Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति'ये सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास': अब हरिगढ़ के नाम से जाना...

‘ये सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास’: अब हरिगढ़ के नाम से जाना जाएगा अलीगढ़! सर्वसम्मति से पारित हुआ नाम बदलने वाला प्रस्ताव

लीगढ़ को हरिगढ़ करने की माँग वाले इस प्रस्ताव को सभी पार्षदों ने सर्वसम्मति से स्वीकार भी कर लिया। महापौर के मुताबिक, अब इस प्रस्ताव पर शासन के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा है।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले का नाम बदल कर हरिगढ़ करने की कवायद शुरू हो चुकी है। जिले के सभी पार्षदों ने इस बदलाव के लिए अपनी सहमति दे दी है। महापौर के माध्यम से अब यह प्रस्ताव शासन को अंतिम निर्णय के लिए भेजा जाएगा। अलीगढ़ के जनप्रतिनिधियों ने इसे सनातन परम्परा को आगे बढ़ाने का प्रयास बताया है। यह निर्णय सोमवार (6 नवम्बर, 2023) को लिया गया है।

अलीगढ़ के महापौर प्रशांत सिंघल ने ANI से इस बावत बात की है। उन्होंने बताया कि इस माँग को सोमवार को हुई मीटिंग में पार्षद संजय पंडित ने उठाया था। संजय ने इसका एक प्रस्ताव भी बैठक में पेश किया। अलीगढ़ को हरिगढ़ करने की माँग वाले इस प्रस्ताव को सभी पार्षदों ने सर्वसम्मति से स्वीकार भी कर लिया। महापौर के मुताबिक, अब इस प्रस्ताव पर शासन के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा है। साथ ही उन्होंने सकारात्मकता से आशा जताई कि शासन इस माँग को स्वीकार कर के अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ रखेगा।

अलीगढ़ के महापौर प्रशांत सिंघल ने आगे कहा, “हमारी पुरानी सभ्यता, संस्कृति और सनातन धर्म की परम्परा रही है उसको ही आगे बढ़ाते हुए हम सब जनप्रतिनधियों ने यह माँग उठाई है।” बताते चलें कि अगस्त माह 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी CM केशव प्रसद मौर्य ने भी अलीगढ़ को हरिगढ़ कह कर सम्बोधित किया था। तब उन्होंने लोगों से नारे लगवाने के दौरान कहा था, “आप दोनों हाथ उठाकर बोलिए जय श्री राम, अरे हरिगढ़ वालों और जोर से बोलिए जय श्री राम।”

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस से पहले भी कई महत्वपूर्ण स्थानों का नामकरण उनके प्राचीन वैदिक नामों से कर चुकी है। इसमें इलाहाबाद को प्रयागराज और फैज़ाबाद को अयोध्या का दिया गया नाम प्रमुख है। हिन्दू संगठन लम्बे समय से अलीगढ़ नाम नाम बदल कर हरिगढ़ करने की माँग उठाते रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -