केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में याद दिलाया कि कैसे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार एक वोट से गिरा दी गई थी और फिर वो पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटे। उन्होंने कहा कि इस देश में 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा दिया गया। इसके तहत ऑपरेशन से लेकर सारा इलाज और दवाओं का खर्च भी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि कैसे बैंक खातों में गरीबों के 2 लाख करोड़ रुपए जमा हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि कैसे खुद कॉन्ग्रेस के ही प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने कहा था कि वो 1 रुपए भेजते थे तो 15 पैसे ही जनता तक पहुँचता था। अमित शाह ने पूछा कि इसमें से 85 पैसे कौन ले जाता था? उन्होंने कहा कि 85 पैसे ले जाने वाले वही लोग हैं, जो जन-धन योजना का विरोध कर रहे हैं। अमित शाह ने बताया कि 25 लाख करोड़ रुपए एक भी पैसे के कमीशन के बिना देश के गरीबों को मिला है।
अमित शाह ने कहा, “जब कोरोना टीकाकरण आया और जब इन्हें लगा कि देश बच जाएगा, तब उन्होंने टीका का विरोध करना शुरू कर दिया। जनता ने वैक्सीन लेना शुरू किया, मोदी सरकार ने चाय मिला कर मुफ्त वैक्सीन दी, पहला डोज दिया, दूसरा डोज दिया और 130 करोड़ लोगों को दोनों डोज दिला कर कोरोना से बचाया। तब लॉकडाउन का भी विरोध किया गया। सबने कहा कि लॉकडाउन में गरीब क्या खाएगा। हमारे सामने एक विकल्प था कि लॉकडाउन न लगाना और हजारों लोगों की मृत्यु हो जाती। लेकिन, हमने लॉकडाउन भी लगाया और गरीबों के घर में अनाज भी पहुँचाया, आज भी उनके घर का चूल्हा जल रहा है।”
अमित शाह ने कहा कि देश के गरीबों को मोदी सरकार में अविश्वास नहीं है। उन्होंने बताया कि 3 करोड़ लोगों को घर और 60 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा मोदी सरकार ने दिया। अमित शाह ने कहा कि इस सदन में एक ऐसे नेता हैं जिन्हें आज तक 13 बार राजनीति में लॉन्च किया गया और हर बार फेल हुए। उन्होंने बताया कि उनकी एक लॉन्चिंग सदन में हुई। बुंदेलखंड की कलावती के घर वो नेता भोजन करने गए और यहाँ बैठ कर गरीबी का द्रवित करने वाला वर्णन किया।
अमित शाह ने कहा कि बाद में उनकी सरकार 6 साल चली, वो पूछना चाहते हैं कि उस दौरान कलावती के लिए क्या किया गया? अमित शाह ने कहा कि कलावती को बिजली, घर, अनाज और स्वास्थ्य देने का काम मोदी सरकार ने किया। अमित शाह ने बताया कि कैसे एक बार दलित और एक बार जनजातीय समाज के व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाया गया। उन्होंने बताया कि 9 साल में पीएम मोदी ने देश के अर्थतंत्र को 11वें से 5वें नंबर तक पहुँचाया।
अमित शाह ने कहा कि पहले सरहद के उस पार से आतंकवादी घुस जाते थे और जवानों के सिर काटकर ले जाते थे, कोई जवाब नहीं देता था। दो बार पाकिस्तान ने हिमाकत की, एक बार सर्जिकल स्ट्राइक और दूसरी बार एयर स्ट्राइक करके पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकवादियों को खत्म करने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया। अमित शाह ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक व्हीकल, क्वांटम एनर्जी और ऑर्गनिक फ़ूड से लेकर अंतरिक्ष तक के क्षेत्र में भारत ने प्रगति की, पीएम मोदी ने अच्छा फाउंडेशन डाला।
अमित शाह ने बताया कि कैसे पाकिस्तान से आए पीड़ित हिन्दुओं को नागरिकता नहीं मिलती थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें डोमिसाइल देने का काम किया। शाह ने पूछा कि कश्मीर पर शासन किसने किया? फिर बताया कि मुफ़्ती, अब्दुला और गाँधी परिवार ने कश्मीर पर शासन किया, लेकिन वहाँ पंचायत चुनाव मोदी सरकार ने कराया। जम्मू में मंदिरों को सुरक्षा दी गई, पर्यटन का विकास हुआ और 2022 में 1.70 करोड़ पर्यटक जम्मू कश्मीर गए हैं।
अमित शाह ने बताया कि 33 साल बाद थिएटर, 31 साल बाद नाइट शो कश्मीर में मोदी सरकार में चालू हुआ। मुहर्रम भी 31 साल बाद मोदी सरकार में चालू हुआ। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की मौत में 72% की कमी आई है। उन्होंने बताया कि इसी सदन में कहा गया था कि अनुच्छेद-370 हटाने पर खून की नदियाँ बहेंगी, जबकि एक कंकड़ चलने की हिम्मत किसी में नहीं हुई।
राहुल जी, कलावती तो याद है ना! pic.twitter.com/cKnwQB4AE1
— BJP (@BJP4India) August 9, 2023
उन्होंने वामपंथी आतंकवाद या नक्सलवाद की बात करते हुए कहा कि 2005 से 2014 के मुकाबले अब तक नक्सली वारदातों में 52% की कमी हुई, मौतों में 69% की कमी आई, अब 118 से घट तक 45 जिलों तक नक्सलवाद सीमित हो गए हैं और सिर्फ 176 पुलिस थाने इससे अब प्रभावित हैं। उन्होंने उत्तर-पूर्व में की हुए विकास की भी बात की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने नॉर्थ-ईस्ट को दिल से जोड़ने का काम किया है।
उन्होंने जानकारी दी कि पीएम मोदी 9 वर्षों में 50 से अधिक बार नॉर्थ-ईस्ट गए। उन्होंने कहा कि इनलोगों ने नॉर्थ-ईस्ट के लिए कुछ नहीं किया। अमित शाह ने इस दौरान पूर्वोत्तर में हुए समझौतों की भी बात की। उन्होंने बताया कि 8000 सशस्त्र उग्रवादियों ने मोदी सरकार में पूर्वोत्तर में आत्मसमर्पण किया। उन्होंने कहा कि यूपीए काल में सभी 8 राज्य आग की लपटों से घिरे हुए थे। सुरक्षा बलों की हत्याओं में 68% की कमी आई है।