कोरोना की वैक्सीन मुफ्त हो या इसके लिए सरकार कीमत वसूले, इस मुद्दे पर लंबी बहस चल पड़ी है। बीजेपी द्वारा बिहार में सत्ता में आने पर हर व्यक्ति को मुफ्त कोरोना वैक्सीन की घोषणा के बाद कई दलों ने कहा है कि उन्हें भी केंद्र से नि:शुल्क कोरोना वैक्सीन मिले। हालाँकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लोगों के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन मुफ्त देने के मुद्दे पर गैर-कमिटेड नजर आ रहे हैं।
शनिवार (अक्टूबर 24, 2020) को मीडिया से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कहा कि पूरे देश को फ्री वैक्सीन मिलनी चाहिए, ये पूरे देश का अधिकार है। केजरीवाल ने कहा कि सारे लोग कोरोना से परेशान हैं। इसलिए हर भारतीय को कोरोना का वैक्सीन मिलनी चाहिए। हालाँकि खुद दिल्ली के लोगों को मुफ्त टीके उपलब्ध कराने के बारे में उन्होंने कहा कि टीका विकसित होने के बाद सरकार इस पर निर्णय करेगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केजरीवाल ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दो फ्लाईओवरों का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से कहा, “जब टीका आएगा तब हम इस बारे में विचार करेंगे। तब देखेंगे कि इसकी क्या कीमत है और यह कितने लोगों को मुहैया कराई जा सकती है।”
The entire country should get the vaccine for free, it is everyone’s right. We will see when the vaccine comes, what it’s like and how much it costs: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal on being asked if his government would provide vaccine for free to residents pic.twitter.com/jIOjVc3KuS
— ANI (@ANI) October 24, 2020
अरविंद केजरीवाल की विमुखता दिल्ली में कोरोना वायरस वैक्सीन के संबंध में उनकी सरकार की नीति को स्पष्ट रूप से बता रही है। चूँकि स्वास्थ्य ‘राज्य’ का विषय है, इसलिए दिल्ली सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह कोरोना वायरस वैक्सीन के देश भर में लॉन्च होने के बाद दिल्ली के लोगों का उचित टीकाकरण सुनिश्चित करे।
हालाँकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुफ्त में वैक्सीन प्रदान करने और केंद्र में जिम्मेदारी को स्थानांतरित करने के प्रयास के बारे में बहुत ज्यादा इच्छुक नहीं हैं। देश भर में मुफ्त टीके उपलब्ध कराने के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के हमले के बीच केजरीवाल का गैर जिम्मेदाराना बयान आया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को आगामी चुनावों के लिए बिहार में भाजपा के घोषणापत्र को जारी करते हुए कहा कि बीजेपी बिहार में मुफ्त कोरोना वायरस टीके का वादा करती है। जिस तरह से दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने चुनाव से पहले फ्री पानी, फ्री बिजली का वादा किया था, उसी तरह बीजेपी ने फ्री टीका का वादा किया है।
उन्होंने कहा कि जब भी टीका उपलब्ध होगा, बिहार के लोगों को मुफ्त में दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट रूप से यह उल्लेख नहीं किया कि केवल बिहार के निवासी ही टीका प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे और यह तो निश्चित रूप से नहीं कहा था कि अन्य राज्यों को टीका नहीं मिलेगा।
हालाँकि, ट्रोल और कॉन्ग्रेस समर्थक ‘ऑनलाइन कार्यकर्ताओं’ ने भाजपा और केंद्रीय मंत्री पर हमला करने के लिए अपनी कोरी कल्पना का सहारा लिया। उनमें से कई लोगों ने COVID-19 के मुफ्त टीकाकरण देने के सरकार के कदम को को ‘क्रूर’ कदम बताया। अन्य विरोधियों ने यह कहकर भ्रम की स्थिति पैदा कर दी कि टीका अन्य राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा या नहीं।
दरअसल, सच्चाई यह है कि चुनाव से पहले बिहार को केंद्र से खास तवज्जो नहीं मिल रही है। जब भी वैक्सीन विकसित होगी, केंद्र सभी राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी, फिर यह राज्य सरकारें तय करेंगी कि इसे मुफ्त में दिया जाए या लोगों से इसके लिए शुल्क लिया जाए।
टीकाकरण राज्य का विषय है। उन्होंने बताया कि अन्य सभी टीकाकरण कार्यक्रमों की तरह, केंद्र राज्यों को मामूली दर पर टीके प्रदान करेगा। इसमें भाजपा शासित और गैर-भाजपा शासित दोनों राज्य शामिल होंगे। फिर यह राज्यों पर निर्भर है कि वे टीके नि:शुल्क लगाएँ या इसके लिए शुल्क लें।
स्वास्थ्य ‘राज्य’ का विषय है और बिहार में बीजेपी ने सत्ता में आने पर नि:शुल्क टीका देने का वादा किया है। इसी तरह, गैर-भाजपा शासित राज्यों जैसे दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल या तो सभी के लिए टीके मुफ्त करने का विकल्प चुन सकते हैं या फिर अपने नागरिकों से इसके लिए शुल्क ले सकते हैं।
केजरीवाल भी गैर- कमिटेड बयान देते हुए अन्य की तरह ही कोरोना वैक्सीन का राजनीतिकरण कर रहे हैं और यह दावा करते हुए केंद्र पर दोषारोपण कर रहे हैं कि उन्होंने मुफ्त में टीकाकरण प्रदान नहीं किया।