Thursday, November 21, 2024
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नूपुर शर्मा के बाद अब नितेश राणे, मोहम्मद ज़ुबैर ने संत रामगिरी महाराज को मिल रही ‘सर तन से जुदा’ धमकियों को किया नज़रअंदाज़, इस्लामिक कट्टरपंथियों को हिंसा के लिए उकसाया

नितेश राणे ने महाराष्ट्र में रामगिरी महाराज के खिलाफ जिहादियों की ओर से चलाई जा रही 'सर तन से जुदा' की मुहिम के खिलाफ प्रतिक्रिया दी थी और उनका बचाव किया था। इसके बाद जुबैर की कोशिशों के चलते खुद नीतीश राणे अब जिहादियों के निशाने पर आ चुके हैं।

फेक न्यूज की फैक्ट्री और ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर ने बीजेपी नेता नुपूर शर्मा को जिहादियों के निशाने पर लाने जैसी ही कोशिश बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के विधायक नितेश राणे के साथ की है। क्लिपकटुए के नाम से बदनाम मोहम्मद जुबैर ने नितेश राणे का संदर्भ को काटकर एक एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया और उन्हें इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर ला दिया।

मोहम्मद जुबैर के इस पोस्ट के बाद नितेश राणे के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने निशाने पर ले लिया और फिर उसकी इस कोशिश में वामपंथी खेमा भी शामिल हो गया, ठीक उसी तरह, जैसे बीजेपी की प्रवक्ता रही नुपूर शर्मा के खिलाफ इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ लग गई थी। दरअसल, नितेश राणे ने महाराष्ट्र में रामगिरी महाराज के खिलाफ जिहादियों की ओर से चलाई जा रही ‘सर तन से जुदा’ की मुहिम के खिलाफ प्रतिक्रिया दी थी और उनका बचाव किया था। इसके बाद जुबैर की कोशिशों के चलते खुद नीतीश राणे अब जिहादियों के निशाने पर आ चुके हैं।

मोहम्मद जुबैर ने नितेश राणे को लेकर एक्स पर लिखा, चुनावी राज्य महाराष्ट्र में, भाजपा विधायक नितेश राणे कहते हैं ‘तुम्हारी मस्जिदों के अंदर आकर चुन चुन कर मारेंगे’। यह पहली बार नहीं है, बल्कि अतीत में उनके द्वारा कई ऐसे मुस्लिम विरोधी नफ़रत भरे भाषण दिए गए हैं। उनके खिलाफ़ पहले भी कई एफआईआर दर्ज की गई हैं, लेकिन वह मुस्लिमों के खिलाफ़ नफ़रत भरे भाषण और नरसंहार की धमकियाँ देना जारी रखते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि प्रधानमंत्री @narendramodi और वरिष्ठ भाजपा सदस्य उनके साथ हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सिर्फ़ दिखावा है।”

स्रोत-एक्स

जुबैर ने चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को टैग करते हुए लिखा, “आपके गठबंधन सहयोगियों का एक विधायक अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को लगातार धमका रहा है। आप कब तक आँखें मूँदे रहेंगे और ऐसे भाषणों को अनदेखा करते रहेंगे।” उसने विपक्षी दलों के कई नेताओं को भी टैग किया और राणे की बातों की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की।

नितेश राणे के खिलाफ मैदान में उतर गया वामपंथी इकोसिस्टम

मोहम्मद जुबैर के ट्वीट के साथ ही सोशल मीडिया पर सक्रिय वामपंथी इकोसिस्टम जिसमें पत्रकार, कार्यकर्ता भी हैं, उन्होंने नितेश राणे को निशाने पर ले लिया। कथित पत्रकार राजदीप सरदेसाई, जिसकी पत्नी टीएमसी की राज्यसभा सांसद है, उसने एक्स पर लिखा, “ध्यान देने वाली खबर: अहमदनगर में बीजेपी विधायक नितेश राणे द्वारा सबसे बेशर्मी से नफरत और हिंसा भड़काने वाला भाषण। दो एफआईआर दर्ज की गईं। उनकी जगह विधानसभा में नहीं बल्कि जेल में है। जो भी कहना है, उसे कहने की यह छूट कहाँ से आती है?” राजदीप ने अपनी पोस्ट गुस्से वाली इमोजी के साथ समाप्त की।

इसके बाद फेक न्यूज फैलाने में माहिर जाकिल अली त्यागी ने लिखा, “मुस्लिमों को मारने की धमकी देने वाले नितेश राणे की शिकायत उसके पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान सांसद बाप नारायण राणे से की जा रही थी कि अपने बेटे को समझाए, लेकिन बाप की भी इसी हफ़्ते की वीडियो सामने आ गई जिसमें वो मुस्लिमों को निकालकर मारने की बात कर रहा है!”

सोशल मीडिया हैंडल इंस्पायरट्रेल ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में लिखा, “BJP विधायक नितेश राणे मुसलमानों को मस्जिदों में घुसकर चुन चुन कर मारने कि खुलेआम बातें करता दिख रहा है… क्या इनपर किसी तरह कि क़ानूनी कार्रवाई का प्रावधान नहीं? अगर है तो कार्रवाई क्यों नहीं होती? क्या BJP ने इन जैसों को पूरा समर्थन दें रखा है?”

अल जजीरा के पत्रकार वाजिद खान ने लिखा, “बीजेपी के इस बोने विधायक नीतीश राणा ने मुसलमानों को धमकी दी है, कि वह मस्जिदों में घुस कर मुस्लिमों का क़त्लेआम करेंगे। जब तक इस मलून की गिरफ़्तारी नहीं हो जाती, तब तक मेरे साथ लिखते रहिए। #ArrestNitishRana”

नितीश राणे ने इस्लामिक कट्टरपंथियों को दी थी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी

जुबैर की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर नितेश राणे के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने एक जनसभा में कहा था, “हम तुम्हारी मस्जिदों में घुसेंगे और एक-एक करके तुम्हें मारेंगे। इसे ध्यान में रखना।” हालाँकि बीजेपी ने राणे के इस बयान से खुद को अलग कर लिया है।

इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जवाब देने पर बनाया हथियार

दिलचस्प बात यह है कि नितेश राणे पर हमला करने वाले लोग तब चुप थे जब देश भर में रामगिरी महाराज के खिलाफ “सर तन से जुदा” के नारे लगाए जा रहे थे। एक्स यूजर jxh45 ने रामगिरी महाराज के खिलाफ लगाए जा रहे ऐसे नारों का एक थ्रेड बनाया। एक पोस्ट में यूजर ने लिखा, “मोहम्मद जुबैर, राजदीप सरदेसाई और कई अन्य, अहमदनगर में बीजेपी विधायक नितेश राणे के भाषण का संदर्भ दिए बिना गुमराह कर रहे हैं। इस्लामिस्ट और मौलवी पिछले एक महीने से खुलेआम नफरत भरे भाषण और गाली-गलौज कर रहे हैं – जिनमें से अधिकांश को मीडिया द्वारा नजरअंदाज किया जाता है।”

23 अगस्त को सैकड़ों इस्लामिक कट्टरपंथियों पुणे कलेक्टर ऑफिस के बाहर इकट्ठे होकर ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए।

23 अगस्त को नागपुर में मुस्लिम ने इसी तरह की नारेबाजी की थी।

18 अगस्त को मुंब्रा में युवा इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए।

बागलकोट में भी सर तन से जुदा के नारे लगे। 30 अगस्त को एक्स यूजर ने एक वीडियो शेयर किया था।

1 सितंबर को कर्नाटक के बागलकोट में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की धमकी देने वाले एक मौलाना का एक और वीडियो शेयर किया गया।

कॉन्ग्रेस नेता अब्दुल हमीद मुश्रीफ ने तथाकथित ‘ईशनिंदा’ के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया।

21 अगस्त को हजारों इस्लामिक कट्टरपंथियों ने रामगिरी महाराज के खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए।

कर्नाटक के बेलगावी में भी रामगिरी महाराज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के आयोजकों द्वारा इसी तरह के नारे लगाए गए।

अगस्त के तीसरे सप्ताह में, कर्नाटक के बेलगावी के खानपुर कस्बे में स्थानीय पुलिस स्टेशन/कलेक्टर कार्यालय के बाहर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने रामगिरी महाराज की हत्या के लिए नारेबाजी कर उकसाया।

यहाँ तक ​​कि बच्चों का भी ब्रेनवाश किया गया, ताकि वे रामगिरी महाराज को गाली दें।

एक्स यूजर द्वारा शेयर किए गए एक अन्य वीडियो में मौलाना सज्जाद हुसैन अशरफी कर्नाटक के मुधोल शहर में हिंदुओं को कथित तौर पर धमकाता नजर आया।

कर्नाटक के कलबुर्गी में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए।

बिहार के ठाकुरगंज में एक मौलाना ने हिंदुओं को धमकाया और ईशनिंदा करने वालों के खिलाफ हिंसा भड़काई। इस विरोध रैली में सैकड़ों बच्चे भी शामिल थे।

बिहार के टाकुरगंज में नए इस्लामिक कट्टरपंथियों को ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाते देखा गया।

उत्तराखंड में एक मौलवी पैगंबर का अनादर करने वालों की हत्या करने के लिए ललकारता दिखा।

इसी तरह का भड़काऊ भाषण राजस्थान के बूंदी में भी दिया गया था।

नितेश राणे ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर दी प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के अहमदनगर में नितेश राणे के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इस मामले में बीजेपी विधायक नितेश राणे ने सवाल उठाते हुए कहा, “हिंदू समुदाय को क्यों धमकाया जा रहा है?”

पुलिस के अनुसार, रविवार को अहमदनगर जिले के श्रीरामपुर और तोपखाना पुलिस क्षेत्राधिकार में दो अलग-अलग मौकों पर भड़काऊ भाषण देने के लिए राणे के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए। नितेश राणे ने अहमदनगर में सकल हिंदू समाज आंदोलन के दौरान यह टिप्पणी की। राणे ने सोमवार (2 सितंबर 2024) को एएनआई से कहा, “संविधान और पुलिस को अपना काम करना चाहिए। हिंदू समुदाय को क्यों धमकाया जा रहा है? अगर वे (मुस्लिम) धमकी भरी भाषा में बात कर सकते हैं, तो हम भी ऐसा ही कर सकते हैं। मैं आपको 10 से 15 यूट्यूब चैनल दिखा सकता हूँ, जिन्होंने रामगिरी महाराज को खुलेआम धमकाया है और हिंदुओं के खिलाफ खुलेआम नफरत फैलाई है। कल मैंने हिंदू गब्बर सिंह होने के बारे में जो बयान दिया, उसका मकसद हिंदू समुदाय को यह बताना है कि उन्हें किसी से नहीं डरना चाहिए।”

राणे ने कहा कि वे महंत रामगिरी महाराज के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने कहा, “कल (रविवार) मैं अहिल्यानगर और श्रीरामपुर में था। हम महंत रामगिरी महाराज के समर्थन में वहाँ गए थे। उनके द्वारा दिए गए बयान में कुछ भी नया नहीं था। दस मुस्लिम विद्वान पहले ही इस तथ्य का उल्लेख कर चुके हैं कि रामगिरी महाराज ने क्या कहा।” नितेश राणे ने दावा किया कि जो लोग भी रामगिरी महाराज का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं।

नितेश राणे ने कहा, “जो कोई भी रामगिरी महाराज का समर्थन कर रहा है और अपने सोशल मीडिया स्टेटस पर यह बात डाल रहा है, उसे जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। पिछले हफ़्ते पुणे में रामगिरी महाराज के खिलाफ़ एक रैली के दौरान ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए थे। वे ऐसा कह सकते हैं, लेकिन अगर हम उसी भाषा में हिंदू समुदाय के समर्थन में सामने आते हैं, तो हमसे सवाल क्यों किए जाते हैं?”

रामगिरी महाराज ने क्या कहा?

दरअसल, रामगिरी महाराज ने प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों का उल्लेख करते हुए लोगों से धार्मिक जीवन जीने की अपील की थी। उन्होंने शुक्रवार (16 अगस्त 2024) को नासिक के सिन्रर क्षेत्र के पंजले गाँव में एक प्रवचान दिया था, जिसमें कथित तौर पर उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। उनकी टिप्पणी के बाद मुस्लिम समुदाय भड़क गया और तब से उनके खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं और ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाते हुए उनको मौत की सजा देने की माँग की जा रही है।

रामगिरी महाराज ने जो कुछ भी कहा, उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि कई बड़े इस्लामिक लोगों ने महिलाओं के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया। उनकी इस टिप्पणी के बाद छत्रपति संभाजीनगर से लेकर नासिक, मुंबई और पुणे समेत महाराष्ट्र के कई जिलों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहा है। उनके खिलाफ मुस्लिमों की मजहबी भावनाओं को ठेस पहुँचाने को लेकर कई एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।

जुबैर ने राणे के साथ वही किया, जैसा उसने नुपूर शर्मा के खिलाफ किया था

ये बात नहीं भूलना चाहिए कि कैसे बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा को इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कैसे बलि का बकरा बनाया था। उसकी शुरुआत क्लिपकटुए मोहम्मद जुबैर ने ही की थी। बता दें कि मई 2022 में, जुबैर ने जानबूझकर टाइम्स नाउ पर हुई एक बहस से नूपुर शर्मा की एक क्लिप को एडिट करके शेयर किया था। जुबैर ने उस वीडियो को इस तरह से शेयर किया, जिसमें लग रहा था कि नुपूर इस्लाम को निशाना बना रही थी। खास बात ये है कि उसी डिबेट में तसलीम रहमानी ने भगवान शिव का अपमान किया था, लेकिन क्लिपकटुअ ने उसे नहीं दिखाया।

जुबैर के इस क्लिपकटुए क्रित्य की वजह से नुपूर को ‘ईशनिंदा करने वाला’ घोषित कर दिया गया और तालिबान और अलकायदा समेत कई इस्लामी संगठनों ने उनके लिए मौत की सजा की माँग की। यही नहीं, नुपूर के खिलाफ कई मौलवियों ने भी बयान जारी किए। जुबैर यहीं नहीं रुका। उसने नूपुर की क्लिप को गलत तरीके से इंटरनेशनल लेवल पर शेयर करवाया, जिसकी वजह से कतर और कई इस्लामी संगठनों ने बयान जारी किए।

दुखद बात यह है कि बीजेपी ने नूपुर शर्मा से दूरी बना ली और उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया। उस दौरान और बाद में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए। इस्लामी भीड़ ने अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए हिंसा का रास्ता चुना और सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया। हिंदुओं और नूपुर शर्मा के प्रति नफरत इस हद तक थी कि हिंदू दर्जी कन्हैया लाल और हिंदू व्यापारी उमेश कोल्हे की हत्या इस्लामिक आतंकवादियों ने सिर्फ़ इसलिए कर दी क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर नूपुर का समर्थन किया था। दो साल बाद भी नूपुर शर्मा शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से सामने आई हों। उन्हें अपनी जान की सुरक्षा के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच बेहद सावधानी से घूमना पड़ता है। दूसरी ओर भगवान शिव का अपमान करके शर्मा को भड़काने वाला तस्लीम रहमानी बिना किसी परिणाम का सामना किए खुलेआम घूम रहा है और टीवी चैनलों की डिबेट में हिस्सा ले रहा है।

महाशय राजपाल का मामला

इस्लाम के खिलाफ़ दिए गए बयानों के लिए गैर-मुसलमानों को निशाना बनाना कोई नई बात नहीं है; यह हमेशा से से होता आ रहा है। ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि 1920 के दशक में “रंगीला रसूल” प्रकाशित करने के लिए महाशय राजपाल की हत्या इसी वजह से की गई थी।

चाहे नितेश राणे हों, नुपुर शर्मा हों या महाशय राजपाल, घटनाओं का सिलसिला एक जैसा ही है। इस्लामी भीड़ द्वारा लगाए गए हिंसक, अपमानजनक और यहाँ तक ​​कि खुलेआम हत्या के नारे को मोहम्मद जुबैर और वामपंथी मीडिया द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन बदले की कार्रवाई या चेतावनी देने वाले किसी भी बयान को अपराध घोषित कर दिया जाता है।

यह समाचार मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया गया है। मूल रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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