केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध का अगुआ रहे भारतीय किसान यूनियन (BKU) में गुटबाजी अब खुलकर सामने आ गई है। संगठन ने राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को BKU से निकाल दिया गया है। इसके साथ ही उनके भाई नरेश टिकैत (Naresh Tikait) को भी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। नरेश की जगह राजेश सिंह चौहान (Rajesh Singh Chauhan) को अध्यक्ष बनाया गया है।
यह फैसला BKU के संस्थापक दिवंगत चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि के अवसर पर 15 मई को लखनऊ के गन्ना किसान संस्थान में संगठन के हुई नेताओं की बैठक लिया गया। संगठन के नेताओं का आरोप है कि BKU एक गैर-राजनीतिक संगठन है, लेकिन राकेश टिकैत ने अपने बयानों और गतिविधियों से इसे राजनीतिक रूप से दे दिया।
नेताओं की नाराजगी को समझते हुए राकेश टिकैत उन्हें मनाने पहुँचे थे। नाराज किसान नेताओं की अगुवाई कर रहे BKU उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा के आवास पर राकेश टिकैत संगठन के असंतुष्ट नेताओं को समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन इसमें वे नाकाम रहे। इसके बाद वे वापस लौट अपने घर लौट गए।
टिकैत बंधुओं की राजनीतिक गतिविधियों को देखते हुए संगठन के असंतुष्ट नेताओं ने इस संगठन का नाम भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) है। इसके अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान बनाए गए हैं। वहीं, उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक युवा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दिगंबर तथा प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा बनाए गए हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राजेश सिंह चौहान ने कहा कि कार्यकारणी ने निर्णय लिया कि मूल संगठन भारतीय किसान यूनियन थी। अब भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) का गठन किया गया है। भारतीय किसान यूनियन अपने किसानों के मूल मुद्दों से भटक गई है और अब राजनीति करने लगी है। इसलिए भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) की आवश्यकता महसूस हुई।
उन्होंने कहा, “13 महीने के आंदोलन के बाद जब हम घर आए तो हमारे नेता राकेश टिकैत राजनीतिक तौर पर प्रेरित दिखाई दिए। हमारे नेताओं ने कुछ राजनीतिक दलों के प्रभाव में आकर एक दल के लिए प्रचार करने का आदेश तक दिया। मेरा काम राजनीति करना या किसी पार्टी के लिए काम करना नहीं है। मेरा काम किसान की लड़ाई लड़ना रहेगा। यह नया संगठन है।”