भारतीय जनता पार्टी ने देश के इतिहास में पहली सम्पूर्ण वर्चुअल रैली आयोजित करने का दावा किया है। इसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी संबोधित किया।
इस दौरान बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि वे बिहार को यह अवसर देने के लिए गृह मंत्री का धन्यवाद देते हैं। वहीं उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने समय पर लॉकडाउन कर स्पेन, अमेरिका और इटली जैसे हालात पैदा होने के बचाने के लिए धन्यवाद दिया।
इस दौरान सुशील मोदी ने कहा कि ये लालूवाद बनाम विकासवाद की लड़ाई है। उन्होंने लालूवाद को पलायन, नरसंहार, अपहरण और अँधेरे का प्रतीक करार दिया। अमित शाह ने अपने सम्बोधन की शुरुआत उनलोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ की, जिन्होंने दुनिया भर में कोरोना के कारण अपनी जान गँवाई। उन्होंने कहा कि 2014 और 2019 में भाजपा को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को जनता ने जनादेश दिया। उन्होंने बिहार को बुद्ध-महावीर और चन्द्रगुप्त-चाणक्य की भूमि बताया।
शाह ने कहा कि जब भी नेतृत्व का संकट आया, बिहार ने देश को राह दिखाया। उन्होंने राजेंद्र प्रसाद, जगजीवन राम, डॉक्टर श्रीकृष्ण सिंह और जयप्रकाश नारायण को याद किया, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में योगदान दिया। राजद पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों ने देर-सबेर पीएम मोदी की अपील मानी और थाली बजाई। हालाँकि, उन्होंने इसे चुनावी रैली कहने से इनकार कर दिया और कहा कि ये जनसम्पर्क रैली है।
उन्होंने कहा कि जब कोरोना जैसी आपदा आई है, ऐसे में भाजपा अपना जनसम्पर्क का संस्कार नहीं छोड़ सकती। उन्होंने कहा कि जो लोग दिल्ली में बैठ कर तंज कस रहे हैं, वो पटना से दरभंगा तक वर्चुअल रैली ही कर लेते। उन्होंने बताया कि भाजपा ने कुल 75 वर्चुअल रैली की योजना बनाई है। उन्होंने इसे चुनावी रैली बताने वालों को वक्रदृष्टा बताया, जो सीधी चीज को भी टेढ़ी देखते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार ने हमेशा पीएम मोदी की झोली वोटों से भर दी है।
देश की 130 करोड़ जनता मोदी जी के साथ कोरोना की लड़ाई में चट्टान की तरह खड़ी है: श्री @AmitShah #बिहार_जनसंवाद pic.twitter.com/rPZWLZS7pw
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उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत का योगदान आज़ादी के समय देश की जीडीपी में बहुत ज्यादा था, लेकिन बाद में यहाँ विकास रुक गया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर से चालू किया। उन्होंने कहा कि राजग सरकार गरीबों, दलितों और आदिवासियों के लिए काम कर रही है। आज 50 करोड़ लोग आयुष्मान भारत के अंतर्गत आए हैं, जिनमें से 1 करोड़ लोगों इलाज करा इसके लाभार्थी बने।
पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने आँकड़े गिनाए कि अब तक 8 करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस चूल्हे दिए गए, जिससे उन्हें प्रदूषण और बीमारी से मुक्ति मिली। साथ ही 2.5 करोड़ लोगों तक बिजली पहुँचाई गई। उन्होंने कहा कि सौभाग्य योजना के तहत उन 20,000 गाँवों में बिजली पहुँची, जहाँ आज़ादी से अब तक लालटेन का जमाना था। उन्होंने बताया कि 10 करोड़ घरों अंदर शौचालय बनवाकर पीएम मोदी ने माताओं-बहनों को सम्मान दिया।
अमित शाह ने जानकारी दी कि अब तक ढाई करोड़ लोगों को घर दिया जा चुका है और मोदी सरकार का संकल्प है कि स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ तक देश में एक भी व्यक्ति बेघर न रहे। उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब हमारे सीमाओं में कोई भी घुस जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर साहस दिखाया। आज दुनिया मानती है कि अमेरिका और इजरायल के बाद भारत के पास ही अपनी सीमाओं की सुरक्षा की क्षमता है।
राहुल गांधी हमेशा कहते थे कि किसानों का कर्ज माफ करो। 10 साल उनकी सरकार रही थी, तो वो दावा करते हैं कि करीब 3 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया: श्री @AmitShah #बिहार_जनसंवाद pic.twitter.com/UlcLahuvzE
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अमित शाह ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने वाले निर्णय के बारे में कहा कि हमने उन चीजों को निपटाया, जो 70 साल से अटके पड़े थे। इसी क्रम में उन्होंने तीन तलाक हटाने को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ट्रिपल तलाक को तलाक दिया। राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का रास्ता भी प्रशस्त हो गया, क्योंकि इससे पहले की सरकारों के पास इच्छाशक्ति ही नहीं थी। अब भव्य राम मंदिर बन रहा है। शाह ने कहा:
“करोड़ों शरणार्थी भाइयों-बहनों को नागरिकता देकर उनके सम्मान की चिंता राजग सरकार ने की है। 25 करोड़ लोगों तक पाइप पहुँचा कर शुद्ध पानी पहुँचाने की व्यवस्था की गई है। किसान सम्मान योजना के तहत किसानों के खातों में मदद भेजी गई। राहुल गाँधी कर्जमाफी की बातें करते थे। हमने 9.5 करोड़ किसानों के अकाउंट में 72 हज़ार करोड़ रुपया दिया। ये हर साल जाएगा। हमने सीडीएस के पद का सृजन कर तीनों सेनाओं में समन्वय बिठाया और ‘वन रैंक वन पेंशन’ की व्यवस्था की। पीएम मोदी ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों और मछुआरों का ध्यान रखा।”
अमित शाह ने जनता कर्फ्यू की सफलता की बात करते हुए पीएम मोदी की तुलना लाल बहादुर शास्त्री से की। उन्होंने याद दिलाया कि पहले ऐसी आपदाओं के दौरान सरकारें निष्क्रिय रहा करती थीं। लेकिन आज कोरोना के वैश्विक आँकड़े को देखें तो इतनी विशाल जनसँख्या वाला देश सुरक्षित नज़र आता है।
उन्होंने इस दौरान बिहार के मजदूरों की बात करते हुए कहा कि देश के कई विकसित राज्य उन्हीं के पसीनों से चल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था के लिए पीएम मोदी ने पहले ही फंड्स की व्यवस्था कर दी थी और सभी राज्य को कॉल कर मजदूरों का ध्यान रखने को कहा था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कोरोना आपदा के दौरान भी कई बार सभी राज्यों की सरकारों के साथ विचार-विमर्श किया।