समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने दावा किया है कि भाजपा 2024 में सत्ता में आने के बाद लोगों को वोट नहीं देने देगी। अखिलेश यादव ने ये दावा उत्तर प्रदेश के एटा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा। अखिलेश यादव ने इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 2024 लोकसभा में सभी सीटें जीतने का दावा भी किया है। उन्होंने कहा कि यह लोकसभा चुनाव संविधान बचाने को लेकर लड़ा जाएगा। हालाँकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि संविधान किससे खतरे में हैं।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव का यह बयान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अयोध्या में रोड शो के बाद आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 30 दिसंबर, 2023 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नए अयोध्या जंक्शन और एयरपोर्ट का लोकार्पण किया। इसी के साथ प्रधानमंत्री को मिले भारी जनसमर्थन से भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनावों की टोन सेट कर दी है।
सपा के मुखिया अखिलेश यादव एटा में जनसभा को संबोधित करने और मेजर केपी सिंह यादव की प्रतिमा का अनावरण करने पहुँचे थे। गौरतलब है कि एटा की लोकसभा सीट पर अभी उतर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह भाजपा से सांसद हैं। यह सीट 2004 के बाद से सपा नहीं जीत पाई है जबकि यह अखिलेश के गृह जिले मैनपुरी के प्रभाव क्षेत्र वाली सीट है। अखिलेश यादव ने इस दौरान श्रीराम मंदिर को लेकर कहा कि, जिसे भगवान बुलाते हैं वह जाता और जब बुलाते हैं तब जाता है। वह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर निमंत्रण के विषय में बात कर रहे थे।
अखिलेश यादव, विपक्षी पार्टियों के INDI गठबंधन में भी शामिल हैं। हालाँकि, उत्तर प्रदेश में सीट बँटवारे को लेकर कुछ तल्खी की खबरें भी सामने आई हैं। यहाँ वह कॉन्ग्रेस को ज्यादा सीट देने के मूड में नहीं हैं। कॉन्ग्रेस वहीं दूसरी तरफ बराबरी का हक उत्तर प्रदेश में चाहती है। समाजवादी पार्टी, उत्तर प्रदेश में भाजपा के सामने मुख्य विपक्षी दल है। 2019 के लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन किया था। हालाँकि, इससे उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ था और वह मात्र पाँच सीट जीतने में कामयाब हुए थे। इस बार भी समाजवादी पार्टी, कॉन्ग्रेस और रालोद से गठबंधन की जुगत लगा रही है।
अखिलेश यादव, विपक्षी पार्टियों के INDI गठबंधन में भी शामिल हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश में सीट बँटवारे को लेकर कुछ तल्खी की खबरें भी सामने आई हैं। यहाँ वह कॉन्ग्रेस को ज्यादा सीट देने के मूड में नहीं हैं। कॉन्ग्रेस वहीं दूसरी तरफ बराबरी का हक उत्तर प्रदेश में चाहती है।