Sunday, December 22, 2024
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कर्नाटक के सीएम रहे कॉन्ग्रेस नेता सिद्धारमैया ने दी देश में खून-खराबे की धमकी

2018 में राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान भी सिद्धारमैया ने इसी तरह की टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि यदि भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने संविधान को बदलने की कोशिश की तो 'देश में खून-खराबा होगा।'

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार (अक्टूबर 14, 2019) को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर भारतीय संविधान में कुछ भी बदलने की कोशिश की गई, तो ‘खून-खराबा’ हो जाएगा। मैसूर के टी नरसीपुरा में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “खबरदार, अगर संविधान को बदलने की कोई कोशिश की गई तो देश में खून-खराबा हो जाएगा।

कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करने पहुॅंचे थे। उन्होंने कहा कि आंबेडकर केवल दलितों के लिए नहीं लड़े। वे उन लोगों के साथ भी खड़े हुए जिनका शोषण किया गया था। जातिवाद के कारण समुचित अवसरों से वंचित सभी समुदायों को न्याय दिलाने के लिए आंबेडकर ने ईमानदारी से प्रयास किया।

सिद्धारमैया ने कहा कि कुछ लोग आंबेडकर का विरोध इसलिए करते हैं क्योंकि उन्होंने समाज के हर व्यक्ति को समान अवसर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को भारतीय संविधान पसंद नहीं है, क्योंकि डॉ. आंबेडकर ने अपने संविधान के माध्यम से सभी दलित समुदायों को समान अवसर प्रदान किए।

उल्लेखनीय है कि 2018 में राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान भी सिद्धारमैया ने इसी तरह की टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने संविधान को बदलने की कोशिश की, तो ‘देश में खून-खराबा होगा।’ इस तरह की टिप्पणी कर लोगों को उकसाते वक्त सिद्धरमैया शायद यह भूल जाते हैं कि संविधान में कई बार बदलाव और संशोधन किए गए हैं। इनमें से कई सारे विवादास्पद संवैधानिक संशोधनों के लिए उनकी खुद की पार्टी जिम्मेदार है। इसमें 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के जमाने में किया गया 42वां संवैधानिक संशोधन भी शामिल है, जो ‘मिनी संविधान’ के नाम से कुख्यात है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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