कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin) ने राज्य में पोंगल त्योहार, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सार्वजनिक सभा पर रोक लगा दी है। सीएम ने घोषणा की है कि पोंगल से संबंधित सभी सरकारी और निजी कार्यक्रम स्थगित रहेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री स्टालिन ने शुक्रवार, शनिवार और रविवार के दिन श्रद्धालुओं के मंदिर जाने पर भी रोक लगा दी है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर गुरुवार (6 जनवरी 2022) से नाइट कर्फ्यू लगाने की घोषणा भी की है। हालाँकि, राज्य में 9 जनवरी को पूरी तरह से लॉकडाउन लगाया जाएगा। इस दौरान केवल रेस्टोरेंट सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक खाना डिलीवरी के लिए खुले रहेंगे।
No permission for Pongal related functions/gatherings. Public transport including bus, suburban trains and Metro to run at 50% seating. No permission to devotees in places of worship on Friday, Saturday and Sundays: Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin
— ANI (@ANI) January 5, 2022
(file pic) pic.twitter.com/n2aRWE4lOH
पोंगल उत्सव पर रोक लगाने के फैसले से स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया यूजर में खासा आक्रोश है। उन्होंने सरकार से हिंदू त्योहार से ठीक पहले राज्य में प्रतिबंध लगाने के बारे में सवाल किया है। एक सोशल मीडिया यूजर ने ट्वीट किया, “क्रिसमस और नए साल के दौरान ऐसा क्यों नहीं किया? क्रिसमस तो लोगों ने बड़े ही धूमधाम से मनाया?” एक अन्य यूजर ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने राज्य को नया साल और क्रिसमस मनाने की अनुमति देने के बाद अब जान-बूझ कर ऐसा किया है।
Christmas was celebrated in full capacity, no?
— The Angry Brahman (@iamYodha) January 5, 2022
after celebrate Christmas and new year.
— anjani kumar (@anjaninandan) January 5, 2022
पोंगल पर्व तमिलनाडु में मकर संक्रांति के दिन मनाया जाता है। यह पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। मकर संक्रांति और लोहड़ी की तरह पोंगल भी फसल और किसानों से जुड़ा त्योहार होता है, जिसे पूरे भारत में अलग-अलग नामों से बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है।