Sunday, November 17, 2024
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भूमि पूजन के बाद ओवैसी का फूटकर बह रहा है दर्द, कहा- ‘ये लोकतंत्र और सेकुलरिज्म की हार है’

"पीएम का इस कार्यक्रम में शामिल होना देश की धर्मनिरपेक्ष नीतियों का उल्लंघन है। आज हिंदुत्व और धर्मनिरपेक्षता के लिए एक सफल दिन है क्योंकि मोदी (एक पीएम के रूप में) इस कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम ने कहा कि आज का कार्यक्रम भारत का प्रतीक है, लेकिन, वह एक देश के पीएम हैं और उन्हें समझने की जरूरत है कि देश का प्रतीक मंदिर या मस्जिद नहीं हो सकता।"

भूमि पूजन की तारीख आने के बाद से लगातार देश के लोकतंत्र और सेकुलरिज्म पर सवाल उठाने वाले ओवैसी अब खुल कर जहर उगल रहे हैं। सुबह उन्होंने सबसे पहले यह ट्वीट किया, “बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी। इंशाल्लाह।” इसके बाद भूमि पूजन संपन्न होते ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शपथ का उल्लंघन करने वाला ही करार दे दिया।

उन्होंने कहा, “भारत एक सेकुलर देश है। प्रधानमंत्री ने आज मंदिर का शिलान्यास करके अपनी शपथ का उल्लंघन किया है। ये लोकतंत्र की और सेकुलिज्म की हार है और हिंदुत्व की जीत है।”

ओवैसी ने आगे कहा, “पीएम का इस कार्यक्रम में शामिल होना देश की धर्मनिरपेक्ष नीतियों का उल्लंघन है। आज हिंदुत्व और धर्मनिरपेक्षता के लिए एक सफल दिन है क्योंकि मोदी (एक पीएम के रूप में) इस कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम ने कहा कि आज का कार्यक्रम भारत का प्रतीक है, लेकिन, वह एक देश के पीएम हैं और उन्हें समझने की जरूरत है कि देश का प्रतीक मंदिर या मस्जिद नहीं हो सकता।”

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ओवैसी ने आगे कहा, “मैं कह रहा हूँ कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रमुख उपस्थिति के कारण हिंदुत्व की सफलता का दिन है। वह वहाँ क्यों है? भागवत ने कहा कि यह नया भारत बनाता है। क्या है नया भारत? नया भारत जहाँ मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया जाएगा?”

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं भावुक हूँ। मैं कहना चाहता हूँ कि मैं भी उतना ही भावुक हूँ क्योंकि मैं सह-अस्तित्व और नागरिकता की समानता में विश्वास करता हूँ। प्रधानमंत्री, मैं भावुक हूँ क्योंकि एक मस्जिद 450 साल से वहाँ खड़ी थी।”

बता दें, ओवैसी इस समय सिर्फ़ प्रधानमंत्री पर अपना गुस्सा नहीं दिखा रहे बल्कि कॉन्ग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी उनके निशाने पर है। प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ बोलने से पहले उन्होंने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था, ”कॉन्ग्रेस हमेशा खामोशी से हिंदुत्व की राजनीति करती आई है। कॉन्ग्रेस को खुलकर कह देना चाहिए कि वह हिंदुत्व की विचारधारा को मानती है। कॉन्ग्रेस पहले भी मिली हुई थी। अब उनको यह तय करना है कि वो टीम हिंदुत्व का साथ देंगे या टीम इंडिया का जो धर्मनिरपेक्षता पर विश्वास रखती है।”

इसी प्रकार उन्होंने मुलायम सिंह यादव को भी आड़े हाथों लिया और कहा, “मुलायम सिंह यादव ने भी अपनी सियासी रोटी हमारे खून पर सेकी है। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जब दोबारा मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने तो वो इस मामले में सोते रहे। उन्होंने केस में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। जिन लोगों को हमने रक्षक समझा, उन्हीं लोगों ने हमें नुकसान पहुँचाया है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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