बिहार में लोकसभा चुनावों से पहले ही आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। इसी क्रम में अब पूर्व सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खाने में मेमोरी लॉस की दवा मिलाकर दी जा रही है। कुछ ऐसा ही बयान प्रशांत किशोर ने भी दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाजीपुर में शनिवार (14 अक्टूबर, 2023) को मीडिया से बात करते हुए अरुण कुमार ने नितीश कुमार के मेमोरी लॉस का दावा किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चीजें भूल जा रहे हैं। उन्हें खाने में मेमोरी लॉस की दवा मिलाकर खिलाई जा रही है। अरुण कुमार ने कहा कि इसकी जाँच कराई जानी चाहिए।
दरअसल, नितीश कुमार के मेमोरी लॉस का मुद्दा प्रशांत किशोर ने उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री के कुछ समय के बात-व्यवहार का हवाला देते हुए कहा कि मानसिक रूप से कमजोर करने के लिए उन्हें ऐसी दवा ललन सिंह के कहने पर दी जा रही है।
जदयू अध्यक्ष ललन सिंह पर गंभीर आरोप
नीतीश कुमार के भूलने की बीमारी की तरफ इशारा करते हुए चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण कुमार ने इसके लिए जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और कुछ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया।
पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति खराब हो गई है। वह जनता दरबार में गृह मंत्री खोजने लगते हैं। इसके बाद कोई और उन्हें बताता है कि वह खुद ही प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं।
अरुण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री कभी नेताओं के सिर पकड़कर एक-दूसरे से टकराने लगते हैं। उन्होंने ललन सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग लालू यादव के लिए चारा घोटाला मामले में मुंशी की तरह पैरवी करते थे।
आज वही लालू यादव को मुंशी की तरह समझा दिए हैं कि हम बचा भी सकते हैं। हम फँसाए हैं तो बचा भी सकते हैं। हम नीतीश कुमार को किनारे कर देंगे, आप हमारे नेता हैं, निश्चिंत रहिए। हम जेडीयू को भी खा जाएँगे, आप निश्चिंत रहिए।
उन्होंने कहा कि इन लोगों ने पार्टी को बर्बाद किया। जदयू के कई लोग जो हमसे जुड़े हुए हैं, हमारे पास आ रहे हैं। ऐसी अराजक स्थिति में अब एक ही उम्मीद है चिराग पासवान। जाति, धर्म, पार्टी से ऊपर उठकर सब लोग चिराग को खोज रहे हैं। चाहे खेल का मैदान हो, स्कूल का मैदान हो, कॉलेज हो, गाँव हो, खेत या खलिहान हो।
नीतीश कुमार पर हो रहा उम्र का असर
गौरतलब है कि जनसुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने भी नितीश कुमार के भूलने की बीमारी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को अगर ध्यान से देखिएगा तो पता चलेगा कि उनपर उम्र का असर हो गया है। पिछले एक साल की उनकी पुरानी स्पीच उठाकर देख लीजिए आपको पता चल जाएगा कि वो हर बात को जलेबी की तरह घुमाते रहते हैं। बोलना कुछ चाहते हैं बोल कुछ और जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आपने कभी नीतीश कुमार को किसी फैक्ट्री बनाने को लेकर चर्चा करते सुना? नीतीश कुमार के लिए आज चर्चा का विषय क्या है? उनके लिए आज चर्चा का विषय है कि धरती का नाश होने वाला है। मोबाइल का उपयोग करने से लोग पागल हो रहे हैं। क्या यही नीतीश कुमार का काम है? नीतीश कुमार क्या साइकोलोजिस्ट हैं या मनोवैज्ञानिक हैं? बिहार की जनता ने जो काम नीतीश कुमार को दिया है वो तो ये कर नहीं रहे बाकी बेकार की चीजों में इनका ध्यान रहता है। दुनिया कितने दिनों तक रहेगी कब खत्म हो जाएगी इस पर बात करते हैं।