुख्यमंत्री बने तो देश और प्रदेश के लिए एक मिसाल कायम की। उन्होंने संसद में अपने जीवन पर खतरे की बात की थी, लेकिन नियति ने उन्हें एक दशक बाद उसी प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। आज उनकी कानून और व्यवस्था की मिसाल पूरे देश में दी जाती है।

कानून व्यवस्था में सुधार

योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। संगठित अपराधियों पर नकेल कसी गई और बड़े-बड़े माफिया या तो जेल में हैं या फिर यमलोक में। यह सीएम योगी की सख्त नीति का ही प्रभाव है कि 2017 के बाद से प्रदेश में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ और संगठित अपराधी गिरोह पूरी तरह समाप्त हो चुके हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी उन्होंने विशेष ध्यान दिया और पुलिस बल में महिलाओं की संख्या तीन गुनी बढ़ाई है।

अर्थव्यवस्था में उछाल

उत्तर प्रदेश को देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ को जाता है। उन्होंने एक सशक्त कानून व्यवस्था और बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखी, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा और प्रदेश में निवेश की बाढ़ आ गई। उनके कार्यकाल में उत्तर प्रदेश का बजट 3.4 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 7 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक हो गया। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में राज्य 14वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है।

इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास

योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में 20 एयरपोर्ट्स बनाए गए, जिनमें 5 अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं। नोएडा से सटा जेवर एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है। 13 एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया, जो 55 जनपदों को जोड़ते हैं। इससे व्यापारियों और आम नागरिकों को बड़ी सुविधा हुई। आज उत्तर प्रदेश को ‘एक्सप्रेस कैपिटल’ के नाम से भी जाना जाता है।

सांस्कृतिक और धार्मिक विकास

योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को संजीवनी दी है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 32 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया और अयोध्या को विश्व की सुंदरतम नगरी बनाने की दिशा में अनेकों कदम उठाए गए। यहाँ कई धार्मिक आयोजन शुरू किए गए, जिसने विश्व पटल पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।

स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में भी बड़े सुधार किए गए हैं। आज 75 जनपदों वाले उत्तर प्रदेश में 77 मेडिकल कॉलेज कार्यरत हैं। कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों सुधार हुआ है, जिससे प्रदेश के हर बच्चे को बेहतर शिक्षा मिल रही है। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने प्रदेश में नई क्रांति लाई है।

भ्रांतियों को तोड़ा

योगी आदित्यनाथ ने कई भ्राँतियों को तोड़ा है। पहले के मुख्यमंत्री नोएडा में रुकने को अपशकुन मानते थे, लेकिन योगी बाबा ने कई बार नोएडा का दौरा किया और फिर भी सत्ता में वापस आए। उन्होंने आस्था और विकास को एक साथ लेकर चलने की मिसाल कायम की है। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हुए उन्होंने प्रदेश की अर्थव्यवस्था में नई जान फूँकी है।

कानून व्यवस्था की मिसाल

देश ही नहीं, दुनिया में जब-जब योगी आदित्यनाथ का जिक्र होता है, तब-तब उत्तर प्रदेश की शानदार कानून व्यवस्था का जिक्र जरूर होता है। उनके बुलडोजर की नीति ने प्रदेश में शांति स्थापित की है। बड़े-बड़े माफिया और अपराधी या तो जेल में हैं या फिर यमलोक में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार उनके काम एवं कानून-व्यवस्था की कई बार खुले मंच से तारीफ की है।

आर्थिक सुधार

योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त उछाल आया है। उन्होंने प्रदेश को देश की छठी या सातवीं अर्थव्यवस्था से उठाकर दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है। साल 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य उन्होंने तय किया है, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति और भी मजबूत होगी। उनका ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) योजना ने देश और दुनिया में सराहना पाई है, जिससे स्थानीय उत्पादों को नया बाजार मिला और रोजगार के अवसर बढ़े।

समर्पित नेतृत्व

25 करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश की विकास गाथा बिना योगी आदित्यनाथ के संभव नहीं होती। उनका समर्पित नेतृत्व और विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने प्रदेश को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल एक प्रेरणा है, जिसमें विकास, कानून व्यवस्था, सांस्कृतिक धरोहर, आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य हुए। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने जो मुकाम हासिल किया है, वह वास्तव में प्रशंसनीय है। इस विशेष अवसर पर हम उनके जन्मदिन पर उन्हें हार्दिक शुभकामनाएँ देते हैं और उनके नेतृत्व की सराहना करते हैं।

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Shashi Prakash Singh
Shashi Prakash Singh
Shashi Prakash Singh is a known educationist who guided more than 20 thousand students to pursue their dreams in the medical & engineering field over the last 18 years. He mentored NEET All India toppers in 2018. actively involved in social work which supports the education of underprivileged children through Blossom India Foundation.

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