आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियाँ बनाने की योजना को आकार देने संबंधी ‘आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक, 2020’ विधानसभा में पारित हो गया। इसमें विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाए जाने का प्रस्ताव है। इस विधेयक को अब विधान परिषद में पेश किया जाएगा। हालाँकि, वहाँ इसके पारित होने में थोड़ी मुश्किल है क्योंकि सत्ताधारी वाईएसआर कॉन्ग्रेस वहाँ बहुमत में नहीं है। 58 सदस्यों वाले विधान परिषद में पार्टी के पास केवल 9 विधायक हैं।
Andhra Pradesh state assembly passes ‘Andhra Pradesh Decentralisation and Inclusive Development of All Regions Bill 2020’ pic.twitter.com/f37eq8Qfbk
— ANI (@ANI) January 20, 2020
बता दें कि विधान परिषद में यह विधेयक पास होने के बाद देश के इतिहास में यह पहला राज्य होगा, जहाँ की तीन-तीन राजधानी होगी। इससे पहले अब तक महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश की दो राजधानी होती रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव का विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी विरोध कर रही है। प्रस्ताव के पेश होने के दौरान तेलुगु देशम पार्टी के नेताओं ने काफी हंगामा मचाया और स्पीकर के आसन तक आ गए।
जिसके बाद तेलुगु देशम पार्टी के 17 विधायकों को एक दिन के लिए स्पीकर ने निलंबित कर दिया। टीडीपी विधायकों की माँग थी कि उनके नेता चंद्रबाबू नायडू को इस मुद्दे पर बोलने दिया जाए। टीडीपी नेताओं ने विधानसभा में ‘जय अमरावती’ के नारे भी लगाए।
N Chandrababu Naidu: Nowhere in the world for one state there are 3 capitals. Today is a black day, we wanted to save Amaravati & Andhra Pradesh. Not only me, throughout the state people are fighting and coming on roads. Govt is arresting everyone. It’s bad for democracy. https://t.co/aqwAvenkac pic.twitter.com/rlRlDCAFl7
— ANI (@ANI) January 20, 2020
वहीं प्रस्ताव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सदन में कहा कि विकेंद्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करके उनकी सरकार ऐतिहासिक भूलों और गलतियों को सुधार रही है। सीएम रेड्डी ने कहा, “हम राजधानी को बदल नहीं रहे हैं। हम सिर्फ दो और नई राजधानी जोड़ रहे हैं। अमरावती पहले जैसी ही रहेगी। हम किसी भी क्षेत्र के साथ अन्याय नहीं करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं लोगों को सिर्फ ग्राफिक्स दिखा करके बेवकूफ नहीं बना सकता हूँ।” उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू के अमरावती को स्व-वित्तपोषित परियोजना होने के दावे को भी खारिज कर दिया। इससे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा था कि वह हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि राजधानी को अमरावती से विशाखापत्तनम न ले जाया जाए।
टीडीपी सांसदों के निलंबन और तीन राजधानी के प्रस्ताव के विरोध में विपक्ष के नेता चंद्रबाबू नायडू ने अपने साथियों के साथ विधानसभा के प्रवेश द्वार पर धरना दिया। उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा, “पूरी दुनिया में कहीं भी एक राज्य की तीन राजधानी नहीं है। यह एक काला दिन है। हम अमरावती और आंध्र प्रदेश को बचाना चाहते हैं। सिर्फ मैं ही नहीं पूरे प्रदेश में लोग सड़कों पर आ रहे हैं। सरकार सबको गिरफ्तार कर रही है, यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।”
हालाँकि कुछ देर बाद एन चंद्रबाबू नायडू को राज्य विधानसभा के बाहर हिरासत में लिया गया था, क्योंकि वह अमरावती के गाँवों में जाना चाहते थे। पुलिस उन्हें और अन्य लोगों को एक पुलिस वैन में ले गई और फिर नायडू को हिरासत में लेकर उनके घर छोड़ा गया।