Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीति'बंगाल बन गया है आतंक की पनाहगाह': अब्दुल और शाजिब की गिरफ्तारी के बाद...

‘बंगाल बन गया है आतंक की पनाहगाह’: अब्दुल और शाजिब की गिरफ्तारी के बाद BJP ने ममता सरकार को घेरा, कहा- ‘मिनी पाकिस्तान’ से तुलना सही साबित हुई

पश्चिम बंगाल भाजपा ने भी ममता सरकार पर हमले बोले। पश्चिम बंगाल भाजपा ने लिखा कि राज्य अब आतंकियों के लिए एकदम खुली शरणस्थली है और इसकी मिनी पाकिस्तान से तुलना सही साबित हो रही है।

बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे धमाका मामले में मुख्य 2 आतंकी NIA ने पश्चिम बंगाल के दीघा से गिरफ्तार किए। NIA की इस कार्रवाई के बाद भाजपा नेताओं ने बंगाल की सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंता जताई। भाजपा ने बंगाल को आतंकियों की पनाहगाह बताया। राज्य की पुलिस इस मामले पर ममता सरकार के बचाव में आ गई। खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस गिरफ्तारी को लेकर बयान दिया।

पश्चिम बंगाल में आतंकियों के शरण लेने पर भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने प्रश्न उठाए। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “NIA ने रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के दो मुख्य आतंकियों, मुस्सविर हुसैन शाजिब और साथी अब्दुल मतीन अहमद ताहा को कोलकाता से हिरासत में लिया। दोनों जहाँ तक कर्नाटक के शिवमोगा में ISIS सेल से संबंधित हैं। ममता बनर्जी के राज में, पश्चिम बंगाल आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।”

पश्चिम बंगाल भाजपा ने भी ममता सरकार पर हमले बोले। पश्चिम बंगाल भाजपा ने लिखा कि राज्य अब आतंकियों के लिए एकदम खुला पनाहगाह है और इसकी मिनी पाकिस्तान से तुलना सही साबित हो रही है। अन्य भाजपा नेताओं ने भी ममता सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमले बोले।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा,”रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के मुख्य आरोप पश्चिम बंगाल से पकड़े गए हैं, सवाल उठता है कि बंगाल आखिर आतंकियों के लिए एकदम स्वर्ग क्यों बन गया है, शायद ऐसा इसलिए हैं क्योंकि NIA कार्रवाई के दौरान यहाँ के विधायक-सांसद दिल्ली में धरने पर बैठ जाते हैं।”

पश्चिम बंगाल में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने को लेकर ममता सरकार के बचाव में बंगाल पुलिस उतर आई। बंगाल पुलिस ने ट्विटर पर लिख कर बताया कि उसने NIA के साथ मिलकर यह कार्रवाई की है और पश्चिम बंगाल कभी आतंकियों की शरणस्थली नहीं बनेगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस मामले पर कहा कि आंतकियों को राज्य में दो घंटे में ही पकड़ लिया गया।

बताया गया है कि दीघा में पकडे गए दोनों आतंकी धमाके के पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों की राडार पर थे। यह दोनों 2020 से ही गायब थे। यह अल हिन्द मॉड्यूल में शामिल थे। NIA की दबिश पर यह गायब हो गए थे। इसके बाद से यह आतंक की प्लानिंग कर रहे थे। इन्होने मिलकर बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में मार्च 2023 में धमाके को अंजाम दिया।

गौरतलब है कि 1 मार्च, 2024 को बेंगलुरु के वाइटफील्ड इलाके में स्थित रामेश्वरम कैफे में दोपहर में एक धमाका हुआ था। इस धमाके में 9 लोग घायल हुए थे। धमाके के पीछे की जानकारी बाद में निकल कर सामने आई थी। इसके बाद इस मामले की जाँच NIA ने चालू कर दी थी। तब से ही एजेंसी उनको पकड़ने का प्रयास कर रही थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -