Tuesday, November 5, 2024
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‘राहुल की हत्या को सांप्रदायिक मत बनाओ’: AAP की लोगों से अपील, अपना नेता था हिंदू विरोधी दंगों में शामिल

AAP नेता उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ ‘शांतिपूर्ण’ विरोध प्रदर्शन करने की आड़ में राष्ट्रीय राजधानी में हिंदू विरोधी दंगे भड़काने की साजिश रची थी। तब AAP पार्षद ताहिर हुसैन कथित रूप से एक मजहबी भीड़ को उकसाने में शामिल थे।

दिल्ली के आदर्श नगर में एक मजहबी भीड़ द्वारा 18 वर्षीय हिंदू लड़के राहुल राजपूत पर किए गए क्रूर हमले के बाद उनकी मौत हो गई। राहुल राजपूत की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) नेता पवन कुमार शर्मा ने एक बयान जारी किया। AAP ने इस बयान में मजहबी युवकों द्वारा की गई इस भीड़ हत्या में धार्मिक एंगल न लाने की ‘अपील’ की है।

पवन कुमार शर्मा ने कहा कि दोषियों को सजा मिलेगी। जिसके साथ अन्याय हुआ है, उसे न्याय मिलेगा। इसके साथ ही उनका कहना था कि घटना को किसी तरह का जातिगत या धार्मिक एंगल की तरफ मोड़ना राजनीति करना होगा।

AAP विधायक पवन कुमार शर्मा ने मीडिया से कहा, “हम पीड़ित के पिता, श्री संजय के पक्ष में खड़े हैं। हम सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें कोई कठिनाई नहीं होगी। हम दिन-रात उनके साथ खड़े हैं। हालाँकि, हमें इस घटना का सांप्रदायिकरण नहीं करना चाहिए और जो लोग कर रहे हैं, वे वास्तव में इस घटना का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल सरकार परिवार को न्याय दिलाने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

दिल्ली विश्वविद्यालय के 18 वर्षीय छात्र राहुल राजपूत की दूसरे समुदाय की लड़की के साथ प्रेम प्रसंग होने की वजह से मोहम्मद अफरोज और मोहम्मद राज ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर उस पर बर्बरतापूर्वक हमला किया। राहुल घायल अवस्था में ही अस्पताल पहुँचा जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हमलावरों में शामिल अफरोज को अपनी 16 साल की नाबालिग बहन के एक हिन्दू युवक राहुल के साथ प्रेम प्रसंग से आपत्ति थी। इसलिए उसने राहुल को सबक सिखाने की ठानी।

मोहम्मद अफ़रोज़ और उसके साथियों द्वारा राहुल को पीटने का वीडियो CCTV में सामने आया है। उन्होंने पूरी तैयारी के साथ राहुल के चचेरे भाई के फोन पर कहा कि उन्हें अपने बच्चे को ट्यूशन दिलाना है, इसलिए राहुल को बाहर भेज दें।

फोन सुनकर राहुल बिना किसी को बताए बाहर गली में आ गया। घर के बाहर मौजूद 4-5 लोग उसे अपने साथ ले गए और गली नंदा रोड पर लात- घूंसों से उसको मारना शुरू कर दिया। CCTV में देखा गया कि मारपीट के बाद घायल हालत में ही राहुल किसी तरह से अपने घर पहुँचा। फिर उन्हें पास के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान राहुल ने दम तोड़ दिया। 18 वर्षीय राहुल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अंदरूनी चोटों को मौत का कारण बताया गया।

हिन्दू विरोधी दंगों में AAP की भूमिका

गौर करने वाली बात है कि ये उसी AAP के विधायक मामले का सांप्रदायिकरण नहीं करने का ज्ञान दे रहे हैं, जिनका सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने का लंबा और पुराना इतिहास रहा है। जाहिर सी बात है कि यह हिंदू लड़का और दूसरे समुदाय की लड़की से जुड़ा मामला है, इसलिए इस ‘सेक्युलर अपराध’ पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है।

कुछ महीने पहले, AAP नेता उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ ‘शांतिपूर्ण’ विरोध प्रदर्शन करने की आड़ में राष्ट्रीय राजधानी में हिंदू विरोधी दंगे भड़काने की साजिश रची थी। तब AAP पार्षद ताहिर हुसैन कथित रूप से एक मजहबी भीड़ को उकसाने में शामिल थे

इस दौरान AAP पार्षद के घर के अंदर इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा को घसीटा गया और फिर बेरहमी से मार डाला गया। शर्मा को चार से छ: घंटे तक कम से कम  400 बार चाकू मारा गया। आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत के मामले में दर्ज एफआईआर में ताहिर हुसैन का नाम शामिल होने के बाद AAP ने उन्हें निलंबित कर दिया था।

AAP पार्षद ताहिर हुसैन ने बाद में दिल्ली में हिन्दू विरोधी दंगों को अंजाम देने की बात कबूल की। दिल्ली पुलिस को अपने कबूलनामे में, हुसैन ने कहा कि खालिद सैफी, जो उनके बहुत करीब हैं, ने उनके साथ दंगों की योजना बनाई। उन्होंने एक बार उनसे कहा था कि उनकी राजनीतिक स्थिति और धन का उपयोग हिंदुओं के खिलाफ और समुदाय के लिए किया जाना चाहिए।

उन्होंने सैफी से वादा किया कि वह कोई भी कदम उठाने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम लला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाए जाने और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश नागरिक संशोधन अधिनियम पारित किए जाने के बाद, ताहिर और खालिद ने मुलाकात की और फैसला किया कि यही वह समय है जब उन्हें वारदात को अंजाम देना चाहिए।

आरोप पत्र में कहा गया है कि ताहिर ने अपने सहयोगियों के साथ खजुरी खास इलाके में कई हिंदू दुकानों को जलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जाँच के दौरान, पुलिस को पता चला कि उसने 24 और 25 फरवरी 2020 के दंगों के दौरान एक भीड़ को उकसाया था कि हिंदुओं ने दूसरे मजहब के कई लोगों को मार डाला है और शेरपुर चौक पर अपनी दुकानों को आग लगा दी है। 

AAP विधायक अमानतुल्ला खान ने ताहिर हुसैन का बचाव करते हुए कहा कि भारत में दंगे होते रहेंगे

AAP के एक अन्य नेता, अमानतुल्लाह खान, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के एक और राजनेता हैं, जिन्हें सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ बयान देने के लिए जाना जाता है। पूर्व AAP पार्षद ताहिर हुसैन द्वारा प्रायोजित और समर्थित दंगाई गतिविधियों का बचाव करते हुए, खान ने दावा किया कि जब तक मजहब विशेष के साथ भेदभाव किया जाता है, तब तक देश में दंगे जारी रहेंगे।

ऐसे में जब AAP नेता पवन कुमार शर्मा मजहबी भीड़ द्वारा एक युवा हिंदू व्यक्ति की मौत को सांप्रदायिक रूप नहीं दिए जाने की बात कहते हैं, इस पर गौर करना आवश्यक है कि उनकी खुद की पार्टी के सदस्य उन लोगों में से हैं जिन्होंने हिंदू विरोधी उन्माद को भड़काया और धार्मिक लाइन पर समाज को विभाजित किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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