एक राज्य में कितने डिप्टी सीएम हो सकते हैं? वैसे सवाल तो यह भी है कि अभी तक आपने किसी राज्य में कितने डिप्टी सीएम के बारें में सुना है? शायद एक या दो डिप्टी सीएम के बारे में सुना होगा। लेकिन चौकाने वाली ख़बर यह है कि आंध्र प्रदेश में पाँच डिप्टी सीएम होंगे। कुछ ऐसा ही आदेश आंध्र प्रदेश के नवनिर्वाचित सीएम जगनमोहन रेड्डी ने दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वाईएसआरसीपी के एमएलए मोहम्मद मुस्तफा शाइक का कहना है कि आंध्र प्रदेश में एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और कापू समाज से एक-एक डिप्टी सीएम होंगे। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से पूरे आंध्र प्रदेश में खुशी का माहौल है।
YSRCP MLA MM Shaik: We are very happy, there will be 5 Deputy Chief Ministers in Andhra Pradesh. The Deputy CMs will be one each from Scheduled Caste, Scheduled Tribe, Backward Castes, Minority and Kapu community. He (Jaganmohan Reddy) will prove to be the best CM in India ever. pic.twitter.com/PH2teDBYoT
— ANI (@ANI) June 7, 2019
वैसे अगर अभी तक के राजनीतिक इतिहास पर नज़र डाला जाए तो जगनमोहन रेड्डी का यह फैसला ऐतिहासिक है। पाँचों डिप्टी सीएम न केवल विभिन्न सामाजिक वर्गों से हैं बल्कि आंध्र की राजनीतिक समीकरण साधने के लिए अलग-अलग इलाकों का भी खास ध्यान रखा गया है। रायलसीमा, प्रकाशम, कृष्णा डेल्टा गोदावारी और वाइजैग इलाके से ये डिप्टी सीएम नियुक्त होंगे।
जगनमोहन रेड्डी ने अपने इस ऐतिहासिक फैसले पर कहा कि पिछले 10 वर्षों में राज्य के सभी समाज के लोगों ने टीडीपी सरकार के खिलाफ मेहनत की है। आज जब हमें सरकार में आने का मौका मिला है तो उन्हें लगता है कि राज्य के सभी इलाकों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
वैसे विशेषज्ञों का कहना है कि आंध्र प्रदेश की राजनीति में रेड्डी और कम्मा समाज का दबदबा है। टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू का संबंध जहाँ रेड्डी समाज से है तो जगनमोहन रेड्डी कम्मा समाज से आते हैं। पारंपरिक तौर पर राज्य में एससी और अल्पसंख्यक समाज कॉन्ग्रेस को वोट देते रहे हैं। लेकिन इस दफा ये समीकरण बदला और इन दोनों समाजों के ज्यादातर वोट वाईएसआर के समर्थन में गए।
अब देखना ये है कि राजनीति के विसात पर जगन रेड्डी का यह फैसला कितना कारगर होता है। कहीं ऐसा तो नहीं कि यह प्रयोग सिर्फ राजनीतिक बंदरबाँट ही साबित हो!