प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले के प्राचीर से राष्ट्रध्वज फहराया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने हर घर में पाइप के जरिए पानी पहुँचाने के लिए जल जीवन मिशन को आगे बढ़ाने तथा आने वाले वर्षों में इस पर तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक रकम खर्च करने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि अभी तकरीबन 50 फीसदी परिवारों को पाइप के जरिए पानी नहीं मिल पा रहा है।
प्रधानमंत्री ने लालकिले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “सरकार ने एक विशेष काम की तरफ बल देने का निर्णय लिया है और वह है-हमारे हर घर में जल कैसे पहुँचे? हर घर को जल कैसे मिले? पीने का शुद्ध पानी कैसे मिले? और इसलिए आज मैं लाल किले से घोषणा करता हूँ कि हम आने वाले दिनों में ‘जल-जीवन मिशन’ को आगे ले करके बढ़ेंगे।” उन्होंने कहा कि कितनी भी विपरीत परिस्थितियाँ हों देश का गरीब उसको झेलने की क्षमता रखता है। आजादी के 70 साल हो गए। बहुत सी सरकारों ने अपने-अपने तरीके से कोशिश की है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि देश के आधे घर ऐसे हैं जिनके पास पीने का पानी नहीं है। माताओं और बहनों को मटकों को सिर पर लेकर कई किलोमीटर तक चलना पड़ता है।
PM Narendra Modi: It is unfortunate, however, that a lot of people lack access to water even after 70 years of Independence. Work on the Jal Jeevan Mission will continue with great enthusiasm in the years to come. #IndiaIndependenceDay pic.twitter.com/MSsWVhhkcM
— ANI (@ANI) August 15, 2019
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मैं लाल किले की प्राचीर से यह घोषणा करना चाहता हूँ कि हर घर में पीने का पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हम जल जीवन मिशन के साथ आगे बढ़ेंगे। केंद्र और राज्य साथ मिलकर इस दिशा में काम करेंगे। 3.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च किये जाएँगे। हमें जल संरक्षण के प्रयासों में अधिक तेजी लानी होगी। पानी के क्षेत्र में पिछले 70 साल में जो काम हुआ, 5 सालों में उससे चार गुना काम करना है। केंद्र और राज्य साथ मिलकर इस दिशा में काम करेंगे।” बता दें कि, सरकार ने 2024 तक हर घर में नल के जरिए पानी पहुँचाने का लक्ष्य रखा है।
प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन की तुलना स्वच्छ भारत से करते हुए कहा कि जल संरक्षण आंदोलन जमीनी स्तर पर होना चाहिए। जल संरक्षण पर यह अभियान केवल एक सरकारी पहल नहीं होना चाहिए। यह स्वच्छ भारत अभियान की तरह एक जन आंदोलन बन जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें इस विश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए कि अगले 5 वर्षों में हमें पिछले 70 वर्षों में जल संरक्षण के लिए और पानी के स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए चार गुना से अधिक काम करना है। हम अब और इंतजार नहीं कर सकते।”