समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान के बाद अब ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB)’ के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने तालिबान का समर्थन किया है। जहाँ एक तरफ तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा कर के वहाँ महिलाओं का शोषण शुरू कर दिया है और शरिया कानून के तहत तमाम रूढ़िवादी पाबंदियाँ लगाई हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत के इस्लामी कट्टरपंथी उसका गुणगान कर रहे।
अब मौलाना सज्जाद नोमानी ने ‘तालिबान के हौसले’ को सलाम किया है। उन्होंने कहा कि तालिबान ने दुनिया की सबसे मजबूत फौज को शिकस्त दे दी है। AIMPLB प्रवक्ता ने कहा, “एक बार फिर यह तारीख रकम हुई है। एक निहत्थी कौम ने सबसे मजबूत फौजों को शिकस्त दी है। काबुल के महल में वे दाखिल होने में कामयाब रहे। उनके दाखिले का अंदाज पूरी दुनिया ने देखा। उनमें कोई गुरूर और घमंड नहीं था।”
मौलाना सज्जाद नोमानी ने तालिबान की तारीफों के पुल बाँधते हुए आगे कहा, “उनके कोई बड़े बोल नहीं थे। ये नौजवान काबुल की सरजमीं को चूम रहे हैं। मुबारक हो। आपको दूर बैठा हुआ यह हिंदी मुसलमान सलाम करता है। आपके हौसले को सलाम करता है। आपके जज्बे को सलाम करता है।” तालिबान के कब्जे के बाद हुई हिंसा व वहाँ से भागने के दौरान मची भगदड़ में कई लोग मारे भी गए हैं।
बिगड़े बोल: सज्जाद नोमानी ने कहा- निहत्थी कौम ने दुनिया की सबसे मजबूत फौजों को दी शिकस्त, हिंदुस्तानी मुसलमान का सलाम#Afganistan #Taliban #SajjadNomani @Uppolicehttps://t.co/UP85z15ijd
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) August 18, 2021
66 वर्षीय सज्जाद नोमानी के बारे में बता दें कि उनके पिता भी ‘इस्लामी स्कॉलर’ रहे हैं। सज्जाद नोमानी का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा लखनऊ के ‘दारुल उलूम नदवातुल उलामा’ और देवबंद के ‘दारुल उलूम’ से हुई है। उनके अब्बा एक बड़े जमींदार और कारोबारी थे। सज्जाद नोमानी ने सऊदी अरब द्वारा स्थापित ‘इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ मदीना’ से कुरान के अध्ययन में Ph.D की है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने तालिबान की तुलना भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों से की थी। अब उनके खिलाफ इस बयान के लिए यूपी पुलिस ने राजद्रोह के मामले में FIR दर्ज की है। शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था, “तालिबान एक ऐसी ताकत है, जिसने रूस और अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों को भी अपने देश पर कब्जा नहीं करने दिया। अब तालिबान अपने देश को आजाद कर उसे चलाना चाहता है, यह उसका आंतरिक मामला है। भारत में भी अंग्रेजों से पूरे देश ने लड़ाई लड़ी थी।”