हैदराबाद के सरूरनगर स्टेडियम में कल बुधवार (दिसंबर 25, 2019) को संघ द्वारा आयोजित ‘विजय संकल्प सभा’ के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई बड़ी बातें की। इस समारोह में संघ प्रमुख ने कहा कि आरएसएस सभी को स्वीकार करता है, उनके बारे में अच्छा सोचता है और उन्हें बेहतरी के लिए उच्चस्तर पर ले जाना चाहता है। उन्होंने देश में बिगड़ते हालातों को देखकर समरसता बनाए रखने की बात कही। साथ ही धर्म विजय के बारे में भी कार्यकर्ताओं को बताया। उन्होंने कहा कि भारत पारंपरिक रूप से ‘हिंदुत्ववादी’ रहा है। इसलिए धर्म और संस्कृति की विविधता के बावजूद संघ 130 करोड़ देशवासियों को ‘हिंदू समाज‘ मानता है।
वे कहते हैं कि जब संघ ‘हिंदू समाज’ कहता है तो उसमें सभी शामिल हो जाते हैं जो यह मानते हैं कि भारत उनकी मातृभूमि है। वैसे लोग जो देश के पानी, जमीन, पशु और जंगलों से प्यार करते हैं और जो देश की महान संस्कृति और परंपरा को जीते हैं, वे सभी हिंदू हैं।
उन्होंने कहा, एक प्रचलित वाक्य है- विविधता में एकता। लेकिन हमारा देश एक कदम आगे जाता है। केवल विविधता में एकता नहीं बल्कि एकता की ही विविधता है। हम विविधताओं में एकता नहीं खोज रहे हैं, हम उस एकता को खोज रहे हैं जिससे विविधता निकली है।
अपने भाषण के दौरान मोहन भागवत ने रवींद्र नाथ टैगोर के निबंध ‘स्वदेशी समाज’ का उल्लेख करते हुए कहा कि टैगोर ने कहा है कि भारत का उद्धार, न राजनीति से होगा और न नेताओं से। इसके लिए समाज में परिवर्तन चाहिए। क्योंकि भारतीय समाज का स्वभाव है एकता की ओर बढ़ना है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने समारोह में दिए अपने भाषण में ब्रिटिश राज और उनके ‘फूट डालो- राज करो’ की नीति की भी लोगों को याद दिलाई। इसके साथ ही संघ प्रमुख ने रवीन्द्र नाथ टैगोर की बात दोहराई, जिसमें टैगोर ने हिंदू और मुस्लिमों के बीच एकता पर जोर दिया था।
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में पैदा होने वाला प्रत्येक व्यक्ति हिंदू है। वे अलग-अलग धर्मों का पालन कर रहे हैं जो अलग-अलग हैं लेकिन सभी भारतीय हैं और भारत माता की संतान हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को हुए इस संघ समारोह में करीब 20 हजार संघ कार्यकर्ता अपनी यूनिफॉर्म पहनकर शामिल हुए। जिनमें से कुछ ने वहाँ पर लाठी के साथ मार्च भी किया। इस दौरान बीजेपी महासचिव राम माधव, गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी सहित तेलंगाना राज्य के सभी सांसद और पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी वहाँ मौजूद रहे।