सबरीमाला विवाद इस समय देश के बड़े विवादों में से एक बन चुका है। केरल के सबसे पुराने सबरीमाला मंदिर में हाल ही में 40 वर्षीय दो महिलाओं ने प्रवेश कर लिया था। जिसका विरोध जगह-जगह किया गया। जिसमें केरल में कांग्रेस सांसदों ने तो इस बात का विरोध करने के लिए काले दिवस का भी आह्वान किया था।
कांग्रेस के सांसद इस दिशा में लोकसभा में काली पट्टी को बांध कर संसद भी पहुंचे थे, लेकिन यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन सबको विरोध प्रदर्शन करने से मना कर दिया। सोनिया गांधी का मानना है कि उनकी पार्टी एक ऐसी पार्टी है, जो महिलाओं के अधिकार के बारे में बात करती है। इसलिए कांग्रेस के किसी भी शख्स को ऐसे विरोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना पार्टी के खिलाफ जा सकता है।
आपको बता दें कि फिलहाल लोकसभा में केरल के 7 सांसद हैं। अब से तीन महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी उम्र वाली महिलाओं के लिए एंट्री खोल दी थी। इस दौरान मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की सरकार ने औरतों को मंदिर में प्रवेश देने के फैसले का समर्थन किया था, जबकि अब केरल कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मंदिर में दो महिलाओं का इस तरह प्रवेश कर लेना एक साजिश है, जिसको रचने वाले खुद सीएम महोदय हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष की यदि मानें तो वह ये सब करके हिंदू वोट बैंक को बाँट देना चाहते हैं। वहीं, दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ने सबरीमाला केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया था। लेकिन अब दो महिलाओं के मंदिर में घुसने के कारण काला दिवस का आह्वान उनके दो रूपों को जनता के समक्ष लेकर आता है।