आम आदमी पार्टी के सबसे ख़ास बात ये है कि दुनिया में चाहे कुछ भी चल रहा हो, ये पार्टी लोगों के मनोरंजन में कमी नहीं होने देती है। इस पार्टी नेताओं की हरकतों से ऐसा महसूस होता है मानो इस पार्टी का जन्म व्हाट्सएप्प ग्रुप में जोड़ने और निकालने को राष्ट्रीय चर्चा बनाने के लिए ही हुआ था।
ताजा प्रकरण दिल्ली, चाँदनी चौक से AAP विधायक अलका लाम्बा को लेकर है। अलका लाम्बा से पार्टी की नाराजगियाँ सास-बहू धारावाहिक की तरह ही हर दूसरे दिन ट्विटर पर देखने को मिलती हैं। इस बार दिल्ली में लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीत पाने में नाकाम रही अरविन्द केजरीवाल की यह पार्टी अंदरूनी उठापटक झेल रही है।
अलका लाम्बा ने चुनाव नतीजे आने के बाद ट्विटर पर अरविन्द केजरीवाल को कुछ नसीहत दे डाली थी, जिसका परिणाम ये हुआ कि आम आदमी पार्टी ने अपनी विधायक को व्हाट्सएप्प ग्रुप से ही निकाल दिया। इस दुखद और बेहद मार्मिक घटना ने अलका लाम्बा के मन को गहरी ठेस लगाईं और उन्होंने ट्विटर पर अपना दुःख व्यक्त कर फिरसे व्हाट्सएप्प ग्रुप की चर्चा छेड़ दी है।
24 मई को अलका लाम्बा ने ट्वीट करते हुए लिखा था, “काश किसी की कुछ तो सुनी होती, जीतते ना सही, कम से कम जमानत तो जप्त ना होती। 2015 में 70 में से 67 जीतने वाले 2019 आते-आते 7 में से 3 पर जमानत ही जब्त करवा बैठे। अभी भी देर नही हुई, जनता को हमेशा एक अच्छे विकल्प की तलाश रहती है, बस जरूरत है फ़ालतू के घमंड को छोड़कर, हार से सबक लेने की।”
काश किसी की कुछ तो सुनी होती,
— Alka Lamba (@LambaAlka) May 23, 2019
जीतते ना सही,कम से कम जमानत तो जप्त ना होती,
2015में 70में से 67जीतने वाले ,
2019आते आते 7में से 3पर जमानत ही जप्त करवा बैठे,
अभी भी देर नही हुई,जनता को हमेशा एक अच्छे विकल्प की तलाश रहती है,
बस जरूरत है फ़ालतू के घमंड को छोड़कर,
हार से सबक लेने की।
शायद इस घमंड वाली बात से ही अरविन्द केजरीवाल ‘ट्रिगर’ हो गए और उनके हारे हुए प्रत्याशियों ने उनके इशारे पर अलका लाम्बा को ग्रुप से बाहर कर दिया। इसके बाद आज अलका लाम्बा ने कुछ और बेहद करुणामय और मार्मिक ट्वीट के माध्यम से अपनी बात सामने रखते हुए लिखा है कि बार-बार व्हाट्सएप्प ग्रुप में जोड़ने-निकालने से बेहतर होता, इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते, बात करते, गलतियों और कमियों पर चर्चा करते, सुधार करके आगे बढ़ते। बता दें कि विगत मार्च के महीने ही उन्हें आम आदमी पार्टी के MLA वाले ग्रुप से निकाल दिया गया था। लेकिन, उस समय उन्हें फिरसे जोड़ लिया गया था।
गुस्सा मुझ पर कुछ यूं निकाला जा रहा है, अकेली मैं ही क्यों?मैं तो पहले दिन से ही यही सब कह रही थी जो आज हार के बाद आप कह रहे हैं,
— Alka Lamba (@LambaAlka) May 25, 2019
कभी ग्रुप में जोड़ते हो,कभी निकालते हो,बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते,बात करते,गलतियों और कमियों पर चर्चा करते,सुधार कर के आगे बढ़ते। pic.twitter.com/3zsZ9TVmQB
इसके बाद अलका लाम्बा ने शक जाहिर करते हुए कल का ही एक ट्वीट रीट्वीट किया, जिसमें उन्होंने ओडिशा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व की तारीफ़ की थी। इसमें अलका लाम्बा ने लिखा है कि महागठबंधन के लिए इधर-उधर भागने से बढ़िया था कि नवीन पटनायक की तरह एक राज्य पर फोकस करते।
आत्ममुग्ध बौने के नाम से ट्विटर पर प्रसिद्द अरविन्द केजरीवाल को फिरसे ‘ट्रिगर’ करते हुए अलका लाम्बा ने लिखा है कि कुछ अंदरूनी सूत्र उन्हें बता रहे हैं कि अरविन्द केजरीवाल को नवीन पटनायक की तारीफ पसंद नहीं आई इसलिए उन्हें व्हाट्सएप्प ग्रुप से निकाल दिया गया है। हालाँकि, अलका लाम्बा ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह अंदरूनी सूत्र उस व्हाट्सएप्प ग्रुप में अभी तक मौजूद हैं या फिर उनको भी निकाल दिया गया है।
कुछ विधायक बता रहे हैं कि पार्टी के नेताओं को मेरा यह ट्वीट पसंद नही आया .. ख़ास कर अरविंद जी को.. अब मैंने इसमें ऐसा क्या लिख दिया ??? https://t.co/pA1fLi5DEw
— Alka Lamba (@LambaAlka) May 25, 2019