आम आदमी पार्टी की पूर्व विधायक और वर्तमान में कॉन्ग्रेस नेत्री अलका लांबा को झूठ फैलाने के बाद मेरठ पुलिस से ट्विटर पर करारा जवाब मिला है। लांबा ने अपने ट्विटर पर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरने का प्रयास किया था। उन्होंने न्यूज24 चैनल का पोस्ट शेयर करते हुए भाजपा पर आरोप लगाए थे।
इस पोस्ट में एक वायरल पोस्टर की जानकारी दी गई थी जिसमें कोई जॉन्टी बदमाश नाम का युवक अपराधिक कार्यों के लिए मूल्य बता रहा था। इन अपराधों में धमकाना, प्रताड़ना, नुकसान पहुँचाना और हत्या तक के रेट लिखे थे।
न्यूज 24 ने इसी विज्ञापन को शेयर किया था और मेरठ पुलिस को इसमें टैग भी किया था। इसी के बाद लांबा ने इस पोस्ट को शेयर किया और बिना उसकी प्रमाणिकता जाँचे सोशल मीडिया पर अपना निष्कर्ष निकाल लिया। अलका लांबा ने लिखा कि गुंडे-बदमाशों द्वारा ऐसा प्रचार-प्रसार मात्र भाजपा के राज में ही संभव हो सकता है।
इसी ट्वीट के रिप्लाई में मेरठ पुलिस ने अपना बयान जारी किया। मेरठ पुलिस ने फर्जी पोस्ट की हकीकत बताते हुए कहा कि इसका संबंध यूपी से नहीं है और यह कॉन्ग्रेस शासित प्रदेश राज्य राजस्थान से निकाला गया प्रचार है।
मेरठ पुलिस ने पोस्ट में कहा कि यह पोस्ट साल 2019 में फेसबुक पर शेयर हुआ था। मगर, जिस पत्रकार ने इसे बाद में उत्तर प्रदेश और मेरठ से जोड़ दिया, उसके खिलाफ़ शिकायत दर्ज करके उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने लांबा से भी फौरन झूठे पोस्ट को हटाने और मेरठ या यूपी के बारे अफवाह न फैलाने की अपील की। बयान में लांबा से कहा गया कि वह इस पोस्ट का जल्द से जल्द खंडन करें।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब लांबा ने ऐसी फर्जी जानकारी सोशल मीडिया पर फैलाई हो। हाल में इससे पहले उन्होंने एक चार साल पुरानी तस्वीर को शेयर करके कहा था कि डोनेशन इकट्ठा करने के लिए मंदिर को लॉकडाउन में खोला गया। उन्होंने उस समय श्रद्धालुओं की पूजा व भक्ति पर भी टिप्पणी की थी।