Sunday, November 24, 2024
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अब रामचरितमानस पर AAP नेता राजेंद्र पाल गौतम के बिगड़े बोल, हिंदू विरोधी शपथ पर केजरीवाल कैबिनेट से देना पड़ा था इस्तीफा

दिल्ली सरकार के मंत्री रहते हुए गौतम ने अक्टूबर 2022 को ऐसे कार्यक्रम में शिरकत की थी, जिसमें 10000 हिंदुओं का बौद्ध धर्म में धर्मांतरण किया गया। इस कार्यक्रम में लोगों को शपथ दिलाई गई कि वे हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करेंगे।

आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने अब रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी की है। इसे नफरती ग्रंथ बताने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान का समर्थन किया है। गौतम वही आप नेता हैं, जिन्हें अक्टूबर 2022 में ‘हिंदू विरोधी शपथ’ के बाद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान के अजमेर में एक प्रोग्राम के दौरान गौतम ने रामचरितमानस को लेकर टिप्पणी की। गौतम का यह विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में आप नेता कह रहे हैं, “बिहार के मंत्री ने मनुस्मृति और रामचरितमानस को लेकर अपने विचार प्रकट किए तो पूरे देश का मीडिया उनके पीछे पड़ गया। मैं पूछना चाहता हूँ कि डॉ. चंद्रशेखर ने गलत क्या कहा? अपनी मर्जी से क्या कहा? उन्होंने वही कहा जो मनुस्मृति और रामचरितमानस में लिखा है। उन्होंने यही तो कहा जो लिखा है वह गलत है, स्त्री और दलित विरोधी है। क्या हमें चंद्रशेखर के साथ खड़ा नहीं होना चाहिए? क्या समतावादी और मानवतापसंद लोगों को आँख बंद कर के अँधे लोगों का अनुसरण करना चाहिए।”

राजेंद्र गौतम ने कहा, “क्या रामचरितमानस में नहीं लिखा है ढोल गँवार शूद्र पशु नारी ये सब ताड़न के अधिकारी। वो व्यख्या कर रहे हैं कि ताड़न का मतलब देखना है, जबकि क्लीयर है कि ताड़न का मतलब पीटना। यदि इसका मतलब देखना ही है तो क्या नारी को घूरना चाहिए? क्या पीटना चाहिए? आपके धर्मशास्त्र हमें इंसान का दर्जा देने को तैयार नहीं है।” वीडियो में राजेंद्र गौतम कई भड़काने वाली बातें कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि आपकी तो आस्था को ठेस पहुँच रही है, लेकिन हमारी बेटियों की रोज इज्जत लूट रही है। हमारे युवाओं को मारा जा रहा है। बस्तियाँ जलाई जा रही हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के मंत्री रहते हुए गौतम ने अक्टूबर 2022 को ऐसे कार्यक्रम में शिरकत की थी, जिसमें 10000 हिंदुओं का बौद्ध धर्म में धर्मांतरण किया गया। बौद्ध सोसायटी ऑफ इंडिया का यह विवादास्पद कार्यक्रम नई दिल्ली के झंडेवालान में डॉ. बीआर अंबेडकर भवन में आयोजित किया गया था।

इस कार्यक्रम में लोगों को शपथ दिलाई गई कि वे हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करेंगे। यह शपथ कुछ इस तरह थी, “मैं हिंदू धर्म के देवी देवताओं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, श्रीराम और श्रीकृष्ण को भगवान नहीं मानूँगा, न ही उनकी पूजा करूँगा। मुझे राम और कृष्ण में कोई विश्वास नहीं होगा, जिन्हें भगवान का अवतार माना जाता है।” शपथ लेते हुए वीडियो वायरल होने के बाद गौतम को मंत्री पद छोड़ना पड़ा था।

आपको बता दें कि रामचरितमानस को लेकर अनर्गल टिप्पणी की शुरुआत बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 11 जनवरी 2023 को नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में की थी। उन्होंने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ कहा था। समाज को बाँटने वाला ग्रंथ बताया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस दलितों-पिछड़ों को शिक्षा ग्रहण करने से रोकता है।

इसके बाद रामचरितमानस को लेकर समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का भी विवादित बयान सामने आया था। सपा नेता ने कहा था कि करोड़ों लोग इस किताब को नहीं पढ़ते हैं और इसमें सब बकवास है। मौर्य ने रामचरितमानस के कुछ अंश को आपत्तिजनक बताते हुए उसे हटाने की माँग की। उन्होंने कहा कि अगर ये अंश न हट पाएँ तो पूरी किताब को ही बैन कर देना चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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