संत तुलसीदास कृत पवित्र हिन्दू धर्म ग्रन्थ रामचरितमानस को कूड़ा-कचरा बताने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने अब बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा, “बाबा बागेश्वर अगर गंदे काम करने आएँगे तो बिहार इजाजत नहीं देगा, अगर नफरत फैलाने आए हो तो आडवाणी भी जेल गए थे, और लोग भी जाएँगे। बागेश्वर बाबा हो या कोई बाबा हों, उनके पास कोई तिलस्म या चमत्कार नहीं है।”
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और उनके जैसे अन्य लोग धर्म के नाम पर व्यापार करते हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर बालाजी धाम लाखों अनुयायी पहुँचते हैं। वहाँ भगवान हनुमान का मंदिर है, जिसके महंत पंडित शास्त्री हैं। उधर राजद नेता व मंत्री तेज प्रताप यादव पूरी की पूरी सेना तैयार कर के बैठे हैं। वहीं पूर्व उप-मुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशिल कुमार मोदी ने राजद नेताओं को चुनौती दी है कि वो इस्लाम और ईसाई प्रचारकों पर ऐसी टिप्पणी कर के दिखाएँ।
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राजद को जगदानंद और चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। जगदानंद ने राम मंदिर को ‘नफरत की जमीन पर बनने वाला धर्मस्थल’ कहा था। मोदी ने पूछा कि लालू यादव ने इस बयान पर मौन साधा, किसका वोट पाने के लिए? उन्होंने याद किया कि जैसे राजद नेता गुलाम रसूल बलियावी ने पूरे बिहार को कर्बला की भूमि बना देने की धमकी दी थी। सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष में रहने पर राजद को मंदिर और हवन-पूजन याद आता है, जबकि सत्ता में आते ये लोग अहंकारी हो जाते हैं।
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर का बड़ा बयान, बोले: 'बाबा बागेश्वर अगर गंदे काम करने आएंगे तो बिहार इजाज़त नहीं देगा, अगर नफरत फैलाने आए हो तो आडवाणी भी जेल गए थे और लोग भी जाएंगे… बागेश्वर बाबा हो या कोई बाबा हो… उनके पास कोई तिलस्म या चमत्कार नहीं है। यह लोग धर्म के… pic.twitter.com/AJVKkm3mOZ
— Bihar Tak (@BiharTakChannel) May 2, 2023
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा, “बाबा के चमत्कार की हवा तो मशहूर माइंड रीडर सुहानी शाह निकाल चुकी हैं। उनका सारा तिलस्म झूठ का कबाड़ है।” बता दें कि शनिवार (13 मई, 2023) को पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बिहार पहुँच रहे हैं। पटना के नौबतपुर में उनका कार्यक्रम होना है। बिहार-झारखंड से लाखों श्रद्धालु आने वाले हैं। आयोजकों का कहना है कि इसके सामने गाँधी मैदान भी छोटा पड़ गया है।