केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का डीपफेक वीडियो वायरल करने के मामले में लगातार एक्शन हो रहा है। अब गुजरात से कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी हुई है। अहमदाबाद साइबर क्राइम टीम ने आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस से 2 नेताओं की गिरफ्तारी की है। इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने खास एजेंडे के तहत ये वीडियो वायरल किए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अहमदाबाद साइबर क्राइम टीम ने जिन्हें गिरफ्तार किया है, उनके नाम सतीष वरसोला और आर बी बारिया हैं। सतीश वनसोला कॉन्ग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी का ऑफिस संभालता है। उसे कॉन्ग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी का पीए भी बताया जा रहा है। वहीं, आर बी बारिया आम आदमी पार्टी का दाहोद जिले का जिलाध्यक्ष है। दोनों ने गृहमंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए थे।
असम में कॉन्ग्रेस नेता गिरफ्तार
बता दें कि ये उसी वीडियो से जुड़ा मामला है जिसे दो दिन पहले कॉन्ग्रेसी ये कहकर ट्वीट कर रहे थे कि अमित शाह ने चुनाव जीतने पर आरक्षण खत्म करने की बात कही है। इस मामले में असम के कॉन्ग्रेसी कार्यकर्ता ऋतम सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। वो असम में कॉन्ग्रेस का सोशल मीडिया देखता है। इस गिरफ्तारी के बारे में खुद असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने एक्स पर जानकारी देते हुए बताया था कि उसे गृह मंत्री का फेक वीडियो शेयर करने के मामले में पकड़ा गया है।”
दिल्ली पुलिस भी कर रही ताबड़तोड़ कार्रवाई
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की है और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन भेजा है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार (29 अप्रैल, 2024) को उन्हें समन भेजा और 1 मई को अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। साथ ही ये भी कहा गया है कि जाँच के लिए वो अपने फोन-लैपटॉप इत्यादि जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी साथ लेकर आएँ। ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर’ की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ये FIR दर्ज की है।
इस मामले में सिर्फ रेवंत रेड्डी ही नहीं, बल्कि 5 अन्य लोगों को भी समन भेजा गया है जिनमें कुछ कॉन्ग्रेस के नेता हैं। इन सभी ने अमित शाह के डॉक्टर्ड वीडियो को शेयर किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय और भारतीय जनता पार्टी ने भी इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाया गया है कि समाज में विभिन्न समुदायों में वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से ये वीडियो प्रसारित किया गया, जिससे कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक शांति के भंग होने की आशंका है।