असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार (24 अगस्त 2024) को कहा कि बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद वहाँ के हिंदू लड़ रहे हैं, जबकि मुस्लिम भागकर भारत में घुसपैठ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में 35 बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया है। सीएम सरमा का कहना है कि पिछले एक महीने में बांग्लादेश से एक भी हिंदू भारत नहीं आया।
हिमंता सरमा ने कहा कि जिन 35 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है, उनके पास पासपोर्ट नहीं है। वे सब भारत के असम राज्य में अवैध रूप से घुसे थे। उन्होंने कहा कि हाल ही में असम के करीमगंज में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें वापस भेज दिया गया। सरमा के अनुसार, “वहाँ की हिंदू कम्यूनिटी भारत आने की कोशिश नहीं कर रही है, मुस्लिम यहाँ आने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।”
Two Bangladeshi nationals were apprehended at Badarpur railway station by @assampolice. The apprehended individuals were identified as
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 24, 2024
1. Masum Khan,Modelganj Police Station in Bangladesh,
2. Sonia Akhtar, Dhaka, Bangladesh.
They reportedly entered India through the Madhoppur… pic.twitter.com/N59iX8MqQ3
सीएम सरमा ने शनिवार को कहा, “आज ही हमने करीमगंज में 2 लोगों को गिरफ्तार किया और उन्हें वापस भेजा। वे हिंदू नहीं थे।” उन्होंने बताया कि बांग्लादेशी मुस्लिम असम के जरिए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु और तमिलनाडु के शहर कोयंबटूर जाना चाहते हैं। ये घुसपैठिए माधोपुर (बीडी)-अगरतला रूट के जरिए भी असम में घुस रहे हैं। असम पुलिस ने बदरपुर रेलवे स्टेशन दोनों पकड़ा है।
हिमंता सरमा ने कहा कि करीमगंज में पकड़ाए दोनों बांग्लादेशी भी बेंगलुरु और कोयंबटूर की टैक्सटाइल इंडस्ट्रीज में नौकरी करना चाहते थे। उनकी पहचान मासूम खान और सोनिया अख्तर के रूप में हुई है। मासूम बांग्लादेश के मॉडलगंज पुलिस स्टेशन इलाके का रहने वाला है। वहीं, सोनिया ढाका की रहने वाली है। दोनों अगरतला रूट से असम आए थे।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर बांग्लादेश के हिंदू भारत आना चाहते तो वे बँटवारे के समय ही आ जाते। वे बांग्लादेश को अपनी मातृभूमि मानते हैं, इसलिए वे नहीं आए। हिमंता सरमा ने आगे कहा, “हमें उनका सम्मान करना चाहिए। हमने प्रधानमंत्री मोदी से कहा है कि वे बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दबाव डालें।”
बता दें कि बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को तख्ता पलट हुआ था। आरक्षण खत्म करने की माँग को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन हिंसक हो और कट्टरपंथियों के हाथ में चला गया था। इसके बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर बांग्लादेश छोड़ दिया था। इसके बाद वहाँ के अल्पसंख्यक हिंदुओं के घरों-दुकानों एवं मंदिरों पर हमले हुए। कई लोगों की हत्या कर दी गई।