उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना को लेकर देश के लोगों में आक्रोश है। अनेक विपक्षी नेता भी सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली के जंतर मंतर तक लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के जंतर मंतर पर भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार (3 अक्टूबर 2020) को उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर एक विवादित बयान दिया। चंद्रशेखर ने जीने के अधिकार (राईट टू लाइफ) की दलील देते हुए कहा दलित समुदाय के लोगों को बंदूक मिलनी चाहिए।
सँविधान में हर नागरिक को जीने का अधिकार दिया है, जिसमें आत्म रक्षा का अधिकार शामिल है। हमारी माँग है कि देश में 20 लाख बहुजनों को हथियारों के लाइसेंस तत्काल दिया जाए। हमें बंदूक़ और पिस्तौल ख़रीदने के लिए 50% सब्सिडी सरकार दे। हम अपनी रक्षा खुद कर लेंगे। #Gun_Licence_For_Bahujan
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) October 3, 2020
चंद्रशेखर ने ट्वीट करते हुए कहा कि संविधान में सभी को जीने का अधिकार मिला है। इस अधिकार में खुद की सुरक्षा का अधिकार भी शामिल है, इस बात को मद्देनज़र रखते हुए सरकार दलित समुदाय के लोगों को 50 फ़ीसदी सब्सिडी पर बंदूकें दे। ट्वीट करते हुए चंद्रशेखर ने लिखा,
“संविधान में हर नागरिक को जीने का अधिकार दिया है, जिसमें आत्म रक्षा का अधिकार शामिल है। हमारी माँग है कि देश में 20 लाख बहुजनों को हथियारों के लाइसेंस तत्काल दिया जाए। हमें बंदूक़ और पिस्तौल ख़रीदने के लिए 50% सब्सिडी सरकार दे। हम अपनी रक्षा खुद कर लेंगे।”
इस मामले में सबसे ज़्यादा हैरानी की बात यह है कि बंदूक की माँग एक ऐसे नेता ने की है, जो खुद भीमराव अंबेडकर की विचारधारा को मानने वालों में से एक है। जो अंबेडकर हमेशा संविधान के आधार पर चलने की बात करते थे, उनकी विचारधारा को मानने वालों लोगों को अब बंदूक की ज़रूरत पड़ रही है।
बहस यहीं पर नहीं रुकी, इसके बाद एक दलित कार्यकर्ता ने इस बात के समर्थन में कई नियमों का हवाला तक दे दिया। दलित कार्यकर्ता सूरज येंगडे ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 को आधार बनाते हुए अपनी बात कही। उनके मुताबिक़ यह नियम एक व्यक्ति को सुरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस प्रदान करने का अधिकार देता है।
हालाँकि कॉन्ग्रेस प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर कहा, “मेरा मानना है कि हमें गाँधीवादी दर्शन से ही आगे बढ़ना चाहिए। अहिंसा इस लड़ाई का इकलौता सार्थक विकल्प है, इसके ज़रिए ही अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी जा सकती है।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुन कर आई लोकतांत्रिक सरकार आम नागरिकों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए पूरी तत्परता और प्रभावी रूप से प्रतिबद्ध है। इस प्रकार के बयान और माँगों का उद्देश्य केवल नौटंकी है, इसका कोई अर्थ नहीं है।”