बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर यादव द्वारा हिंदू धर्मग्रंथ रामचरितमानस को लेकर की गई घोर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बवाल हो गया है। दिल्ली के एक वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत देकर मंत्री के खिलाफ FIR करने की माँग की है। वहीं, चंद्रशेखर अपने बयान पर कायम हैं और जीभ काटने की धमकी देने वाले अयोध्या के महंत परमहंस को तर्क करने की चुनौतीदी है।
दिल्ली के वकील विनीत जिंदल ने शिक्षामंत्री चंद्रशेखर यादव की टिप्पणी को अपमानजनक और भड़काऊ बताते हुए दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से कार्रवाई का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर के खिलाफ FIR एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की माँग की है।
Derogatory & Inciting comments made by Chandrashekar, Bihar, education Minister for holy book of Hindus Shri RamCharitraManas.I am requesting @DCP_CCC_Delhi to lodge FIR against him and take strict legal action. #biharpolitics #Rammandir #Ramcharitmanas pic.twitter.com/5viyM6zN69
— Adv.Vineet Jindal (@vineetJindal19) January 12, 2023
अपनी शिकायत में गोयल ने कहा कि चंद्रशेखर यादव ने लोगों को भड़काते हुए कहा कि मनुस्मृति पिछड़े लोगों के साथ गाली-गलौज करता है तो दूसरी तरफ रामचरितमानस उन्हें अशिक्षित रखने की बात कहता है। उन्हें RSS के पहले सरसंघचालक गोलवरकर ने अपनी किताब ‘बंच ऑफ थॉट’ में भी यही बात कही है।
बता दें कि ‘नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी’ के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए RJD नेता चंद्रशेखर यादव ने रामचरितमानस को समाज को बाँटने वाला ग्रंथ बताया। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस दलितों-पिछड़ों को शिक्षा ग्रहण करने से रोकता है। संबोधन के बाद मीडिया के सामने भी बिहार के शिक्षा मंत्री अपने बयान पर कायम नजर आए।
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने रामचरितमानस के एक दोहे “अधम जाति में विद्या पाए, भयहु यथा अहि दूध पिलाए” का जिक्र करते हुए कहा कि यह समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि दोहे में अधम का अर्थ नीच होता है जिसे उन्होंने जाति से जोड़ते हुए कहा कि इस दोहे के अनुसार नीच जाति अर्थात दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार नहीं था।
चंद्रशेखर यादव के बयान पर अयोध्या के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने उनकी जीभ काट कर लाने वाले को 10 करोड़ रुपए देने की बात कही है। उन्होंने इस बयान को सनातनियों का अपमान बताते हुए कहा, “मैं माँग करता हूँ कि शिक्षामंत्री को एक सप्ताह के अंदर उनके पद से हटाया जाए और उन्हें माफी माँगनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं फिर बिहार के शिक्षा मंत्री का जीभ काट कर लाने वाले को 10 करोड़ रुपए का पुरस्कार दूँगा।”
इतना ही नहीं, चंद्रशेखर ने अपने संबोधन के दौरान कहा था कि वे जाति-पाँति को खत्म करने के उद्देश्य से अवे अपने नाम में सरनेम नहीं लगाते हैं। हालाँकि, उनका यह बयान गलत है। साल 2005 में जब वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे थे, जब उन्होंने अपने सरनेम का पंपलेट छपवाकर खूब बाँटा था।
बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, “बिहार के शिक्षामंत्री महाबोगस ही नहीं महाझूठा आदमी हैं। आत्ममुग्धता भरा प्रवचन सुनिए, ‘सिर्फ चंद्रशेखर लिखते हैं, नाम के आगे-पीछे कुछ नहीं लिखते’। यानी जाति से ऊपर उठ गए हैं। चुनावी पर्चा में ‘यादव’ लिखकर वोट माँगते हैं।”
बिहार के शिक्षामंत्री महाबोगस ही नहीं महाझूठा आदमी हैं।
— Nikhil Anand (@NikhilAnandBJP) January 12, 2023
आत्ममुग्धता भरा प्रवचन सुनिए, "सिर्फ चंद्रशेखर लिखते हैं, नाम के आगे-पीछे कुछ नहीं लिखते।"
यानी जाति से ऊपर उठ गए है।
चुनावी पर्चा में 'यादव' लिखकर वोट मांगते हैं।
काम करो।
बकवास बंद करो।
छात्र- युवाओं को बेवकूफ मत बनाओ। pic.twitter.com/wkkLHgqQeE
चंद्रशेखर यादव ने कहा कि वे अपने बयान पर अभी भी कायम हैं। उन्होंने कहा, “जो मेरी जीभ काटना चाहते हैं, मुझे जेल भेजवाना चाहते हैं, वो हमसे तर्क करें। ये नागपुर से चलने वाला छद्म हिंदूवाद नहीं चलेगा।” उधर बवाल बढ़ने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने उनके बयान को निजी बयान बताकर पल्ला झाड़ लिया।