पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) पर कथित तौर पर विवादित टिप्पणी के मामले में कई इस्लामिक देशों में मचे घमासान के बीच भारत के विदेश मंत्रालय (External Affaires Ministry) ने गुरुवार (9 जून 2022) को ये स्पष्ट कर दिया कि ऐसी टिप्पणियाँ सरकार के रुख को नहीं दर्शाती हैं। साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि वार्ताकारों को इसके बारे में बता दिया गया है।
बागची के मुताबिक, इस तरह की टिप्पणियाँ करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जा चुका है और वो इसके बारे में अधिक कुछ नहीं कहेंगे। दरअसल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से भारत की यात्रा पर आए ईरान के विदेशमंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन की एनएसए अजीत डोभाल के साथ बैठक के दौरान पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी का मुद्दा उठाए जाने को लेकर सवाल किया गया था। बागची का कहना है कि इस मामले में ईरान ने अपने बयान को वापस ले लिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ईरान के विदेश मंत्री और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की बीच हुई वार्ता को लेकर स्पष्ट किया है कि बैठक के दौरान पैगंबर मुहम्मद के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई।
वहीं पाकिस्तान में हिंदुओं पर हमले और मंदिरों में तोड़फोड़ के मुद्दे पर बागची ने कहा, “हमनें हाल ही में कराची में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की घटना देखी है। हमारा मानना है कि यह धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रणालीगत उत्पीड़न का एक और कार्य है। हमने पाकिस्तान सरकार को अपने विरोध से अवगत करा दिया है, उनसे अपने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा, सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।”
We’ve noted recent incident of vandalisation of a Hindu temple in Karachi. We believe it’s another act of systemic persecution of religious minorities. We’ve conveyed our protest to Pakistan Govt, urging them to ensure safety, security &well-being of its minority communities: MEA pic.twitter.com/UqFo8iw7WO
— ANI (@ANI) June 9, 2022
चीन पर भारत की पैनी नजर
प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बीते कुछ सालों में भारत सरकार ने बॉर्डर एरिया में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए कई तरह के उपाय किए हैं। सीमावर्ती इलाकों में चीनियों द्वारा किए जा रहे निर्माणों पर पैनी नजर रखी जा रही है। अरिंदम बागची ने कहा कि लद्दाख के पैंगोंग लेक में जिस जगह चीन अपने एक पुल के बगल में नए पुल बना रहा है वो क्षेत्र 1960 के बाद से ही उसके कब्जे में है।
16-17 जून को होगा आसियान सम्मेलन
देश में 16-17 जून को आसियान देशों की बैठक होनी है। इसमें भारत मेजबानी करेगा। इस बैठक की सहअध्यक्षता भारत के विदेशमंत्री डॉ एस जयशंकर और सिंगापुर के विदेशमंत्री विवियन बालकृष्णन करेंगे। साल 2022 को भारत आसियान मैत्री वर्ष के तौर पर नामित किया गया है।