Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिहिज्बुल चीफ के बेटों को बर्खास्त करने पर बौखलाईं महबूबा मुफ्ती: केंद्र पर मढ़ा...

हिज्बुल चीफ के बेटों को बर्खास्त करने पर बौखलाईं महबूबा मुफ्ती: केंद्र पर मढ़ा ‘कश्मीरियों’ को दंडित करने का आरोप

''11 सरकारी कर्मचारियों को मामूली बात पर बर्खास्त करना अपराध है। संविधान को कुचलकर केंद्र सरकार छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में जम्मू-कश्मीर के लोगों को लगातार शक्तिहीन कर रही है। जम्मू-कश्मीर के सभी नीतिगत फैसले कश्मीरियों को दंडित करने के उद्देश्य से किए जाते हैं।''

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर आतंकियों के साथ गठजोड़ करने के आरोप लगते रहे हैं। हालाँकि, उन्होंने आज एक बार फिर अपने बयान से यह साबित कर दिया कि वह आतंकवादियों की कितनी बड़ी पक्षधर हैं। दरअसल, महबूबा ने रविवार (11 जुलाई 2021) को आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों समेत 11 कर्मचारियों के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई को गलत ठहराया है। ट्विटर पर महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में संविधान को रौंदने का आरोप लगाया है।

उन्होंने ट्वीट किया, ”11 सरकारी कर्मचारियों को मामूली बात पर बर्खास्त करना अपराध है। संविधान को कुचलकर केंद्र सरकार छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में जम्मू-कश्मीर के लोगों को लगातार शक्तिहीन कर रही है। जम्मू-कश्मीर के सभी नीतिगत फैसले कश्मीरियों को दंडित करने के उद्देश्य से किए जाते हैं।”

महबूबा का यह ट्वीट सोशल मीडिया यूजर्स को पसंद नहीं आया। उन्होंने इस पर मुफ्ती की खिंचाई की है। एक यूजर ने लिखा, ”यह क्या बकवास है? बर्खास्त किए गए 11 लोगों में से 2 हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के बेटे हैं। दोनों को आतंकी गतिविधियों के तहत फंड मुहैया कराने का दोषी पाया गया था। मुख्यमंत्री के रूप में मुफ्ती एक मुसीबत व पाकिस्तानी हमदर्द थीं और अब खुलेआम आतंकवादियों के लिए रो रही हैं! शर्मनाक।”

वहीं, सैयद जुबैर नाम के एक यूजर ने लिखा, ”मैडम आप में थोड़ा-सा भी शर्म बाकी है? मुझे लगता है कि आप भूल गई हैं कि बुरहान वानी की घटना के बाद आपने लगभग 200 कर्मचारियों को कैसे बर्खास्त कर दिया था, जिनमें से अधिकांश शामिल भी नहीं थे। इसके अलावा, आपने अक्षमता के आधार पर समय से पहले सेवानिवृत्ति को आधार बनाकर कर्मचारियों के रोजगार को समाप्त कर दिया था।”

गौरतलब है कि शनिवार (10 जुलाई 2021) को जम्मू-कश्मीर सरकार ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों समेत 11 कर्मचारियों को सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। इन सभी पर देशविरोधी गतिविधियों और आतंकियों की मदद करने के आरोप हैं। पाकिस्तान के साये में पल रहे हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटे सैयद अहमद शकील और शाहिद यूसुफ टेरर फंडिंग मामले में शामिल रहे हैं। एनआईए ने खुलासा किया है कि दोनों हिज्बुल के लिए पैसा इकट्ठा करते थे और हवाला के जरिए फंड भी ट्रांसफर करते थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

एस-400 ‘सुदर्शन’ का दिखा दम: दुश्मनों के हमलावर ‘पैकेज’ का 80% हिस्सा किया साफ, IAF हुई और भी ताकतवर

भारतीय वायुसेना ने अपने एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली का नाम पौराणिक संदर्भ में 'सुदर्शन' रखा है।

पुलिस ने की सिर्फ पूछताछ, गिरफ्तार नहीं: हज पर मुस्लिम महिलाओं के यौन शोषण की आवाज उठाने वाले दीपक शर्मा पर कट्टर इस्लामी फैला...

दीपक शर्मा कहते हैं कि उन्होंने हज पर महिलाओं के साथ होते व्यवहार पर जो ट्वीट किया, वो तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने पुलिस को भी यही बताया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -