सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी (AAP) की राष्ट्रीय सोशल मीडिया टीम की सदस्य अंकिता शाह ने कोरोना वायरस की बढ़ती दूसरी लहर का फायदा उठा कर यूँ तो राम मंदिर पर निशाना साधना चाहा, लेकिन लोगों ने उनके ही नेता की असलियत उनके सामने रख दी। मंदिर को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाली अंकिता शाह को लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सच्चाई बताई।
अंकिता ने ट्विटर पर लिखा, “कहाँ है वो बेवकूफ जो राम मंदिर का चंदा जमा कर रहे थे, काश सरकारों से मंदिर की जगह हॉस्पिटल माँगे होते तो आज ये दशा नहीं होती! Bloody religious morons…”। उन्होंने राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने वालों को गाली दी। लेकिन, उन्हें एक ट्विटर हैंडल ने याद दिलाया कि कैसे सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के सभी मस्जिदों के इमामों का वेतन बढ़ाया था।
यही है वो बेवकूफ जो तलवे चाटते चाटते भूल गयी कि जिस मंदिर को कोस रही वहां की मुफ्त यात्रा का वादा इसके शराबी आका ने किया हुआ है, जय श्री राम का नारा लगाकर देशवासियों को बधाई दी है, और खुद को राम भक्त बताया है।
— Sneha (@snehasneha173) April 16, 2021
Bloody stupid, dumb ,doltish aapiyain https://t.co/V4eFwgqF4X pic.twitter.com/B29ffiY4zJ
लोगों ने पूछा कि अगर मुस्लिमों के लिए सरकार कुछ करे तो ठीक और हिन्दू खुद रुपए जमा करके धर्म के लिए कुछ करें तो वो बुरा कैसे? ‘अद्वितीय’ नामक हैंडल ने लिखा, “कहाँ है ये बेवकूफ जो टैक्स पेयर की मेहनत की कमाई से मस्जिदों के मौलानाओं को तनख्वाह बाँट रहा था। काश ये पैसा वोट बैंक पॉलिटिक्स पर लुटाने की जगह अगर हॉस्पिटल्स में खर्च किया गया होता तो आज दिल्ली की ये दशा नहीं होती।”
याद हो कि जनवरी 2019 में दिल्ली के मस्ज़िदों के इमामों के वेतन को ₹10,000 से बढ़ा कर ₹18,000 करने का ऐलान किया गया था। मस्जिदों में अज़ान पढ़ने वाले मुअज़्ज़िनों के वेतन में भी बढ़ोतरी कर इसे ₹9,000 से ₹16,000 कर दिया गया था। दिल्ली में ऐसे 1,500 से भी अधिक मस्ज़िद हैं जो बोर्ड के अंतर्गत नहीं आते हैं, उनके कर्मचारियों को भी वेतन की घोषणा हुई थी। उनके इमामों को ₹14,000 और मुअज़्ज़िनों को ₹12,000 दिए जाने का ऐलान हुआ था।
कहाँ है ये बेवकूफ जो टैक्स पेयर की मेहनत की कमाई से मस्जिदों के मौलानाओं को तनखा बांट रहा था. काश ये पैसा वोट बैंक पॉलिटिक्स पर लुटाने की जगह अगर हॉस्पिटल्स में खर्च किया होता तो आज दिल्ली की ये दशा नहीं होती. 😑 https://t.co/IC9QkposAJ pic.twitter.com/9edWCcJfjs
— °अद्वितीय° (@AnupamHB) April 16, 2021
‘स्नेहा’ नामक ट्विटर यूजर ने वो खबर निकाली, जिसमें सीएम केजरीवाल ने लोगों को मुफ्त में राम मंदिर का दर्शन कराने की घोषणा की थी। उन्होंने खुद को हनुमान भक्त भी बताया था। राम मंदिर के भूमिपूजन के दौरान उन्होंने देशवासियों को बधाई दी थी। अगर मंदिर गलत है तो केजरीवाल ने ये सब क्यों किया? साथ ही लोगों ने ये भी सवाल दागा कि दिल्ली की AAP सरकार ने कितने अस्पताल बनवाए हैं?
Yeh kya hai antita madam ke kejriwal ne 6 saal mein!! Sharam b nahi aati AAPiyon ko https://t.co/SUuAL9dVVm pic.twitter.com/hflCfy6lco
— Dogra speaking (@dogratweets) April 16, 2021
फिर लोग एक RTI से हुए खुलासों को लेकर आए। इससे पता चला था कि 2015-19 में दिल्ली सरकार ने एक भी नया अस्पताल या फ्लाईओवर नहीं बनवाया। सीएम केजरीवाल ने दावा किया था कि पिछले साढ़े चार साल में उनकी सरकार ने 23 फ्लाईओवर बनाए हैं, लेकिन वास्तविकता इसके उलट है कि दिल्ली में AAP सरकार ने वर्षों से केवल विज्ञापन ही दिया है। इस खुलासे के बाद भी केजरीवाल सरकार घिरी थी।