Sunday, December 22, 2024
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…डाकिन्यां भीमशंकरम: वो विज्ञापन जिससे भीमाशंकर पर शुरू हुआ विवाद, जानिए ज्योतिर्लिंग को लेकर महाराष्ट्र और असम क्यों हैं आमने-सामने

द्वादश ज्योतिर्लिंग में छठे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को लेकर असम लंबे समय दावा करता रहा है कि असली भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग उसके यहां है। वहीं, महाराष्ट्र लगातार इसका विरोध करता रहा है। हालाँकि, महाराष्ट्र के लिए यह पहला विवाद नहीं है। इससे पहले भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच विवाद हो चुका है।

भगवान सदाशिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर को लेकर असम सरकार और महाराष्ट्र सरकार में विवाद छिड़ गया है। असम की भाजपा सरकार ने एक विज्ञापन जारी करके कहा है कि ‘भीमाशंकर ज्‍योतिर्लिंग’ असम में है। हालाँकि, अब तक यही माना जाता है कि छठा ज्‍योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमाशंकर में है।

असम सरकार के पर्यटन विभाग ने एक विज्ञापन जारी करके दावा किया है कि भीमाशंकर मंदिर असम के कामरूप में डाकिनी पहाड़ी पर स्थित है। 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर असम सरकार ने 14 फरवरी को विभिन्न अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में लिखा, “भारत के छठे ज्योतिर्लिंग स्थल डाकिनी पर्वत, कामरूप में आपका स्वागत है।”

असम सरकार के इस दावे पर महाराष्ट्र के विपक्षी दल भाजपा सरकार पर हमलावर हो गए हैं। उन्होंने भाजपा पर महाराष्ट्र के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को छीनने का आरोप लगाया। बता दें कि असम में हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। वहीं, महाराष्ट्र में शिवसेना के एक गुट के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में भाजपा की गठबंधन सरकार है।

महाराष्ट्र के विपक्षी दलों का हमला

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग विवाद को लेकर राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले ने ट्विटर पर असम सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “क्या बीजेपी ने महाराष्ट्र के हिस्से में कुछ भी नहीं रखने का फैसला किया है? पहले महाराष्ट्र के हिस्से के उद्योग और रोजगार चोरी हुए और अब हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की चोरी होने वाली है।”

उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से विनम्र अनुरोध है कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने के लिए इस पर तत्काल ध्यान दें।” सुले ने कहा कि असम की बीजेपी सरकार जो कर रही है वो बिल्कुल अस्वीकार्य है और उसका कोई आधार नहीं है।

सुले ने आगे कहा कि शंकराचार्य ने अपने बृहद रत्नाकार स्त्रोत में भीमाशंकर का जिक्र किया है और उसमें साफ-साफ लिखा है कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भीमा नदी और डाकिनी के जंगलों का उद्गम स्थल है। इसलिए पुणे का भीमाशंकर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। उन्होंने पूछा कि अब क्या साबित करने की जरूरत है?

वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा, “कई लोगों ने इसको लेकर चिंता जताई है। जिस तरह से महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को छीन लिया गया है, उसी तरह से मंदिरों को भी दूसरे राज्यों में ले जाया जा रहा है। हम हर राज्य के अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं और हम सभी के मन में पूजा स्थलों को लेकर सम्मान एवं आस्था है।”  

परियोजनाओं के बहाने भाजपा पर निशाना

दरअसल, NCP और शिवसेना जिन परियोजनाओं की बात कर रही हैं, वह टाटा-एयरबस और वेदांता फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट है। लगभग 22,000 करोड़ रुपए के टाटा-एयरबस C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट और 1.63 लाख करोड़ रुपए के वेदांता फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट को पिछले साल महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट दिया गया था। इसी परियोजना को लेकर विपक्षी पार्टियाँ भाजपा पर हमलावर हैं।

शिवसेना (उद्धव गुट) की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने भी असम सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की तरह कभी कोई महाराष्ट्र पर भी अपना दावा कर सकता है। वहीं, मुंबई कॉन्ग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने कहा कि अब राम मंदिर का मुद्दा खत्म हो गया है तो भाजपा ने ज्योतिर्लिंग का नया मुद्दा सामने लाया है। 

भाजपा नेता और महाराष्ट्र के वन और पर्यटन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि भारत सरकार के पर्यटन विभाग ने स्पष्ट किया है कि पुणे के भीमाशंकर ही छठे ज्योतिर्लिंग हैं। इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। वहीं, पुणे के भीमाशंकर मंदिर के पुजारियों ने भी असम सरकार का विरोध किया है।

भगवान के स्थान को लेकर विवाद

द्वादश ज्योतिर्लिंग में छठे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को लेकर असम लंबे समय दावा करता रहा है कि असली भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग उसके यहां है। वहीं, महाराष्ट्र लगातार इसका विरोध करता रहा है। हालाँकि, महाराष्ट्र के लिए यह पहला विवाद नहीं है। इससे पहले भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच विवाद हो चुका है।

महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर स्थित अंजनेरी पहाड़ी पर हनुमान जी का जन्म स्थान माना जाता है। कर्नाटक के किष्किंधा क्षेत्र से नासिक आए महंत गोविंद दास ने दावा किया था कि हनुमान जी का जन्मस्थान कर्नाटक के किष्किंधा में है। उन्होंने नासिक के संतों को चुनौती दी थी कि वे शास्त्रों के आधार पर सिद्ध करें कि भगवान हनुमान का जन्मस्थान त्र्यंबकेश्वर स्थित अंजनेरी पर्वत ही है। 

ज्योतिर्लिंग को लेकर विवाद

बैद्यानाथ धाम को लेकर विवाद: झारखंड के देवघर में 5वाँ ज्योतिर्लिंग है। द्वादश ज्योतिर्लिंग स्रोत्र के मुताबिक, यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के बीड जिले के पारली में स्थित है। वहीं, कुछ लोगों का दावा है कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में असली बैद्यनाथ बाबा मौजूद हैं।

ओंकारेश्वर मंदिर: मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में दो ज्योतिर्लिंग है- एक ममलेश्वर और एक ओंकारेश्वर। इन दोनों में असली ज्योतिर्लिंग कौन सा है, इसको लेकर विद्वानों में विवाद है। हालाँकि, पुजारी दोनों को ही ज्योतिर्लिंग मानते हैं।

घृष्णेश्वर मंदिर: घृष्णेश्वर स्त्रोत के मुताबिक यह ज्योतिर्लिंग एक शिवालय में स्थित है। हालाँकि, यह शिवालय कहाँ है, इसकी सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है। कुछ लोगों का मत है कि यह शिवालय एलोरा की गुफाओं में है। वहीं, कुछ लोगों का मत है कि असली घृष्णेश्वर महादेव महाराष्ट्र में ना होकर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के शिवाड गाँव में स्थित हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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