कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता रेशमा पेडकानुर की हत्या मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता तौफ़ीक शेख उर्फ़ पिलवान को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। फ़िलहाल, मामले की जाँच अभी जारी है।
#CORRECTION: Bijapur Congress worker Reshma Pednekar murder case: AIMIM leader Taufeeq Sheikh has been arrested by Police. Further probe underway. #Karnataka (original tweet will be deleted). https://t.co/WhLpgiJUR1
— ANI (@ANI) June 3, 2019
ख़बर के अनुसार, तौफ़ीक शेख को ज़िले के धुलकेड़ गाँव के पास से हिरासत में लिया गया। उस पर रेशमा
पेडकानुर की हत्या का आरोप है। आरोपित को पकड़ने के लिए ऑपरेशन बसावन बागेवाड़ी पुलिस सर्कल इंस्पेक्टर, महादेव शिरहट्टी के नेतृत्व में किया गया था।
रेशमा के पति खाजा बंदे नवाज़ ने तौफ़ीक शेख के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी। हत्या का यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 201 के तहत दर्ज किया गया था। इसकी जाँच के लिए पुलिस ने दो टीमों का गठन किया था, जिनमें से एक बसावना बागेवाड़ी के पुलिस उपाधीक्षक महेश्वर गौड़ा और दूसरी विजयापुर के पुलिस उपाधीक्षक अशोक के नेतृत्व में थी। पुलिस सूत्रों का मानना है कि तौफीक समेत छह लोग इस हत्या में शामिल थे।
दरअसल, कर्नाटक की राजनीति में उस समय हड़कंप मच गया था जब गुरुवार (16 मई) दोपहर से लापता चल रहीं कॉन्ग्रेस नेता रेशमा पेडकानुर की लाश विजयपुरा के कोल्हर गाँव में कृष्णा नदी के किनारे जंगलों में शुक्रवार (17 मई) को सुबह क़रीब छह बजे मिली थी। विजयपुरा ज़िले की रहने वाली रेशमा पहले जेडीएस में थीं। कॉन्ग्रेस नेता के परिवार वालों का कहना है कि आख़िरी बार उन्हें गुरुवार दोपहर में AIMIM के नेता तौफ़ीक के साथ देखा गया था, रेशमा के पति ने भी तौफ़ीक पर ही शक़ ज़ाहिर किया था। इसके अलावा तौफ़ीक और रेशमा के बीच किसी ज़मीन के विवाद का भी ख़ुलासा हुआ था।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2013 में रेशमा नेे जेडीएस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था। 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट ना मिलने के बाद वो कॉन्ग्रेस में चली गई थीं और तभी से रेशमा कॉन्ग्रेस में सक्रिय थीं।