उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सपा नेता मोईद खान और उसके नौकर राजू खाँ द्वारा बेकरी की दुकान में निषाद समाज की एक बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार की खबर आई। वहीं एक अन्य सपा नेता राशिद खान ने पीड़ित को जान से मार डालने की कोशिश की। मोईद खान फैज़ाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद का करीबी है, जिन्हें विपक्षी नेता ‘अयोध्या का राजा’ कह कर संबोधित करते हैं। उसकी संपत्ति पर अब योगी सरकार का बुलडोजर चला है। अब यूपी में अयोध्या के बाद जौनपुर से रेप की खबर आई है, जिसके बहाने अखिलेश यादव राजनीति खेल रहे हैं।
अखिलेश यादव के इस ट्वीट को लोग अयोध्या वाले मामले से भी जोड़ कर देख रहे हैं। इसका कारण ये है कि उन्होंने इस ट्वीट में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है और जिस तरह से वो अयोध्या वाली घटना को लेकर चुप हैं, वो उनकी दोहरी रणनीति को दिखाता है। बता दें कि जौनपुर में दलित समाज की एक लड़की से 9 घंटे तक चलती कार में गैंगरेप का आरोप लगा है। पीड़िता सड़क के किनारे खून से लथपथ पाई गई। उसका कहना है कि 3 बदमाशों ने उसका अपहरण किया था।
अब अखिलेश यादव ने जो ट्वीट किया वो देखिए, “कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका DNA टेस्ट कराकर इंसाफ़ का रास्ता निकाला जाए, न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे क़ानून के हिसाब से पूरी सज़ा दी जाए, लेकिन अगर DNA टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की माँग है।” अखिलेश यादव की इस ट्वीट का जब विरोध होने लगा, तब उन्होंने एडिट कर के इसमें जौनपुर की खबर का स्क्रीनशॉट लगा दिया।
Post is immediately edited…..
— Preeti Pandey (@preetijat2) August 3, 2024
You can edit the tweet as much as you want, but the public is mistaken that you mean only A in PDA, and not anyone else…..
They don't care about minor girls or Hindus….
How much more will you save your A??
This is Uttar Pradesh and here is… https://t.co/ElOXidk85q pic.twitter.com/epqPH0r40K
जैसा कि आपने देखा, ‘DNA TEST’ इस ट्वीट में दो-दो बार कैपिटल लेटर में लिखा हुआ है, यानी इस शब्द पर जोर दिया गया है। दूसरी बात, वो कह रहे हैं कि सिर्फ आरोप लगा कर राजनीति न की जाए। क्या अखिलेश यादव का इशारा कहीं और है, लोग सवाल पूछ रहे हैं। जौनपुर वाले मामले में पीड़िता के पिता भाजपा के ही नेता हैं। अब तक रेप की पुष्टि नहीं हुई है, मेडिकल टेस्ट के बाद आधिकारिक रूप से कुछ कहा जा सकेगा। बच्ची के साथ मारपीट की बात पुलिस ने कबूली है।
चारों तरफ चर्चा में अयोध्या की घटना है, इसी बीच सपा के मुखिया का ट्वीट आता है, विरोध होने के बाद ट्वीट एडिट कर के जौनपुर वाली खबर लगा दी जाती है – इसे क्या समझा जाए? क्या अखिलेश यादव सिर्फ इसीलिए अयोध्या वाले मेल पर चुप हैं और उस पर अपने रुख को दर्शाने के लिए जौनपुर के एक अलग मामले को अपने बयान से जोड़ रहे हैं क्योंकि आरोपित मुस्लिम समुदाय से हैं और पीड़िता हिन्दू निषाद समाज से है? बता दें कि कभी उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने रेप की एक घटना को लेकर ‘लड़के हैं, गलती हो जाती है’ वाला बयान दिया था। अब अखिलेश यादव ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया है।