उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आवास के सामने एक महिला ने आत्मदाह की कोशिश की है। बुधवार (अप्रैल 3, 2019) को मुख्यमंत्री के निवास स्थान ‘नवीन निवास’ के सामने महिला ने आत्मदाह की कोशिश की। महिला ने बीजद नेता और उडाला विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार श्रीनाथ सोरेन पर बलात्कार का गंभीर आरोप लगाया। मामला 2014 का बताया जा रहा है। महिला ने बताया कि सोरेन ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था। उडाला विधानसभा क्षेत्र ओडिशा के मयूरभंज ज़िले में स्थित है। ओडिशा में विधानसभा चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव के साथ ही होने हैं।
ऐन वक्त पर नवीन पटनायक के आवास के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने महिला द्वारा आत्मदाह की कोशिश को देख लिया और फिर महिला को बचाया। सुरक्षाकर्मियों ने महिला को आत्मदाह करने से रोकने में सफलता पाई। महिला ने अपने ऊपर केरोसिल तेल डाल लिया था, लेकिन आग लगाने से पहले ही उसे बचा लिया गया। महिला ने कहा कि पटनायक द्वारा सोरेन को उडाला से उम्मीदवार बनाए जाने का उसे दुःख पहुँचा है और उसकी उम्मीदवारी को रोकने के लिए उसने ऐसा किया। भुवनेश्वर के डीसीपी अनूप साहू ने बताया कि उक्त महिला का स्वास्थ्य अब ठीक है।
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) April 3, 2019
हालाँकि, श्रीनाथ सोरेन ने महिला के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये उनके विरोधियों द्वारा रची हुई एक साज़िश है ताकि उन्हें आगामी चुनावों के मद्देनज़र बदनाम किया जा सके। उन्होंने महिला को पहचानने से भी इनकार कर दिया और कहा कि वो उसे जानते ही नहीं। दरअसल, जनवरी 2014 में उडाला के तत्कालीन विधायक श्रीनाथ सोरेन और उनके क़रीबी स्वरुप दास पर महिला ने गैगंरेप का मामला दर्ज कराया था। महिला ने अपनी शिकायत में यह भी कहा था कि उसने विधायक को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए एक लाख रुपए घूस के रूप में दिया था।
शिकायत के अनुसार, जब विधायक उक्त महिला को सरकारी नौकरी दिलाने में नाकाम रहे तो महिला ने अपने रुपए वापस माँगने शुरू कर दिए। बार-बार आग्रह करने पर विधायक ने रुपए देने के बहाने महिला को अपने निवास पर बुलाया जहाँ उसके साथ गैंगरेप किया गया। महिला ने ओडिसा पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और हाथ पर हाथ धर कर बैठी रही। उडाला के पूर्व विधायक श्रीनाथ सोरेन तब चर्चा में आए थे, जब विधायन बनने के बाद भी उन्हें बीपीएल कार्ड जारी कर दिया गया था। उनके पास महँगी गाड़ियाँ और सोने के ज़ेवर होने के बावजूद उन्हें ओडिशा सरकार ने बीपीएल कार्ड दिया था।