पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर आतंकियों के साथ गठजोड़ करने के आरोप लगते रहे हैं। हालाँकि, उन्होंने आज एक बार फिर अपने बयान से यह साबित कर दिया कि वह आतंकवादियों की कितनी बड़ी पक्षधर हैं। दरअसल, महबूबा ने रविवार (11 जुलाई 2021) को आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों समेत 11 कर्मचारियों के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई को गलत ठहराया है। ट्विटर पर महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में संविधान को रौंदने का आरोप लगाया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ”11 सरकारी कर्मचारियों को मामूली बात पर बर्खास्त करना अपराध है। संविधान को कुचलकर केंद्र सरकार छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में जम्मू-कश्मीर के लोगों को लगातार शक्तिहीन कर रही है। जम्मू-कश्मीर के सभी नीतिगत फैसले कश्मीरियों को दंडित करने के उद्देश्य से किए जाते हैं।”
GOI continues disempowering people of J&K in garb of pseudo nationalism by trampling the constitution that ought to be upheld.Abrupt dismissal of 11 gov employees on flimsy grounds is criminal.All policy decisions vis a vis J&K are taken with sole objective of punishing Kashmiris https://t.co/qgxk4BCdcb
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 11, 2021
महबूबा का यह ट्वीट सोशल मीडिया यूजर्स को पसंद नहीं आया। उन्होंने इस पर मुफ्ती की खिंचाई की है। एक यूजर ने लिखा, ”यह क्या बकवास है? बर्खास्त किए गए 11 लोगों में से 2 हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के बेटे हैं। दोनों को आतंकी गतिविधियों के तहत फंड मुहैया कराने का दोषी पाया गया था। मुख्यमंत्री के रूप में मुफ्ती एक मुसीबत व पाकिस्तानी हमदर्द थीं और अब खुलेआम आतंकवादियों के लिए रो रही हैं! शर्मनाक।”
WHAT THE FU*K is this nonsense? Out of the 11 dismisses, 2 of them are son of INTERNATIONAL TERRORIST Syed Salahuddin, Hizbul Mujahideen chief, both received funds for terror activities.
— Saba_Ahmed (@sabaahme18) July 11, 2021
Muftis as CM was disaster, a pakistani sympathiser & now openly crying for Terrorists! SHAME
वहीं, सैयद जुबैर नाम के एक यूजर ने लिखा, ”मैडम आप में थोड़ा-सा भी शर्म बाकी है? मुझे लगता है कि आप भूल गई हैं कि बुरहान वानी की घटना के बाद आपने लगभग 200 कर्मचारियों को कैसे बर्खास्त कर दिया था, जिनमें से अधिकांश शामिल भी नहीं थे। इसके अलावा, आपने अक्षमता के आधार पर समय से पहले सेवानिवृत्ति को आधार बनाकर कर्मचारियों के रोजगार को समाप्त कर दिया था।”
Madam do u have any shame left in you. I think you forgot how you terminated around 200 employees after burhan wani incident on charges in which many were not even involved.Further how you terminated employment of employees on basisof premature retirement that they r inefficient
— Syed Zubair (@SyedZubairD) July 11, 2021
गौरतलब है कि शनिवार (10 जुलाई 2021) को जम्मू-कश्मीर सरकार ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों समेत 11 कर्मचारियों को सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। इन सभी पर देशविरोधी गतिविधियों और आतंकियों की मदद करने के आरोप हैं। पाकिस्तान के साये में पल रहे हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटे सैयद अहमद शकील और शाहिद यूसुफ टेरर फंडिंग मामले में शामिल रहे हैं। एनआईए ने खुलासा किया है कि दोनों हिज्बुल के लिए पैसा इकट्ठा करते थे और हवाला के जरिए फंड भी ट्रांसफर करते थे।