बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सियासी हलचल शुरू हो गई है। आज इसी क्रम में लालू प्रसाद की राजद को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, राजद के पाँच विधान पार्षदों ने पार्टी का हाथ छोड़कर सत्ताधारी पार्टी जदयू का दामन थाम लिया है।
इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें लेकर कहा जा रहा है कि वह रामा सिंह के पार्टी में शामिल होने की खबरों से नाराज थे। इसलिए उन्होंने ये फैसला किया। जबकि 5 विधान पार्षदों को लेकर खबर है कि वह राजद में मौजूद वंशवाद की राजनीति और तेजस्वी यादव के नेतृत्व से परेशान हो गए थे।
राजद से इस्तीफा देने वाले पार्षदों में दिलीप राय, राधा चरण सेठ, संजय प्रसाद, कमरे आलन, और रणविजय सिंह का नाम शामिल हैं। इन सभी विधान पार्षदों ने विधान परिषद के कार्यकारी सभापति को इस बाबत चिठ्टी भी सौंप दी है। वहीं, दूसरी ओर जदयू की रीना यादव के पत्र के बाद विधान परिषद ने राजद से आए जदयू के सभी सदस्यों को मान्यता दे दी। नवभारत टाइम्स के अनुसार इन 5 विधान पार्षदों के अलावा जेडीयू से जुड़ने वाले राजद नेताओं की संख्या में बढौतरी हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राजद में विधान परिषद (विप) उम्मीदवारों के नाम की चर्चा होते ही विवाद शुरू हो गया था। पार्टी नेता पूर्व मंत्री भोला राय के समर्थकों ने सोमवार को राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड पर जाकर हंगामा किया। दरअसल, भोला राय के समर्थकों का दावा है कि उनको लालू ने भी विप भेजने का वादा किया था। पर अब तक की सूची में उनका नाम नहीं है।
JDU छोड़ RJD में भी शामिल हुए नेता
याद दिला दें, अभी बीते दिनों जदयू के पूर्व mlc जावेद इकबाल अंसारी ने पार्टी का दामन छोड़ राजद का हाथ थामा था। अंसारी के अलावा जेडीयू के पूर्व विधायक रामनरेश सिंह की बेटी शगुन सिंह ने भी पार्टी से किनारा कर तेजस्वी के साथ काम करने का फैसला ले लिया था। इसी तरह पूर्व एडीजी अशोक गुप्ता ने भी आरजेडी के साथ आ कर विधानसभा चुनाव में जाने का फैसला किया था।
उस समय आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा था कि लोगों को अब आरजेडी में अपना भविष्य नजर आने लगा है। वे आरजेडी को सम्मानित कर रहे हैं और RJD उन्हें सम्मानित कर रही है। लालू यादव ने गरीबों का उत्थान किया है, ये वो जानते हैं।
9 सीटों पर चुनाव
बिहार विधान परिषद की 9 सीटों के लिए JDU, BJP, RJD और कॉन्ग्रेस में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। जदयू ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को इसके लिए अधिकृत कर दिया है।
राजद में तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हो चुके हैं। लेकिन इनका नाम तभी सार्वजनिक होगा, जब लालू प्रसाद इसपर अपनी मुहर लगा देंगे। वहीं प्रदेश भाजपा ने संभावित उम्मीदवारों की सूची केंद्र को भेज दी है। उधर, कॉन्ग्रेस में अनेक दावेदारों के बीच एक उम्मीदवार का चयन पार्टी नेतृत्व के लिए चुनौती है।