केंद्र में दोबारा सरकार गठन के बाद जहाँ देश भर में बीजेपी नेताओं के हौसले बुलंद हैं, वहीं क्षेत्रीय पार्टियों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। कर्नाटक में कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन में जारी उथल-पुथल जहाँ अब खुलकर सामने आ गई है, वहीं आंध्र प्रदेश में तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) की हालत भी कुछ ऐसी ही है, जहाँ पार्टी के विधायक और नेताओं में हलचल मची हुई है। इस बीच बीजेपी ने दावा किया है कि टीडीपी के 18 विधायक और 30 एमएलसी पार्टी के साथ संपर्क में है। आंध्र प्रदेश की सत्ता हाथ से निकलने के बाद अब चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी पर भी संकट के बादल छाए हुए हैं।
BJP national secretary and co-in charge of Andhra Pradesh, Sunil Deodhar claimed that nearly 23 MLAs of the TDP are in touch with the BJP regarding a possibility of joining the saffron party.https://t.co/yuaLb488QG
— TIMES NOW (@TimesNow) July 4, 2019
आंध्र प्रदेश के भाजपा प्रभारी सुनील देवधर ने दावा किया है कि टीडीपी के 18 विधायक और 30 एमएलसी उनके संपर्क में हैं और वो जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि टीडीपी अब एक ऐसी पार्टी है, जिसका कोई भविष्य नहीं है, क्योंकि नायडू का भ्रष्टाचार सामने आ चुका है। अगले 2 साल में नायडू जेल जाएँगे। देवधर के इस दावे ने राज्य की राजनीति में खलबली मचा दी है।
पिछले दिनों देवधर ने कहा था कि कैश-फॉर-वोट घोटाले से लेकर विभिन्न विवादास्पद सरकारी अनुबंधों की वजह से टीडीपी सरकार गले तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। यही वजह है कि अधिकांश विधायक, यहाँ तक कि उनके करीबी सहयोगी भी पार्टी को छोड़ रहे हैं। राज्यसभा के 4 सांसद पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं और अब अन्य नेता पार्टी से जुड़ने के लिए संपर्क कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पार्टी के चार राज्यसभा सांसद हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए थे। टीडीपी के कुल 6 राज्यसभा सांसद थे, जो अब 2 रह गए हैं। टीडीपी के एम रमेश, टीजी वेंटकेश, जी मोहन राव और वाईएस चौधरी पिछले महीने बीजेपी में शामिल हुए थे। जिससे चंद्रबाबू नायडू को तगड़ा झटका लगा था। जिस समय ये दल-बदल हुआ था, उस समय नायडू अपने परिवार के साथ विदेश में छुट्टियाँ मना रहे थे। बता दें कि, राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कॉन्ग्रेस को प्रचंड बहुमत हासिल हुई है, जिसके बाद जगन मोहन रेड्डी सीएम का पदभार संभाल रहे हैं। वाईएसआर कॉन्ग्रेस ने 175 विधानसभा सीटों में से 151 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि एन चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी 102 से 23 सीटों पर सिमटकर रह गई थी।