दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार अब फंड की कमी का रोना रो रही है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से तत्काल 5000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड की माँग की है।
आम आदमी पार्टी की सरकार का कहना है कि कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए इतने रुपयों की सख्त आवश्यकता है। विपक्ष के नेताओं ने इसे लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल को घेरना शुरू कर दिया है और पूछा है कि विज्ञापनों के लिए पैसे कहाँ से आते हैं?
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने सारा पैसा विज्ञापनों पर खर्च कर दिया और अब वो केंद्र सरकार से फंड माँग रहे हैं। केजरीवाल की पार्टी से अलग हो चुके कवि कुमार विश्वास ने भी दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। कुमार विश्वास ने जूते वाली इमोजी के साथ लिखा:
लाखों करोड़ की चुनावी-रेवड़ियाँ, टैक्सपेयर्स के हज़ारों करोड़ अख़बारों में 4-4 पेज के विज्ञापन व चैनलों पर हर 10 मिनट में थोबड़ा दिखाने पर खर्च करके, पूरी दिल्ली को मौत का कुआँ बनाकर अब स्वराज-शिरोमणि कह रहे हैं कि कोरोना से लड़ रहे डॉक्टरों को सैलरी देने के लिए उनके पास पैसा नहीं हैं।
वहीं दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने पूछा कि जब वित्त की कमी है तो करोड़ों रुपए विज्ञापन में क्यों फूँके जा रहे हैं? उन्होंने दावा किया कि 2 दिन पहले ही लगभग हर चैनल पर केजरीवाल ने 14 मिनट का विज्ञापन दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि 1 दिन में ही पूरे 25 करोड़ रुपए खर्च कर डाले गए और रोज अख़बारों में आने वाले विज्ञापन की बात करें तो उनमें 3-4 करोड़ रुपए रोज लगाए जा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि जब पैसे ही नहीं हैं तो ये ‘बर्बादी’ क्यों की जा रही है? उन्होंने कहा:
इन्हें और पैसे चाहिए। सारे पैसे नशे में उड़ा दिए। टीवी पर सुबह शाम सिर्फ खुद का चेहरा देखने का नशा, अखबारों में सिर्फ खुद की फ़ोटो का नशा, रेडियो पर सिर्फ खुद की आवाज का नशा और विज्ञापनों में करोड़ों अरबों फूँक कर नशे में मस्त केजरीवाल कह रहे हैं कर्मचारियों की सैलरी का पैसा ख़त्म हो गया है।
तो करोड़ो रूपये विज्ञापनों में क्यों फूंक रहे हो?
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) May 31, 2020
परसो हर चैनल में 14 मिनट का केजरीवाल का विज्ञापन था – एक दिन में 25 करोड़ रुपये फूंके
हर रोज सिर्फ अखबारों में 2-3 करोड़ के विज्ञापन
टीवी पर रोजाना 4-5 करोड़ रुपये के विज्ञापन
पैसे नहीं हैं तो ये बर्बादी क्यूँ? https://t.co/eBBw2Ar9GR
मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि कोरोना व लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन क़रीब 85% नीचे चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से बाक़ी राज्यों को जारी आपदा राहत कोष से भी कोई राशि दिल्ली को नहीं मिली है। सिसोदिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिख कर वित्तीय सहायता की माँग की। सीएम केजरीवाल ने भी कहा कि वो आपदा की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों की मदद करने के लिए केंद्र सरकार से निवेदन करते हैं।
बता दें कि कोरोना के आँकड़ों में गड़बड़ी को लेकर केजरीवाल सरकार पहले से ही विपक्ष के निशाने पर है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कॉन्ग्रेस नेताना बनी हुई है। अजय माकन ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि देर रात को सरकार की ओर से मौतों के आँकड़े जारी किए जा रहे हैं, ताकि कोई अखबार न छाप सके। साथ ही उन्होंने लिखा कि सरकार चुपके-चुपके जो जानकारी दे रही, वो भी आधी-अधूरी है। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी ऐसे ही आरोप लगाए थे।