तेलुगु देशम पार्टी (TDP) सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार (12 जून 2024) को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली। इसके बाद उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री गुरुवार (13 जून) को तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में दर्शन किया। नायडू ने मंदिर में पूजा-अर्चना की और तिरुपति-तिरुमाला प्रशासन को ‘शुद्ध’ करने की शपथ के साथ हिंदू धर्म की रक्षा का प्रण लिया।
भगवान वेंकटेश स्वामी का दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती जगन मोहन रेड्डी शासन के दौरान वेंकटेश्वर मंदिर की देखरेख करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में अनियमितताएँ हुई थीं। उन्होंने कहा कि वो तिरुमाला में भ्रष्टाचार को खत्म करने और ‘हिंदू धर्म’ की रक्षा के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे।
पूरे परिवार के साथ वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करने पहुँचे TDP सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “मैं तिरुमाला से शासन का शुद्धिकरण शुरू करूँगा। तिरुमाला को अपवित्र करना बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। तिरुमाला में केवल गोविंदा के नाम का ही जाप रहेगा।” उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम का व्यवसायीकरण किया।
सीएम नायडू ने कहा, “प्रसादम अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए। दरें नहीं बढ़ाई जानी चाहिए और ‘दर्शन’ के लिए टिकट काला बाजार में नहीं बेचे जाने चाहिए। उन्होंने इस धार्मिक स्थल को मारिजुआना, शराब और मांसाहारी भोजन का केंद्र बना दिया। सफाई की शुरुआत टीटीडी से होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार और अपराध किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अपने शासन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि वो प्रदेश को गरीबी से मुक्त करने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा, “2047 तक तेलुगु लोग दुनिया में नंबर एक होंगे। मैं आंध्र प्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाऊँगा। कुछ लोग अपराध करने के बाद हमारे खिलाफ झूठे आरोप लगा रहे हैं। राजनीतिक साजिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
सीएम पद का कार्यभार सँभालने से पहले अपनी पत्नी, बेटे नारा लोकेश, बहू और अन्य रिश्तेदारों सहित अपने परिवार के सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री कल शाम तिरुपति के लिए विशेष विमान से रवाना हुए और फिर सड़क मार्ग से तिरुमाला पहुंचे, जहां उन्होंने रात बिताई। गुरुवार की सुबह उन्होंने पवित्र पहाड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की। यहाँ से वे अमरावती के लिए निकल गए।