बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोमवार (नवंबर 16, 2020) को शाम साढ़े 4 बजे होने वाले नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है और तेजस्वी यादव ने भी उसमें हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। इधर बौखलाए राजद (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार और भाजपा को लेकर विवादित बयानबाजी की है। नवंबर 2019 में उन्हें RJD का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार पहले तो धोखाधड़ी से मुख्यमंत्री बन जाते थे, लेकिन इस बार तो वो मुख्यमंत्री हैं ही नहीं। उन्होंने नीतीश कुमार को ‘भाजपा की गोद में पलने वाला’ बताया। साथ ही कहा, “पूरे बिहार की जनता और मतदाताओं के साथ भाजपा ने जो बलात्कार किया है, जनादेश की जो डकैती भाजपा ने की है, उसी की पैदाइश हैं नीतीश कुमार।” उन्होंने बिहार में गठित होने वाली नई सरकार को भी अवैध करार दिया।
जगदानंद सिंह ने कहा कि जब जनादेश राजद के पास है तो फिर समारोह का सवाल ही कहाँ उठता है। उन्होंने इसे ‘नीतीश कुमार के अंत’ का समारोह करार दिया। राजद के नक्शेकदम पर चलते हुए कॉन्ग्रेस और वामपंथी पार्टियों ने भी इस शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने की बात कही है। चुनाव के समय इसी तरह अब्दुलबारी सिद्दीकी ने पीएम मोदी के लिए अपशब्द का प्रयोग किया था। हालाँकि, वो चुनाव हार गए।
#WATCH Earlier he used to become CM by betrayal, this time he cannot be called CM…Nitish Kumar is born out of the rape and robbery of people’s mandate by BJP: RJD Bihar President Jagdanand Singh on boycotting CM swearing-in ceremony pic.twitter.com/JiED8PB4uO
— ANI (@ANI) November 16, 2020
राजद (RJD) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि पार्टी शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है, क्योंकि बदलाव का जनादेश NDA के विरुद्ध है। पार्टी ने आरोप लगाया कि जनादेश को ‘शासनादेश’ से बदल दिया गया। साथ ही सलाह दी कि बिहार के बेरोजगारों, किसानों, संविदाकर्मियों और नियोजित शिक्षकों से पूछे कि उन पर क्या गुजर रही है। राजद ने दावा किया कि NDA के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है और उसके नेता जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता के साथ खड़े हैं।
75 साल के जगदानंद सिंह बिहार के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और राजद का राजपूत चेहरा माने जाते हैं। कहा जाता है कि बिहार में चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव के हर फैसले के पीछे इनकी राय ज़रूर होती थी। वे 2009 में बक्सर से सांसद चुने गए थे। उससे पहले उन्होंने लगातार 4 बार कैमूर के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। उनसे पहले रामचंद्र पूर्वे एक दशक तक राजद के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे।
गौरतलब है कि बिहार में तीसरे चरण के मतदान से पहले अब्दुलबारी सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘दंगेवाला सीएम’ के रूप में संदर्भित किया था। उन्होंने कहा था, “मोदी जी को यह अहसास नहीं हो रहा है कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं। उन्हें अब भी लग रहा है कि वह गुजरात के वही दंगेवाले सीएम हैं।” सोशल मीडिया पर लोगों ने उनके इस बयान का जमकर विरोध किया था।
बता दें कि बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में राजद सब बड़ी पार्टी बन कर तो उभरी, लेकिन राजग गठबंधन ने बहुमत का आँकड़ा पार किया। तमाम बड़े चैनलों के एग्जिट पोल्स के उलट NDA ने सत्ता में वापसी की। राजग गठबंधन में भाजपा को 74 और जदयू को 43 सीटें आईं। गठबंधन के छोटे दलों ‘हम’ और वीआईपी 4-4 सीटें जीतीं। अब ये चारों दल मिल कर सरकार बनाने जा रहे हैं। भाजपा ने तारकिशोर प्रसाद को विधानमंडल का नेता और रेणु देवी को उपनेता चुना है।